Stambheshwar Mahadev Mandir Ka Rahasya
आजकी Rahasyamayi Adbhut Yatra के दौरान, हम आपको ले चलते हैं, भारत के एक ऐसे मंदिर में, जो दिन में दो बार अदृश्य हो जाता है, और स्वयं से ही प्रकट हो जाता है. और यह 🕸 रहस्यमई मंदिर, देवो के देव महादेव का है. जो अपने भक्तो को दर्शन देने के लिए, स्वयं से दो बार प्रकट होते है, और अपने भक्तो के संकट को दूर करते और अदृश्य हो जाते है. बताते चले की यह मंदिर, गुजरात के वढ़ोदरा जिले से करीब चालीस किलोमीटर दूर, जंबूसर तहसील में स्थित है। और इस रहस्यमई मंदिर को हम सब, स्तंभेश्वर महादेव मंदिर के नाम से जानते है. - जो गुजरात के, प्राचीनतम मंदिरो में से एक है.
दोस्तों, आजकी रहस्यमई यात्रा के दौरान, हम आपको ले चलते हैं, भारत के एक ऐसे मंदिर में, जो दिन में दो बार अदृश्य हो जाता है, और स्वयं से ही प्रकट हो जाता है. और यह रहस्यमई मंदिर, देवो के देव महादेव का है. जो अपने भक्तो को दर्शन देने के लिए, स्वयं से दो बार प्रकट होते है, और अपने भक्तो के संकट को दूर करते और अदृश्य हो जाते है. बताते चले की यह मंदिर, गुजरात के वढ़ोदरा जिले से करीब चालीस किलोमीटर दूर, जंबूसर तहसील में स्थित है। और इस रहस्यमई मंदिर को हम सब, स्तंभेश्वर महादेव मंदिर के नाम से जानते है.
जो गुजरात के, प्राचीनतम मंदिरो में से एक है. इस मंदिर का निर्माण, सातवी सदी के आस-पास हुआ था। और इसे चावडी संतो के द्वारा बनवाया गया था। बाद में इस मंदिर का पुनर्निर्माण, श्री शंकराचार्य जी के द्वारा कराया गया था। और इस चमत्कारी, मंदिर मे, देवो के देव महादेव का शिवलिंग हैं, जो मंदिर के गर्भगृह में स्थापित है। इस पवित्र व रहस्मई मंदिर को देखने और महादेव के दर्शन हेतू, दूर दूर से लोग आते है. और इस मंदिर को देखकर सभी लोग आश्चर्य मे पड जाते है. आखिर कैसे एक विशाल मंदिर, समन्दर में गायब हो जाता हैं, और फिर वापस दिखने लगता है. और इस दृश्य को देखकर श्रद्धालु बस यही कहते हैं की, यह तो भगवान शिव की लीला हैं.
यहा सावन के महीने में, भक्तो की भारी भीड देखने को मिलती है. इस मंदिर के पास त्रिलोचन गढ किला भी है, जिसका निर्माण सोमनाथ ज्योतिर्लिंग को, सुरक्षित रखने के लिए कराया गया था। और यह किला गुजरात के सौराष्ट्र का, एक प्रमुख पर्यटन स्थल भी है।
दोस्तों और अधिक जानने के लिए देखे हमारी नीचे दी गई विडियो और अधिक जाने मंदिर के विषय में .