मित्रों आज की "Bhukh Par Shayari With Images" के पोस्ट में आपको मिलेगा भूख और लाचारी से जुडी शायरी और स्टेटस जो आपको बेहद पसंद आएगी.
दोस्तों भूख इंसान की सबसे बड़ी कमजोरी होती हैं भूख इंसान हो क्या से क्या ना करा दे, भूख ही जो इंसान को मजबूर कर देता हर वो कार्य करने को जिसे दिल नहीं चाहता करना.
दोस्तों आज की पोस्ट भूख की मज़बूरी से जुड़ा हैं, आज की पोस्ट में पढेंगे आप भूख और रोटी और लाचारी पे लिखे गए दिल को छू लेने वाले एक से बढ़ कर एक शायरी मैसेज और कोट्स जो आपको रोटी की कीमत बतायेंग अजिसे हम हमेशा जूठे में छोड़ देते हैं.
तो दोस्तों आईये देर कैसी पढ़ते हैं Bhukh Par Shayari के पोस्ट को और अपनों में साझा करते हैं अपने पसंद के विचारों को.
Bhukh Shayari With Images
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"भूख से बड़ा मजहब और रोटी से बड़ा ईश्वर कोई हो तो बता देना मुझे भी धर्म बदलना है...!" – |
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"रोटियाॅं उन्ही की थालियों से कूड़े तक जाती है, जिन्हें पता नहीं होता भूख क्या होती है...!" – |
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"छोटी सी उम्र में बड़े तजुर्बे करवा दिये, पेट की भूख ने सैकड़ो हुनर सिखा दिये...!" – |
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"भर कर खाने की थाली , लोग फ़ेंक दिया करते हैं ,लेकिन उस गरीब को अपनी चौखट से , भूखे पेट भगा दिया करते हैं। ...!" – |
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"हर गरीब की थाली में खाना है, अरे हाँ ! लगता है यह चुनाव का आना है।...!" – |
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"कभी भूख से बहुत गहरा रिश्ता रखता होगा., वो जो आजकल अपनी रोटी बाँट कर खाता है...!" – |
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"चौराहे पर रूक कर उस पर ये एहसान कर दें, वो देगा दुआ बहुत बस उसकी भूख मिटा दे। ...!" – |
Garibi Shayari Pictures
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"रुखी रोटी को भी बाँट कर खाते हुये देखा मैंने, सड़क किनारे वो भिखारी शहंशाह निकला...!" – |
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"दुनिया में ऐसे लोग हैं, जो इतने भूखे हैं कि भगवान उन्हें किसी और रूप में नहीं दिख सकता सिवाय रोटी के रूप के। ...!" – |
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"भूख ,महंगाई,गरीबी, सब इश्क़ मुझ से कर रहे थे , एक होती तो निभाता , तीनो मुझ पर मर रहे थे।...!" – |
Bhukh Status
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"खुद भूखा रहकर किसी को खिलाकर तो देखिए, कुछ यूं इंसानियत का फ़र्ज निभाकर तो देखिए।...!" – |
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"वो राम की खिचड़ी भी खाता है, रहीम की खीर भी खाता है, वो भूखा है जनाब उसे कहाँ मजहब समझ आता है...!" – |
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"भूखा होता है अननदाता तो केवल घास खा लेता है किसान जब मजबूर होता है तो सल्फास खा लेता है...!" – |
Bhukh Par Shayari
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"एक माँ उबालती रही पत्थर तमाम रात बच्चे फरेब खा कर चटाई पे सो गए...!" – |
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"शुक्र है रमज़ान आया, हमारे फ़ाकों पे पर्दा होगा, कोई पूछे के भूखे हो ?? तो कह देना के रोज़ा है...!" – |
Bhukh Status With Images
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"पेट की भूख ने जिंदगी के, हर एक रंग दिखा दिए, जो अपना बोझ उठा ना पाये पेट की भूख ने पत्थर उठवा दिए...!" – |
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"खुले आसमां के नीचे सोकर भी अच्छे सपने पा लेते है,हम गरीब है साहेब थोड़े सब्जी में भी 4 रोटी खा लेते है।...!" – |
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"सुला दिया माँ ने भूखे बच्चे को ये कहकर, परियां आएंगी सपनों में रोटियां लेकर...!" – |
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"ज़रूरतों की भूख जब पेट में शोर मचाती है, दिल की ख्वाहिशें कुछ – कुछ चुप सी पड़ जाती हैं....!" – |
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"फ़ेक रहे तुम खाना क्योंकि, आज रोटी थोड़ी सूखी है, थोड़ी इज्ज़त से फेंकना साहेब, मेरी बेटी कल से भूखी है...!" – |
