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75+ ज़माना / ज़माने शायरी 2 लाइन - ज़माना / ज़माने Status


 75+ ज़माना / ज़माने  शायरी 2 लाइन  -  ज़माना / ज़माने Status  


दोस्तों हिंदी उर्दू शायरी के इस Post की Topic हैं " ज़माना / ज़माने Shayari". इसमें आप पढ़ सकते हैं ज़माना / ज़माने शायरी 2 लाइन, ज़माना / ज़माने शायरी in Urduज़माना / ज़माने Statusज़माना / ज़माने शायरी Hindi,  ज़माना / ज़माने शायरी 4 लाइन, पर बनी बेजोड़ शानदार शायरी को, मित्रो आशा करता हूँ कि यह पोस्ट आप सभी शायरी के चाहने वालो को बेहद पसंद आएगी

 Zamaana-Zamane-Shayari-2-Line
 Zamaana-Zamane Shayari 2 Line

चुपके-चुपके रात दिन आँसू बहाना याद है, हमको अब तक आशिक़ी का वो ज़माना याद है.


दोस्तों आईये आज शेर-ओ-शायरी पर आधारित "Zamaana-Zamane Shayari" के इस बेहतरनी कलेक्शन को पढ़ते हैं.और बेहतरीन शायरियों का लुफ्त उठाते हैं. और अपनी पसंद की ज़माना पर बानी शायरी को शेयर करते हैं. 


निकलो न बेनकाब, ज़माना खराब है, और इसपे ये शबाब, ज़माना खराब है, मतलब छुपा हुआ है यहाँ हर सवाल पर, दो सोचकर जवाब, ज़माना खराब है

1
ज़माना 👈 चाहता है क्यों,
मेरी फ़ितरत बदल देना,

इसे क्यों ज़िद है 
आख़िर,फूल को पत्थर बनाने की..

Zamaana Chahata Hai Kyu, 
Meri Fitarat Badal Dena,

Ise Kyu Zid Hain Aakhir, 
Phool Ko Patthar Banaane Ki..



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2
कौन हमारे दर्द को समझा 
किसने गम मे साथ दिया,

कहने को साथ हमारे तुम क्या 
एक ज़माना 👈 था..

3
ज़माना 👈 तो बड़े शौक से सुन रहा था,
हम ही रो पड़े दास्ताँ कहते कहते..

Zamana Toh Bade Shauk Se Sun Raha Tha,
Hum Hi Ro Pade Daastan Kahte Kahte.

4
थोड़ा हट के चलता हूँ ज़माने 👈 की रिवायत से,
कि जिनपे मैं बोझ डालूँ वो कंधा याद रखता हूँ..

   ज़माना / ज़माने Shayari   

5
मैं अपना रक़्स-ए-जाम तुझे भी दिखाऊँगा,
ऐ गर्दिश-ए-ज़माना 👈 मेरे दिन अगर फिरे..
फ़ना निज़ामी

6
सच को मैंने सच कहा, 
जब कह दिया तो कह दिया,

अब ज़माने 👈 की नज़र में 
ये हिमाकत है तो है.. 

7
मासूम मोहब्बत का बस इतना फसाना है,
कागज़ की हवेली है बारिश का 👉 ज़माना है..

8
अपना ज़माना आप बनाते हैं अहले-दिल,
हम वे नहीं कि जिसको 👉 ज़माना बना गया..
ज़िगर

9
मेरा कमाल-ए-शेर बस इतना है ऐ "जिगर",
वो मुझ पे छा गए मैं 👉 ज़माने पे छा गया..

10
रूठा हुआ है मुझसे इस बात पर 👉 ज़माना
शामिल नहीं है मेरी फ़ितरत में सर झुकाना..

11
भड़का रहे हैं आग लब-ए-नग़्मागार से हम
ख़ामोश क्या रहेंगे 👉 ज़माने के डर से हम..
साहिर

12
दबा के चल दिए सब क़ब्र में, 
दुआ न सलाम,

ज़रा सी देर में 
क्या हो गया 👉 ज़माने को..

   ज़माना / ज़माने शायरी in Urdu   

13
हमीं पे ख़त्म हैं जौर-ओ-सितम 👉 ज़माने के,
हमारे बाद उसे किस की आरज़ू होगी..
फ़सीह अकमल

14
सबसे अलग सबसे न्यारे हो आप,
तारीफ कभी पुरी ना हो इतने प्यारे हो आप,

आज पता चला कि 👉 जमाना क्यों जलता है हमसे,
क्यों कि दोस्त तो आखिर हमारे हो आप..

