दोस्तों लाज़वाब शायरी के इस Post की Topic Nafrat Shayari हैं. इसमें आप पढ़ सकते हैं नफ़रत शायरी 2 लाइन, नफ़रत शायरी in Urdu, Nafrat Status, नफ़रत शायरी 4 लाइन, पर बनी बेजोड़ शानदार नफ़रत शायरी को, मित्रो आशा करता हूँ कि यह पोस्ट आप सभी शायरी के चाहने वालो को बेहद पसंद आएगी.
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Nafrat Shayari |
पढ़ते हैं अब नफरत शब्द पे बनी ढेरो अपनी मन पसंद शायरी को जो शेर-ओ-शायरी कद्र्दानो को पसंद आएगा तो देर कैसी आईये पढ़ते हैं और साथ ही शेयर करते हैं अपने दोस्तों को फेसबुक और व्हाट्सएप्प पर.
55+ नफ़रत शायरी 2 लाइन - Nafrat Status
अदावत तो है अपनी नफरतों के रहनुमाओं से।
जो दिल में दे जगह उससे भला न क्यूँ सुलह कर लें।।
◼ 2
मैं काबिले नफरत हूँ, तो छोड़ दे मुझको।
तू मुझसे यूँ दिखावे की मोहब्बत न किया कर।।
◼ 3
नफरत मत करना मुझसे,
बुरा लगेगा।
बुरा लगेगा।
बस एक बार प्यार से कह देना,
अब तेरी जरूरत नहीं।।
◼ 4
ना मेरा प्यार कम हुआ, ना उनकी नफरत।
अपना अपना फर्ज था, दोनों अदा कर गये।।
Naa Pyar Kam Hua, Naa Usaki Nafarat,
Apna Apna Farj Tha, Dono Ada Kar gaye..
Nafrat Status
◼ 5
अपना अपना फर्ज था, दोनों अदा कर गये।।
Naa Pyar Kam Hua, Naa Usaki Nafarat,
Apna Apna Farj Tha, Dono Ada Kar gaye..
Nafrat Status
◼ 5
ये तेरी हल्की सी नफ़रत और थोड़ा सा इश्क़।
यह तो बता ये मज़ा-ए-इश्क़ है या सजा़-ए-इश्क़।।
◼ 6
मोहब्बत में मेरे जज़्बात से तो खूब खेली तू।
मेरे इश्क़ को नफरत के तराजू में तौलकर बेच डाली।।
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◼ 7
मुझे नफ़रत सी हो गयी है
अपनी जिन्दगी से।
अपनी जिन्दगी से।
और तू ज्यादा खुश ना हो,
क्योंकि तू ही मेरी जिन्दगी है।।
क्योंकि तू ही मेरी जिन्दगी है।।
◼ 8
प्यार में बेवाफाई मिले तो गम न करना,
अपनी आँखे किसी के लिए नम न करना।
वो चाहे लाख नफरते करें तुमसे,
पर तुम अपना प्यार कभी उसके लिए कम न करना।।
◼ 9
प्यार करना सिखा है
नफरतो की कोई जगह नही।
बस तु ही तु है इस दिल मे,
दूसरा कोई और नही।।
Pyar Karana Sikha Hain,
Nafarato Ki Koi Jagah Nahi.
Bas Tu Hi Tu Hai Is Dil Me,
Dusara Koi Aur Nahi..
◼ 10
जो मुझसे नफरत करते हैं शौक से करें।
हर शख्स को मैं अपनी मोहब्बत के काबिल नहीं समझती।।
Jo Mujhase Nafarat Karate Hai Shaukh Se Kare,
Har Shaks Ko Mai Apani Mohabbat Ke Kabil Nahi Samjhati..