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"गरीबी की भी क्या खूब हँसी उड़ायी जाती है, एक रोटी देकर 100 तस्वीर खिंचवाई जाती है।...!" – |
Best Bhukh Shayari With Images
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"क्या किस्मत पाई है रोटीयो ने भी निवाला बनकर, रहिसो ने आधी फेंक दी, गरीब ने आधी में जिंदगी गुज़ार दी...!" – |
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"मैं कई चूल्हे की आग से भूखा उठा हूँ, ऐ रोटी अपना पता बता,तू जहाँ बर्बाद होती हैं।...!" – |
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"अमीर की छत पे बैठा कौवा भी मोर लगता है, गरीब का भूखां बच्चा भी चोर लगता है...!" – |
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"छुपाता था वो गरीब अपनी भूख को गुरबत में, अब वो भी फ़ख़्र से कहेगा मेरा रोज़ा है....!" – |
Roti Status With Images
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"कतार बहुत लम्बी थी इस लिए सुबह से रात हो गयी, ये दो वक़्त की रोटी आज फिर मेरा अधूरा ख्वाब हो गयी...!" – |
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"मै गरीब का बच्चा था इसलिये भूखा रह गया, पेट भर गया वो कुत्ता जो अमीर के घर का था...!" – |
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"अब मैं हर मौसम में खुद को ढाल लेता हूँ, छोटू हूँ पर अब मैं बड़ो का पेट पाल लेता हूँ....!" – |
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"मेरे हिस्से की रोटी सीधा मुझे दे दे ऐ खुदा, तेरे बंदे तो बड़ा ज़लील करके देते हैं।...!" – |
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"भूख चेहरों पे लिए चाँद से प्यारे बच्चे, बेचते फिरते हैं गलियों में ग़ुबारे बच्चे -बेदिल हैदरी...!" – |
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"चेहरा बता रहा था के मारा है भूख ने, सब कह रहे थे के कुछ खा के मर गया...!" – |
Roti Shayari With Images
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"वो ही दाना भी देगा,जिसने चोंच दी है, इस अफ़वाह ने चिड़िया की जान ली है, इबादत ना हो पायेगी अब हमसे तो भूखी अँतड़ियों ने ये ज़िद ठान ली है।...!" – |
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"गरीब नहीं जानता क्या है मज़हब उसका, जो बुझाए पेट की आग वही है रब उसका...!" – |
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"दरिया दरिया घूमे मांझी पेट की आग बुझाने पेट की आग में जलने वाला किस किस को पहचाने - जमीलुद्दीन आली...!" – |
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"अजीब सा जादुई नशा होता है गरीब की कमाई में, जिसकी रोटी खाकर पथरीले रास्तों पर भी सुकून की नींद आ जाती है।...!" – |
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"खाली पेट सोने का दर्द क्या होता मुझे नही पता, ना जाने जूठन खा के वो बच्चे कैसे बड़े हो जाते।...!" – |
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"गरीब भूख से मरे तो अमीर आहों से मर गए, इनसे जो बच गए वो झूठे रिवाजों से मर गए...!" – |
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"दान करना है तो गरीब को रोटी दान कर ऐ इन्सान आखिर कब तक मंदिर मस्जिद को अमीर बनाता रहेगा...!" – |
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"बीच सड़क इक लाश पड़ी थी और ये लिक्खा था, भूक में ज़हरीली रोटी भी मीठी लगती है - बेकल उत्साही...!" – |
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"भूख ने निचोड़ कर रख दिया है जिन्हें, उनके तो हालात ना पूछो तो अच्छा है...!" – |
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"फ़ेक रहे तुम खाना क्योंकि, आज रोटी थोड़ी सूखी है, थोड़ी इज्ज़त से फेंकना साहेब, मेरी बेटी कल से भूखी है।...!" – |
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"खड़ा हूं आज भी रोटी के चार हर्फ़ लिए. सवाल ये है किताबों ने क्या दिया मुझ को -नज़ीर बाक़री...!" – |
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"भूख से बिलखते हुए वो फिर नहीं सोया, एक और रात भारी पड़ी गरीबी पर...!" – |
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"कभी निराशा कभी प्यास है कभी भूख उपवास, कुछ सपनें भी फुटपाथों पे पलते लेकर आस।...!" – |
दोस्तों आशा करता हूँ आप सभी को हमारी "Bhukh Shayari" की पोस्ट पसंद आई होगी और आपने अपनो में अवश्य ही साझा किया अपने पसंद की शायरी को और समझा होगा एक रोटी की कीमत को.