15
आज आई बारिश तो 
याद आया वो 👉 जमाना,

वो तेरा छत पे रहना 
और मेरा सडको पे नहाना..

16
कर लो एक बार याद मुझको,
हिचकियाँ आए भी 👉 ज़माना हो गया..

Kar Lo Ek Baar Yaad Mujhako,
Hichkiyan Aaye Bhi Zamaana Ho Gaya..

17
ये 👉 जमाना जल जायेगा
किसी शोले की तरह,

जब उसके हाथ में खनकेगा 
मेरे नाम का कंगन..

Ye Zamana Jal Jayega 
Kisi Shole Ki Tarah,

Jab Uske Hath Me Khnkega 
Mere Naam Ka Kangan.

18
लगाई है जो ये सीने में आग तुमने मेरे,
अब वही आग 👉 ज़माने को लगा दूँ क्या मैं..

19
पहले तराशा उस ने 
मेरा वजूद शीशे से "फ़राज़",

फिर 👉 ज़माने भर के हाथों में 
पत्थर थमा दिए..


19
चालाकियां 👉 ज़माने की देखा किये सहा किये,
उम्र भर लेकिन वही सादा-दिल इंसान से रहे..

20
पहले तो 👉 ज़माने में कहीं खो दिया ख़ुद को,
आईने में अब अपना पता ढूँढ रहे हैं..
राजेश रेड्डी

21
कभी तो अपने अन्दर भी कमियां ढूढ़े,
ज़माना 👈 मेरे गिरेबान में झाँकता क्यूँ हैं?

Kabhi Toh Apne Andar Bhi Khamiyan Dhunde,
Zamaana Mere Gireban Mein Jhankta Kyu Hai?

   ज़माना / ज़माने Shayari   

22
हमारे नक्शे पा पे चलते-चलते,
जमाना 👈 हमसे आगे निकल गया..            
सईद सय्यद अख्तर

23
बड़ा जालिम जमाना है यहां हर शख्स सयाना है,
यह मैं नहीं कहता ये भी कहता 👉 जमाना है..

24
देख कर दिल-कशी ज़माने 👈 की,
आरज़ू है फ़रेब खाने की..

25
उन से एक पल में कैसे बिछड़ जाए हम,
जिनसे मिलने मैं शायद ज़माने 👈 लगे..

   ज़माना / ज़माने शायरी in Urdu   

26
ज़माना 👈 एक दिन मुझको 
इन्हीं लफ़्ज़ों में ढूँढेगा,

वो हर एहसास जो 
लफ़्ज़ों में ढाला छोड़ जाऊँगा..

27
चलो कि हम भी ज़माने 👈 के साथ चलते हैं,
नहीं बदलता ज़माना तो हम बदलते हैं..
सदा अम्बालवी

28
तुम फिर उसी अदा से अंगड़ाई लेके हँस दो
आ जाएगा पलट कर गुज़रा हुआ 👉 ज़माना..
कीलबदायुनी

Tum Fir Usi Aada Se Angadayi Leke Hans Do,
Aa Jayega Palat Kar Guzara Hua Zamana...

29
जमाना 👈 हो गया है 
देखो मेरी चाहत नही बदली,

उसकी जिद नही बदली 
मेरी आदत नही बदली..

Zamaana Ho Gaya Hai 
Dekho Meri Chahat Nahi Badali,

Usaki Zid Nahi Badali 
Meri Aadat Nahi Badali..

30
रुके तो गर्दिशें उसका तवाफ़ करती हैं
चले तो उसको ज़माने 👈 ठहर के देखते हैं..

31
 वो इक झलक दिखा के जिधर से निकल गया,
इतनी तपिश बढ़ी कि ज़माना 👈 पिघल गया.. 

32
परवाह नहीं चाहे जमाना 👈 कितना भी खिलाफ हो,
चलूँगा उसी राह पर जो सीधी और साफ हो..

33
बस एक ख़ुद से ही अपनी नहीं बनी वरना,
ज़माने 👈 भर से हमेशा बना के रखतें हैं..

34
वो शख्स एक हि लम्हे में टूट-फूट गया,
जिसे तराश रहा था मैं एक 👉 ज़माने से..
क़बाल अशहर

35
वही ज़मीन है वही आसमान वही हम तुम,
सवाल यह है 👉 ज़माना बदल गया कैसे..

