मातृ -पितृ दिवस "फादर्स डे" पर कवितायें
शनिवार 18th जून, 2017 को पड़ने वाले मातृ -पितृ दिवस "फादर्स डे" की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं
जैसा की आप सभी जानते हैं की हिन्दू धर्म में माता और पिता का दर्जा भगवान से भी ज्यादा माना जाता हैं. और जब एक शिशु जन्म लेता हैं तो सर्वप्रथम माँ ही उसके मुख पे आता हैं.. माता का दर्जा सबसे ऊपर माना जाता हैं. क्युकी माँ ही अपने बच्चे की सर्वप्रथम गुरु होती हैं.. और दूसरा गुरु पिता होता हैं माता और पिता ही मिलकर अपने बच्चे को समाज में रहने हेतु अच्छे आचरण का ज्ञान देते हैं. ये हिन्दू धर्म की ही बात नहीं यह हर धर्म में देखने को मिलेगा.
इसी लिए विश्व के हर क्षेत्र हर समाज हर वर्ग हर धर्म और हर राज्य में माता पिता को सम्मान दिया जाता है. संस्कृत में कहा गया हैं की "माताः पिताः गुरू दैवं" जैसा की आप देख सकते हैं हिन्दू धर्म में सुबह बच्चे अपने माता पिता के पैर छूकर उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं. माता पिता के ह्रदय से निकला आशीर्वाद भगवान का आशीर्वाद माना जाता हैं.. Father's Day
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Happy Father's Day 2017 |
बच्चो की निस्वार्थ देखभाल करना, उन्हें अच्छी से अच्छी शिक्षा देना, उनकी हर इक्छओं की पूर्ति करना, ये सब हर के बस की बात नहीं ये कार्य तो सिर्फ और सिर्फ माँ और पिता ही कर सकते हैं... इसी लिए माता पिता का दर्जा प्रथम गुरु और भगवन से की जाती हैं...
दोस्तों आज इस आर्टिकल में आप को "Father's Day" से जुडी कविताये और चंद लाईने खास आप के लिए. शनिवार 18th जून , 2017 को पड़ने वाले मातृ -पितृ दिवस "फादर्स डे" पर..
अपने पिता को प्यार भरा उपहार स्वरूप दे सकते हैं. और बता सकते हैं इनके माध्यम से की आप कितना प्यार करते हैं अपने माता पिता से..
तो देर कैसी आये देखते हैं wahh द्वारा प्रस्तुत कुछ "फादर्स डे" 2017 पर कवितायें..
I Love You Daddy
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पिता की मौजूदगी सूरज की तरह होती है, सूरज गर्म ज़रूर होता है, लेकिन अगर गर्म न हो तो, अँधेरा छा जाता है,, |
Happy Father's Day 2017 |
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पिता से बड़ा कोई हिरो नहीं होता.माँ से बड़ा कोई शुभचिंतक नहीं होता |
मातृ -पितृ दिवस हार्दिक शुभ कामनाये.
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आपकी आवाज मेरा सुकून है, आपकी खामोशी, एक अनकहा संबल । आपके प्यार की खुशबू जैसे, महके सुगंधित चंदन। आपका विश्वास,मेरा खुद पर गर्व । दुनिया को जीत लूं, फिर नही कोई हर्ज । आपकी मुस्कान, मेरी ताकत, हर पल का साथ, खुशनुमा एहसास दुनिया में सबसे ज्यादा, आप ही मेरे लिए खास पापा, आपकी शुक्रगुजार है,... |
स्व. पं. ओम व्यास 'ओम' की कविता
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पिता, पिता जीवन है, सम्बल है, शक्ति है, पिता, पिता सृष्टि में निर्माण की अभिव्यक्ति है, पिता अँगुली पकडे बच्चे का सहारा है, पिता कभी कुछ खट्टा कभी खारा है, पिता, पिता पालन है, पोषण है, परिवार का अनुशासन है, पिता, पिता धौंस से चलना वाला प्रेम का प्रशासन है, पिता, पिता रोटी है, कपडा है, मकान है, पिता, पिता छोटे से परिंदे का बडा आसमान है, पिता, पिता अप्रदर्शित-अनंत प्यार है, पिता है तो बच्चों को इंतज़ार है, पिता से ही बच्चों के ढेर सारे सपने हैं, पिता है तो बाज़ार के सब खिलौने अपने हैं, पिता से परिवार में प्रतिपल राग है, पिता से ही माँ की बिंदी और सुहाग है, पिता परमात्मा की जगत के प्रति आसक्ति है, पिता गृहस्थ आश्रम में उच्च स्थिति की भक्ति है, पिता अपनी इच्छाओं का हनन और परिवार की पूर्ति है, पिता, पिता रक्त निगले हुए संस्कारों की मूर्ति है, पिता, पिता एक जीवन को जीवन का दान है, पिता, पिता दुनिया दिखाने का अहसान है, पिता, पिता सुरक्षा है, अगर सिर पर हाथ है, पिता नहीं तो बचपन अनाथ है, पिता नहीं तो बचपन अनाथ है, तो पिता से बड़ा तुम अपना नाम करो, पिता का अपमान नहीं उनपर अभिमान करो, क्योंकि माँ-बाप की कमी को कोई बाँट नहीं सकता, और ईश्वर भी इनके आशिषों को काट नहीं सकता, विश्व में किसी भी देवता का स्थान दूजा है, माँ-बाप की सेवा ही सबसे बडी पूजा है, विश्व में किसी भी तीर्थ की यात्रा व्यर्थ हैं, यदि बेटे के होते माँ-बाप असमर्थ हैं, वो खुशनसीब हैं माँ-बाप जिनके साथ होते हैं, क्योंकि माँ-बाप के आशिषों के हाथ हज़ारों हाथ होते हैं। |