प्यार में बेवाफाई मिले तो गम न करना,
अपनी आँखे किसी के लिए नम न करना।
वो चाहे लाख नफरते करें तुमसे,
पर तुम अपना प्यार कभी उसके लिए कम न करना।।
◼ 9
प्यार करना सिखा है
नफरतो की कोई जगह नही।
बस तु ही तु है इस दिल मे,
दूसरा कोई और नही।।
Pyar Karana Sikha Hain,
Nafarato Ki Koi Jagah Nahi.
Bas Tu Hi Tu Hai Is Dil Me,
Dusara Koi Aur Nahi..
◼ 10
जो मुझसे नफरत करते हैं शौक से करें।
हर शख्स को मैं अपनी मोहब्बत के काबिल नहीं समझती।।
Jo Mujhase Nafarat Karate Hai Shaukh Se Kare,
Har Shaks Ko Mai Apani Mohabbat Ke Kabil Nahi Samjhati..
◼ 11
तुम्हारी नफरत पर भी लुटा दी ज़िन्दगी हमने।
सोचो अगर तुम मुहब्बत करते तो हम क्या करते।।
◼ 12
अब हम तो नए नफरत करने वाले तलाशा करते हैं।
क्योंकि पुराने वाले तो अब हमसे मोहब्बत किया करते हैं।।
◼ 13
नफरत हो गयी मुझे।
एक मोहब्बत लफ्ज से।।
◼ 14
नफरत करना तो सीखा ही नहीं साहब।
हमने दर्द को भी चाहा है, अपना समझकार।।
◼ 15
ज़्यादा कुछ नहीं बदला उसके और मेरे बीच में।
पहले नफरत नहीं थी और अब प्यार नहीं है।।
◼ 16
इश्क़ करे या नफरत इजाज़त है उन्हें।
हमे इश्क़ से अपने कोई शिकायत नही।।
◼ 17
कुछ दगाबाज़ी हम भी तेरे ऐतबार से करेंगे।
तुझसे नफ़रत भी जालिम ज़रा प्यार से_करेंगे।।
◼ 18
मुझसे नफरत करनी है तो इरादे मजबूत रखना।
जरा से भी चूके तो महोब्बत हो जायेगी।।
Mujhse Nafarat Hi Karani Hai To Irade Majbut Rakhana
Jara Si Bhi CHUK Huyi To Mihabbat Ho Jayegi..
Jara Si Bhi CHUK Huyi To Mihabbat Ho Jayegi..
◼ 19
हक़ से दो तो तुम्हारी नफरत भी कबूल हमें।
खैरात में तो हम तुम्हारी मोहब्बत भी न लें।।
◼ 20
कभी उसने भी हमें चाहत का पैगाम लिखा था
सब कुछ उसने अपना हमारे नाम लिखा था।
सुना है आज उनको हमारे जिक्र से भी नफ़रत है।
जिसने कभी अपने दिल पर हमारा नाम लिखा था।।
◼ 21
देख के हमको वो सर झुकाते हैं,
बुला कर महफ़िल में नजरें चुराते हैं।
नफरत हैं तो कह देते हमसे,
गैरों से मिलकर क्यों दिल जलाते हैं।।
Dekh Ke Hamako Wo Sar Jhukaate Hain,
Bula Kar Mahafil Me Nazare Churaate Hai,
Nafarat Hai To Kah Dete Hamako.
Gairo Se Milkar Kyu Dil Jalaate Ha..
