प्रसिद्ध चित्रकार नंदलाल बोस जीवनी - Nandlal Bose Biography
दोस्तों आज के आर्टिकल Biography में जानते हैं, संविधान को अपनी चित्रकारी से सजाने वाले प्रसिद्ध चित्रकार "नंदलाल बोस की जीवनी" "Nandlal Bose Biography" के बारे में. जिन्हें आज हम भूलते जा रहे हैं.
तो आईये देर कैसी पढ़ते हैं वाह हिंदी ब्लॉग द्वारा किये गए इस पोस्ट में और जानते हैं "नंदलाल बोस के जीवन " के बारे में.
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नंदलाल बोस कौन थे?
नंदलाल बोस आधुनिक भारतीय कला के आरंभिक कलाकारों में से एक थे. इन्हें भारतीय शैली के एक प्रसिद्ध चित्रकार के रूप में पहचाना जाता था. जोकि अवनीन्द्रनाथ टैगोर के प्रख्यात शिष्य थे.
उनके चित्र कला में टैगोर परिवार तथा अजंता के भित्ति चित्रों की गहरी छाप थी. उन्हें सन 1922 में शान्तिनिकेतन में स्थित कला भवन का प्रमुख चुना गया था.
सन 1976 में भारत सरकार के संस्कृति विभाग और भारतीय पुरातत्व संग्रह ने उनकी चित्रकारी तथा कलात्मक महत्व और कला के प्रति गहरी सोच को देखते हुए उन्हें बहुमूल्य कला निधि के रूप में घोषित किया.
जीवन परिचय :
भारत के प्रसिद्ध चित्रकार नंदलाल बोस का जन्म बिहार के मुंगेर जिले के तारापुर में 3 दिसम्बर 1882 ई. में एक मध्यम-वर्गीय बंगाली परिवार हुआ था.
उनके पिता श्री का नाम पूर्णचंद्र बोस ऑर्किटेक्ट था जोकि उस समय के महाराजा दरभंगा की रियासत के मैनेजर के रूप में कार्यरत थे. इनकी माता का नाम क्षेत्रमणि देवी था. जो एक कुशल ग्रहणी थी साथ ही मिटटी को अलग-अलग रूप देकर खिलौने बनाया करती थी.
माँ को खिलौने बनाते हुए देख नंदलाल बोस के ह्रदय में बचपन से ही मूर्तियाँ बनाने और उसके बाद में पूजा पंडाल उन्हें सजाने के प्रति रूचि उत्पन्न हुयी, और कला के प्रति प्रेम उत्पन्न हुआ. और इसी प्रकार उन्हें कला की प्रेरणा अपनी माँ क्षेत्रमणि देवी से मिली.
शिक्षा :
नंदलाल बोस का मन पढाई में कम लगता था जिसके कारण वे पढाई में सदा असफल होते रहते थे. शिक्षा प्राप्त करने के लिए दाखिला कई विद्यालयों में कराया गया.
किसी तरह बिहार से अपनी प्राथमिक शिक्षा पूर्ण करने के बाद 15 साल की आयु में आगे की पढाई करने के लिए 1898 में हाई स्कूल की पढ़ाई करने के लिए कोलकाता (बंगाल) गए. और वह उनका दाखिला हाई स्कूल में सेंट्रल कॉलेजिएट स्कूल में हुआ.
विवाह :
और उन्होंने सन 1902 में हुए परीक्षा पास हुए तथा उसके बाद अपनी आगे की पढाई उसी संस्थान के कॉलेज में करते रहे. और उसी के एक साल बाद जून 1903 में एक पारिवारिक मित्र की बेटी सुधीरादेवी के साथ नंदलाल का विवाह सम्पन्न हुआ.
कला के प्रति प्रेम और पढ़ाई :
नंदलाल के ह्रदय में हमेशा से ही कला की पढाई करने का सौख था. लेकिन उनके परिवारवालों ने इसकी इज़ाज़त नहीं देते थे. अन्य शिक्षा के प्रति रूचि ना होने के कारण हमेशा वो अपनी कक्षा में हमेशा अनुत्तीर्ण होते रहते थे. और इसी के चलते एक के बाद एक विद्यालय बदलते रहे.