Wohi Zamin Hai Wohi Asmaan Wohi Hum Tum,
Sawal Ye Hai Zamana Badal Gaya Kaise

36
चिरागों के बदले मकाँ जल रहे है,
नया है 👉 जमाना नई रौशनी.. 
खुमार बाराबंकवी

37
कोई पत्थर की मूरत है, 
किसी पत्थर में मूरत है,

लो हमने देख ली दुनिया, 
जो इतनी खुबसूरत है.

जमाना 👈 अपनी समझे पर, 
मुझे अपनी खबर यह है.

तुझे मेरी जरुरत है, 
मुझे तेरी जरुरत है..

Koi patthar ki murat hain, 
kisi patthr main murat hain,

Lo Humne Dekh Le Duniya, 
jo itni Khubsurat Hain.

Zamana Apni Samjhe Par, 
Mujhe Apni Khabr Yah Hain,

Tujhe Meri Jarurat Hain. 
Mujhe Teri Jarurat Hain.. 

   ज़माने शायरी 4 लाइन   

38
मोहब्बत मे ऐसे कदम डगमगाए,
ज़माना 👈 यह समझा के हम पी के आए..
सरत जयपुरी

39
ज़माना 👈 याद करे या सबा करे ख़ामोश,
हम इक चराग़-ए-मोहब्बत जलाए जाते हैं..


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40
नहीं बिकता हूँ मैं बाज़ार की मैली नुमाइश में
ज़माने 👈 में मुझे तो बस मेरे हक़दार पढ़ते हैं..

41
खुद से जीतने की जिद है मुझे 
खुद को ही हराना है,

मै भीड़ नहीं हूँ दुनिया की,
मेरे अन्दर एक ज़माना 👈 है..

Khud Se Jeetane Ki Zid Hai Mujhe 
Khud Ko Hi Harana Hai,

Main Bheed Mahi Hun Duniya Ki, 
Mere Andar Ek Zamaana Hai.


 75+ ज़माना / ज़माने  शायरी 2 लाइन  -  ज़माना / ज़माने Status  


42
बदला हुआ वक़्त है, ज़ालिम 👈 ज़माना है,
यहां मतलबी रिश्ते है, फिर भी निभाना है..

Badala Hua Waqt Hai, Zalim Zamaana Hai,
Yaha Matalabi Rishte Hai, Fir Bhi Nibhana Hai..


43
अब नही करेंगें हम फिक्र तेरी,
क्युकी  तुम्हारी फिक्र तो ज़माना 👈 करता हैं..

Ab Nahi Karenge Ham Fikr Teri,
Kyuki Tumhara Fikar To Zamaana Karta Hai..

44
ये अपनी कहानी ज़माने 👈 में "हसरत"
सभी को पता है, सभी को ख़बर है..

45
बरसात की भीगी रातों में 
फिर कोई सुहानी याद आई,

कुछ अपना ज़माना 👈 याद आया 
कुछ उनकी जवानी याद आई..

46
यूँ ही नहीं मशहूर-ए-ज़माना 👈 मेरा क़ातिल,
उस शख़्स को इस फ़न में महारत भी बहुत थी..

47
मैने देखा है ज़माने को शराबें पी कर,
दम निकल जाये अगर होश में आकर देखूँ..

48
दुश्मनी एक पल में होतीं है,
दोस्ती को जमाने 👈 लगते हैं..
खुरशीद अख्तर

49
क्या खाक़ तरक्की की है 👉 ज़माने ने,
मर्ज़े-इश्क़ तो अब भी ला-इलाज है..

50
कहते हैं कि उम्मीद पे जीता है 👉 ज़माना,
वो क्या करे जिसे कोई उम्मीद ही नहीं..

51
हमने छोड़ा था 👉 ज़माना जिन्हें पाने के लिए,
लो वही छोड़ चले हमको ज़माने के लिए.. 

52
क्यूँकर हुआ है फ़ाश 👉 ज़माने पे क्या कहें,
वो राज़-ए-दिल जो कह न सके राज़-दाँ से हम.. 

   ज़माना / ज़माने शायरी in Urdu   

53
वो 👉 ज़माना भी तुम्हें याद है तुम कहते थे,
दोस्त दुनिया में नहीं दाग से बेहतर अपना..

54
न रुकी वक़्त की गर्दिश और न 👉 ज़माना बदला
पेड़ सुखा तो परीन्दो ने, ठिकाना बदला..