Nafrat Status
◼ 22
कुछ लोग तो मुझसे सिर्फ इसलिए भी नफरत करते हैं।
क्योंकि..बहुत सारे लोग मुझसे प्यार करते हैं।।
◼ 23
नफरत तेरी बुलंदियों पे थी,
फिर भी तुझे चाहा था।
ए सनम तूने ही आवाज ना लगाई,
हमने तो तुझे हर लम्हे में पुकारा था।।
नफ़रत शायरी in Urdu
◼ 24
नफरत को हम प्यार देते हैं प्यार पे खुशियां वार देते हैं।
बहुत सोच समझ कर हमसे कोई वादा करना ऐ दोस्त।
हम पर वादे पर जिंदगी गुजार देते हैं।।
बहुत सोच समझ कर हमसे कोई वादा करना ऐ दोस्त।
हम पर वादे पर जिंदगी गुजार देते हैं।।
◼ 25
काश कि दिल पर अपना अख्तियार होता।
ना नफरत होती ना प्यार होता।।
◼ 26
नफरत हमने सीखी नही कभी दिल से।
हम तो बस मौहब्बत ही रखते है हर किसी से।।
◼ 27
प्यार, एहसान, नफरत, दुश्मनी जो चाहो वो मुझसे करलो।
आप की कसम वही दुगुना मिलेगा।
प्यार, एहसान, नफरत, दुश्मनी जो चाहो वो मुझसे करलो।
आप की कसम वही दुगुना मिलेगा।
◼ 28
तेरी जुदाई में और तो कुछ ना हो सका।
बस मोहब्बत से नफरत हो गयी ।।
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◼ 29
देख कर उसको तेरा यूँ पलट जाना।
नफरत बता रही है तूने गज़ब की मोहब्बत थी।।
Dekh Kar Usako Tera U Palat Jana,
Nafarat Ye Bata Rahi Hain, Tune Gazab Ki Mohabbat Thi..
◼ 30
तूने ज़िन्दगी को मेरी इस क़दर कुछ यूँ मोड़ा हैं।
कि अब मोहब्बत भी नफरत भी, दोनों थोड़ा थोड़ा हैं।।
◼ 31
मत रख इतनी नफ़रतें अपने दिल में ए इंसान।
जिस दिल में नफरत होती है उस दिल में रब नहीं बसता।।
◼ 32
उनकी नफरत बता रही है।
हमारी मोहब्बत गज़ब की थी।।
◼ 33
गुज़रे है आज इश्क के उस मुकाम से।
नफरत सी हो गयी है मोहब्बत के नाम से।।
नफरत सी हो गयी है मोहब्बत के नाम से।।
Guzare Hai Aaj Ishk Ke Us Mukaam Se,
Nafarat Si Ho Gayi Hai Mohabbat Ke Naam Se..
◼ 34
सुनो न.बेहद गुस्सा करते हो आजकल।
नफरत करने लगे हो या ईश्क ज्यादा हो गया।।
Suno Naa Behad Gussa Karate Ho Aajkal,
Nafarat Karane Lage Ho Ya ISHK Jyaada Ho GAYA hAI..
Nafarat Si Ho Gayi Hai Mohabbat Ke Naam Se..
◼ 34
सुनो न.बेहद गुस्सा करते हो आजकल।
नफरत करने लगे हो या ईश्क ज्यादा हो गया।।
Suno Naa Behad Gussa Karate Ho Aajkal,
Nafarat Karane Lage Ho Ya ISHK Jyaada Ho GAYA hAI..
◼ 35
नफ़रत करना है तो इस क़दर करना।
के हम दुनिया से चले जाए पर तेरी आँख में आंशु ना आए।।
◼ 36
एक नफरत ही नहीं दुनिया में दर्द का सबब फ़राज़।
मोहब्बत भी सकूँ वालों को बड़ी तकलीफ़ देती है।।
Ek Nafrat Hi Nahi Duniya Mein Dard Ka Sabab Faraz,
Mohabbat Bhi Sakoon Walon Ko Badi Taklif Deti Hai..