फिर उन्होंने वाणिज्य की पढ़ाई के लिए सन 1905 में कोलकता के प्रेसीडेंसी कॉलेज में दाखिला लिया. लेकिन बार-बार असफल होने के कारण आखिरकार कला की पढाई के लिए उन्होंने अपने परिवार को मना लिया.
और फिर उन्होंने कोलकाता के स्कूल ऑफ़ आर्ट्स में दाखिला लिया. और इसी के साथ मन लगाके 5 सालों तक चित्रकला की विधिवत शिक्षा ली. कलकत्ता गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ़ आर्ट में 1905 से लेकर 1910 तक अबनीन्द्ननाथ टैगोर से कला की शिक्षा ली.
करियर की शुरुआत:
नंदलाल बोस अजंता के भित्ति चित्रों से बहुत ज्यादा ही प्रभावित थे जो एक युवा कलाकार के रूप में, कलाकारों और लेखकों के लिए बनाये गए अंतर्राष्ट्रीय समूह का एक हिस्सा बन गए. यह अंतर्राष्ट्रीय समूह पारंपरिक भारतीय संस्कृति को पुनर्जिवित करना चाहते थे. इस समूह में मुख्यरूप से शामिल थे.
प्रसिद्ध चित्रकार नंदलाल बोस जीवनी - Nandlal Bose Biography
गगनेन्द्रनाथ टैगोर, आनंद कुमारस्वामी और ओ.सी. गांगुली जैसे प्रसिद्ध कलाकारों और कला समीक्षकों ने उनकी प्रतिभा और मौलिक शैली को माना.
आगे चल कर उनकी प्रतिभा को देखातेहु ये उन्हें सन 1922 में शान्तिनिकेतन स्थित ‘कला भवन’ का प्रधानाध्यापक बनाया गया. और वो सन 1951 तक इस पद को संभालते रहे.
संविधान को अपनी चित्रकारी से सजाया :
भारत के प्रथम प्रधानमन्त्री पं. जवाहरलाल नेहरू के आग्रह पर उन्होंने भारतीय संविधान की मूल प्रति को अपनी चित्रकारी से सजाया सवांरा. बताते चले की भारतीय संविधान की मूल प्रति को कुल 22 चित्रों से सजाया गया तथा इसे बनाने में चार वर्षों का समय लगा.
राष्ट्रिय पुरस्कारों को रूप दिया :
आज़ाद भारत के लिए उन्होंने कई राष्ट्रिय पुरस्कारों के प्रतीक भी अपनी चित्र कला के माध्यम से रूप दिया, और उसे बनाया जैसे
- भारत रत्न
- पद्म श्री (1954)
7000 कृतियों का संग्रह :
आज भी उनकी 7000 कृतियां संग्रहित हैं. नयी दिल्ली में स्थित "नेशनल गैलरी ऑफ़ मॉडर्न आर्ट" में. सन 1938 में कांग्रेस द्वारा हरिपुरा में हुए अधिवेशन के लिए महात्मा गाँधी के निवेदन पर बनाये गए महात्मा गाँधी का लिनोकट पोस्टर भी शामिल हैं. इसी के साथ उन्होंने कांग्रेस के कई अधिवेशनों के लिए पोस्टर और चित्र बनाए और गांधीजी का एक लाइफ साइज रेखाचित्र भी बनाया, जो बहुत प्रसिद्ध हुआ. कई आयोजनों के अवसरों पर गांधीजी के परिकल्पना को नन्दलाल बोस ने अपने चित्रकारी के माध्यम से साकार किया. अपनी चित्रकारी के माध्यम से तत्कालीन आंदोलनों के विभिन्न स्वरूपों, सीमाओं और शैलियों को उकेरा.
प्रमुख विद्यार्थी :
उनके प्रमुख विद्यार्थी के रूप बहुत से शिष्य रहे जो उनसे कला की शिक्षा ली और कला के क्षेत्र में अपना तथा नन्दलाल बोस का नाम रोशन किया. उनमे से प्रमुख रूप से थे.