Na Ruki Waqt Ki Grdish Aur Na Zamana Bdala,
Ped Sukha To Prindo Ne Thikana Bdala..

55
छोड़ तो दी, रस्मे उल्फत 👉 ज़माने के लीए,
मर मर के जिए है, हम दुआओं में उम्र ले कर..

56
ये इश्क़ जिसके क़हर से डरता है 👉 ज़माना,
कमबख्त मेरे सबर के टुकड़ों पे पला है..

57
मिसाल उसकी क्या देगा 👉 ज़माना,
जिसे खुदा भी खुद लाजवाब कहता है..

58
ज़माना 👈 कान भरता है हमारे,
हमें मालूम है, मासूम है तू..

59
अपनी मोहब्बत के लिए आशियाना बदल देंगे, 
दिल ने चाहा तो ये फ़साना 👈 बदल देंगे,
अरे दुनिया वालों तुम्हारी हस्ती ही क्या है, 
जरूरत पड़ी तो सारा ज़माना 👈 ही बदल देंगे..

60
आज अश्क से आँखों में क्यों हैं आये हुए,
गुजर गया है ज़माना 👈 तुझे भुलाये हुए..

Aaj Ashq Se Aankhon Mein Kyun Aaye Hue,
Gujar Gaya Hai Zaman Tujhe Bhulaye Hue..

   ज़माने शायरी 4 लाइन   

61
किस-किस को बताएँगे जुदाई का सबब हम,
तू मुझ से खफा है तो ज़माने 👈 के लिए आ..

62
दिल की आवाज़ से आवाज़ मिलाते रहिये,
जागते रहिये 👉 ज़माने को जगाते रहिए..

63
इस बे-वफ़ाइयों के 👉 जमाने में दोस्तो,
मेरी यही क्गता है कि मैं बेवफ़ा नही..    
खलिश

64
एक 👉 ज़माना हुआ वैसे तो तुझ से बिछड़े हुए,
तू मगर मुझे अभी अभी बीते पल की तरह याद है..

65
खा कर ठोकर 👉 ज़माने की, 
फिर लौट आये मयखाने में,

मुझे देख कर मेरे ग़म बोले, 
बड़ी देर लगा दी आने में..

66
मेरे साथ तू रहेगा तो 👉 ज़माना क्या कहेगा,
मेरी इक यही तमन्ना तेरा इक यही बहाना..

67
कौन है अपना कौन पराया क्या सोचें,
छोड़ 👉 ज़माना तेरा भी है मेरा भी..

68
ग़म-ए-ज़माना 👈 ने मजबूर कर दिया वर्ना,
ये आरज़ू थी कि बस तेरी आरज़ू करते..



69
दिल धड़कने लगता है अब तो हवा के शोर से,
एक वो ज़माना 👈 था टकराते थे तूफानों के साथ..

70
क्या हुस्न ने समझा है क्या इश्क ने जाना है,
हम खाक नशीनो की ठोकर में ज़माना 👈 है..

71
शायरी में मीरो-ग़ालिब के ज़माने 👈 अब कहाँ,
शोहरतें जब इतनी सस्ती हो अदब देखेगा कौन..

72
मोहब्बत तेरा मेरा मसला था,
ये 👉 ज़माना बीच में क्यूँ आ गया..

73
अदाओं-वफाओ का 👉 ज़माना गया यारो, 
सिक्को की खनक बताती है रिश्ता कितना मजबूत है..

75
बे-वफ़ाई का 👉 ज़माना है मगर आप "हफीज़"
नग़मा-ए-मेहर-ए-वफा सब को सुनाते रहिये..


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76
छोड़ दें कोशिशें इंसानों को पहचानने की,
यहाँ जरूरतों के हिसाब से बदलते नकाब हैं,

अपने गुनाहों पर सौ पर्दे डालकर,
हर शख्स कहता है  👉 जमाना बड़ा खराब हैं..

दोस्तों आशा करता हूँ की "   75+ ज़माना/ज़माने  शायरी 2 लाइन - ज़माना/ज़माने Status  " की पोस्ट आपको पसंद आयी होगी। आपने पढ़ा होगा ज़माना/ज़माने शायरी in Urduज़माना/ज़माने Status Hindiज़माना/ज़माने शायरी 4 लाइन, पर बनी बेजोड़ शानदार शायरी को, यह पोस्ट पसंद आयी हो तो अपने दोस्तों में शेयर कीजियेगा.


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