◼ 37
दुनिया को नफरत का यकीन नहीं दिलाना पङता।
मगर लोग मोहब्बत का सबूत ज़रूर मॉगते हैं।।
◼ 38
मेरे पास वक्त नही है, नफ़रत करने का उन लोगो से,
जो मुझसे नफऱत किया करते है।
क्योंकि मैं व्यस्त हूँ उन लोगो मे
जो मुझसे प्यार किया करते है।।
जो मुझसे नफऱत किया करते है।
क्योंकि मैं व्यस्त हूँ उन लोगो मे
जो मुझसे प्यार किया करते है।।
◼ 39
पहले इश्क़, फिर दर्द, फिर बेहद नफरत।
बड़ी तरकीब से तबाह किया तुमने मुझको।।
◼ 40
हमारी अदा पे तो नफरत करने वाले भी फ़िदा हैं।
तो फिर सोच प्यार करने वालो का किया हाल होता होगा।।
◼ 41
नफरत करने की दवा बता दो यारो।
वरना मेरी मौत की वजह मेरा प्यार ही होगा।।
◼ 42
नफरतें लाख मिलीं पर मोहब्बत न मिली,
ज़िन्दगी बीत गयी मगर राहत न मिली।
तेरी महफ़िल में हर एक को हँसता देखा,
एक मैं था जिसे हँसने की इजाजत न मिली।।
नफ़रत शायरी in Urdu
◼ 43
सनम तेरी नफरत में वो दम नहीं
जो मेरी चाहत को मिटा दे।
जो मेरी चाहत को मिटा दे।
ये मोहब्बत है कोई खेल नहीं
जो आज हंस के खेला और कल रो कर भुला दे।।
जो आज हंस के खेला और कल रो कर भुला दे।।
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◼ 44
नाराजगी, डर, नफरत या फिर प्यार।
कुछ तो जरुर है जो तुम मुझ से दूर-दूर रहते हो।।
Narazagi, Dar, Nafarat Ya Fir Pyaar,
Kuchh To Jarur Hai Jo Tumse Mujh Se Dur-Dur Rahate Ho..
कुछ तो जरुर है जो तुम मुझ से दूर-दूर रहते हो।।
Narazagi, Dar, Nafarat Ya Fir Pyaar,
Kuchh To Jarur Hai Jo Tumse Mujh Se Dur-Dur Rahate Ho..
◼ 45
में अकेला वारिस हूँ तेरी तमाम नफरतों का, ऐ मेरी जान।
और तू सारे शहर में प्यार बाटती फिर रही है।।
◼ 46
प्यार करता हु इसलिए फ़िक्र करता हूँ।
नफरत करुगा तो जिक्र भी नही करुगा।।
◼ 47
कर लूं एक बार तेरा दीदार जी भर के, मेरे दोस्त।
मेरी मोहब्बत और तेरी नफरत के बीच का फासला खत्म हो जाएगा।।
◼ 48
नफरत है मुझे आज जालिम तेरे उस रुखसार से।
जिसे देख कर मैं अक्सर दीवाना हुआ करता था।।
◼ 49
ये मेरे दिल की जिद है की प्यार करुँ तो सिर्फ तुमसे करूँ।
वरना तुम्हारी जो फितरत है वो नफरत के भी काबिल नहीं।।
Ye Mere Dil Ki Zid Hai Ki Pyaar Karu To Sirf Tumase Karu,
Warana Tumhari Jo Fitarat Hai, Wo Nafarat Ke Bhi Kabil Nahi..
◼ 50
मोहब्बत करने से फुरसत नहीं मिली यारो।
वरना हम करके बताते नफरत किसको कहते है।।
◼ 51
वो इनकार करते हैं इक़रार के लिए,
नफऱत भी करते हैं तो प्यार करने के लिए।
उल्टी चाल चलते हैं ये इश्क़ करने वाले,
आंखे बंद करते हैं दीदार के लिए।।
◼ 52
अजीब सी आदत और गज़ब की फितरत है मेरी।
मोहब्बत हो या नफरत बहुत शिद्दत से करता हूँ।।
◼ 53
मुझे नफरत है इस मोहब्बत के नाम से,
क्यूँ बिना कसूर तडपा तडपाकर मारा है मुझे।
◼ 54
नफरत है इस रविवार से मुझे,
ये दिलाती है और भी तेरी याद खाली वक्त में।।
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