- बिनोद बिहारी मुख़र्जी,
- रामकिंकर बैज,
- बोहार राममनोहर सिन्हा,
- के.जी. सुब्रमन्यन,
- ए. रामचंद्रन,
- हेनरी धर्मसेना,
- प्रतिमा ठाकुर,
- सोवों सोम,
- जहर दासगुप्ता,
- साबित ठाकुर,
- मेनाजा स्वगनेश,
- यश बोम्बुट
- कोंडापल्ली शेषागिरी राव आदि थे .
पुरस्कार और सम्मान :
उन्हें अपने जीवन काल में बहुत से सम्मानों से सम्मानित किया गया. जिनमे प्रमुख रूप से हैं.
- सन 1954 में उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया गया.
- सन 1956 में उन्हें ललित कला अकादमी का फेल्लो के रूप में चुना गया.
- ललित कला अकादमी का फेल्लो चुने जाने वाले वे दूसरे कलाकार थे.
- सन 1957 में कलकत्ता विश्वविद्यालय ने उन्हें ‘डी.लिट.’ की उपाधि से सम्मानित किया गया.
- विश्वभारती विश्वविद्यालय ने उन्हें देशीकोट्टम्मा की उपाधि से नवाज़ा.
- कलकत्ता के ‘अकादेमी ऑफ़ फाइन आर्ट्स’ ने उन्हें ‘सिल्वर जुबली मैडल’ दे कर सम्मानित किया.
- सन 1965 में एशियाटिक सोसाइटी ऑफ़ बंगाल ने उन्हें "टैगोर जन्म सदी पदक" दिया.
# = जन्म बिहार के मुंगेर जिले के तारापुर में 3 दिसम्बर 1882 ई को हुआ.दोस्तों अब जानते हैं कुछ ख़ास बाते संविधान को अपनी चित्रकारी से सजाने वाले प्रसिद्ध चित्रकार नंदलाल बोस के बारे में.
# = पिता श्री का नाम पूर्णचंद्र बोस और माता का नाम क्षेत्रमणि देवी था.
# = 15 साल की आयु में कोलकाता के सेंट्रल कॉलेजिएट स्कूल में 1898 को दाखिला लिया कोलकाता के सेंट्रल कॉलेजिएट स्कूल में दाखिला लिया.
# = कलकत्ता गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ़ आर्ट में 1905 से लेकर 1910 तक अबनीन्द्ननाथ टैगोर से कला की शिक्षा ली.
# = सुधीरा देवी से सन 1903 में विवाह हुआ.
# = सन 1907-08 में पुत्री गौरी का जन्म हुआ.
# = शान्तिनिकेतन स्थित कलाभवन के प्रधानाध्यापक के रूप में सन 1922 नियुक्त हुए.
# = अजंता के चित्रों की प्रतिकृति बनाना उनके जीवन की एक बड़ी सफलता थी.
# = रविन्द्र नाथ टैगोर के साथ सन 1924 में चीन, जापान, मलेशिया और बर्मा की यात्रा की
Nandlal Bose Biography
# = भारत सरकार द्वारा सन 1954 में पद्म भूषण से सम्मानित हुए.
# = ललित कला अकादमी द्वारा सन 1956 में फेलो चुने गए.
# = टैगोर जन्म शदी पदक से सन 1965 में सम्मानित किया गया.
आखिरी समय :
16 अप्रैल 1966 को 83 वर्ष की आयु में इस महानशिल्पी ने दुनिया को अलविदा कह दिया. बोस को कृतज्ञ राष्ट्र ने ढेर सारे सम्मान दिए. उनकी स्मृति में डाक टिकट भी जारी किया गया. बोस की जन्म भूमि मुंगेर के हवेली खड़गपुर में साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्था 'संभवा' द्वारा उनकी आदमकद प्रतिमा स्थापित की गई. भागलपुर में कलाकेंद्र की स्थापना की और वहां भी उनकी आदमकद प्रतिमा स्थापित है.
दोस्तों आपने जाना अपनी चित्रकारी से संविधान को सजाने वाले "प्रसिद्ध चित्रकार नंदलाल बोस की जीवनी के बारे में. "Nandlal Bose Biography" में जिन्हें आज हम भूलते जा रहे हैं. आशा करता हूँ आपको यह लेख पसंद आता होगा.