Mahadevi Verma Quotes in Hindi Images में मिलेगा कुशल गद्य लेखिका महादेवी वर्मा के सर्वश्रेष्ठ अनमोल विचार, उद्धरण, Mahadevi Verma Thought जो प्रेरणा का सोत्र हैं.
हिन्दी साहित्य में छायावादी युग के चार प्रमुख स्तम्भों में से एक हिन्दी भाषा की कवयित्री महादेवी वर्मा जी का जन्म उत्तर प्रदेश के फ़र्रुख़ाबाद जिले में 26 मार्च 1907 को हुआ था.
उनके पिता जी का नाम श्री गोविंद प्रसाद वर्मा था जोकि भागलपुर के एक कॉलेज में प्राध्यापक थे। और माता जी का नाम हेमरानी देवी जो धर्म परायण, कर्मनिष्ठ, भावुक एवं शाकाहारी महिला थीं।
महादेवी जी की शिक्षा इन्दौर में मिशन स्कूल से प्रारम्भ हुई, और उन्हें घर पर ही अध्यापकों द्वारा संस्कृत, अंग्रेज़ी, संगीत तथा चित्रकला की भी शिक्षा दी जाती थी. 1925 तक जब उन्होंने मैट्रिक की परीक्षा उत्तीर्ण की।
महादेवी जी सात वर्ष की अवस्था से ही कविता लिखने लगी थीं। मैट्रिक की परीक्षा उत्तीर्ण करते करते वे एक सफल कवयित्री के रूप में प्रसिद्ध हो चुकी थीं। विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में आपकी कविताओं का प्रकाशन होने लगा था। 1932 में जब उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से संस्कृत में एम॰ए॰ पास किया तब तक उनके दो कविता संग्रह नीहार तथा रश्मि प्रकाशित हो चुके थे।
उन्होंने खड़ी बोली हिन्दी की कविता में उस कोमल शब्दावली का विकास किया जो अभी तक केवल बृजभाषा में ही संभव मानी जाती थी। इसके लिए उन्होंने अपने समय के अनुकूल संस्कृत और बांग्ला के कोमल शब्दों को चुनकर हिन्दी का जामा पहनाया। कवि निराला ने उन्हें “हिन्दी के विशाल मन्दिर की सरस्वती” भी कहा है।
कविता संग्रह
1. नीहार 1930
2. रश्मि 1932
3. नीरजा 1934
4. सांध्यगीत 1936
5. दीपशिखा 1942
6. सप्तपर्णा अनूदित-1959
7. प्रथम आयाम 1974
8. अग्निरेखा 1990
महादेवी वर्मा का बाल साहित्य
- ठाकुरजी भोले हैं
- आज खरीदेंगे हम ज्वाला
मित्रों आज का यह पोस्ट कुशल गद्य लेखिका महादेवी वर्मा जी अनमोल विचारों के संग्रह की शुरुआत करते हैं.
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Best 30+ Images Mahadevi Verma Quotes in Hindi
1 🌿 प्रतिवाद के उपरांत तो मत परिवर्तन सहज है, पर मौन मे इसकी कोई संभावना शेष नही रहती।➖ |
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2 🌿 अर्थ ही इस युग का देवता है।➖ |
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"महादेवी वर्मा अनमोल विचार" |

3 🌿 क्या हमारा जीवन सबका संकट सहने के लिए है?।➖ |
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4 🌿 मैं किसी रीती रिवाजों में विश्वास नहीं करती। मैं मोक्ष को नहीं मिट्टी को ज्यादा पसंद करती हूँ।➖ |
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"Mahadevi Verma Quotes in Hindi" |

5 🌿 प्रत्येक गृह स्वामी अपने गृह का राजा और उसकी पत्नी रानी है कोई गुप्तचर, चाहे देश के राजा का ही क्यो न हो, यदि उसके निजी वार्ता का सार्वजनिक घटना के रूप मे प्रचारित कर दे, तो उसे गुप्तचर का अधिकार दुष्टाचरण ही कहा जाएगा।➖ |
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"Mahadevi Verma Quotes Images" |
6 🌿 प्रत्येक विज्ञान मे क्रियात्मक कला का कुछ अंश अवश्य होता है।➖ |
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7 🌿 जीवन के सम्बन्ध मे निरन्तर जिज्ञासा मेरे स्वभाव का अंग बन गई है। ।➖ |
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8 🌿 मैंने हँसी में कहा – तुम स्वर्ग मे कैसे रह सकोगे बाबा! वहाँ तो न कोई तुम्हारे कूट पद और उलटवासियाँ समझेगा और न आल्हा-ऊदल की कथा सुनेगा । स्वर्ग के गन्थर्व और अप्सराओ मे तुम कुछ न जँचोगे।➖ |
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"महादेवी वर्मा के अनमोल विचार" |
9 🌿 विज्ञान एक क्रियात्मक प्रयोग है।➖ |
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10 🌿 मै किसी कर्मकाण्ड में विश्वास नही करतीमै मुक्ति को नही, इस धूल को अधिक चाहती हूँ। ।➖ |
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11 🌿 आज हिन्दु–स्त्री भी शव के समान निःस्पंद है।➖ |
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Mahadevi Verma Thoughts in Hindi
12 🌿 कला का सत्य जीवन की परिधि मे, सौंदर्य के माध्यम द्वारा व्यक्त अखण्ड सत्य है।➖ |
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13 🌿 वे मुस्कुराते फूल नही जिनको आता है मुरझाना, वे तोरो के दीज नही जिनको भाता है बुझ जाना।➖ |
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14 🌿 अपने विषय मे कुछ कहना पड़े: बहुत कठिन हो जाता है क्योकि अपने दोष देखना आपको अप्रिय लगता है और उनको अनदेखा करना औरो को।➖ |
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"Mahadevi Verma Thoughts in Hindi" |
15 🌿 कष्ट और विपत्ति मनुष्य को शिक्षा देने वाले श्रेष्ठ गुण है जो साहस के साथ उनका सम्मान करते है।➖ |
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16 🌿 ठकुरी बाबा का मन प्रसन्न हो गया। कहने लगे – ‘ सो तो हम जानित है बिटिया! हम उहां अस सोर मचाउब कि भगवानजी पुन धरती पै ढनकाय देहै! हम फिर धान रोपब , कियारी बनाउब , चिकारा बजाउब और तुम पचै का आल्हा-ऊदल की कथा सुनाउब । सरग हमका ना चही , मुदा हम दूसर नवा शरीर मांगै बरे जाब जरूर। ई ससुर तौ बनाय कै जरजर हुइग ’ – और वे गा उठे : चलत प्रान काया काहे रोई राम ।➖ |
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17 🌿 व्यक्ति समय के सामने कितना विवश है समय को स्वीकृति देने के लिए भी शरीर को कितना मूल्य देना पड़ता है।➖ |
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18 🌿 कवि कहेगा ही क्या , यदि उसकी इकाई बनकर अनेकता नही पा सकी और श्रोता सुनेंगे ही क्या , यदि उन सबकी विभिन्नताएँ कवि मे एक नही हो सकी।➖ |
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"Mahadevi Verma Hindi Quotes" |
19 🌿 जीवन में कला का सच, सुन्दरता के माध्यम से व्यक्त किये गये सच से अखंड होता है।➖ |
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"Mahadevi Verma Quotes in Hindi" |

20 🌿 आज हिन्दू औरतें जिन्दा लाश की तरह हैं।➖ |
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21 🌿 मेरे संकल्प के विरूद्ध बोलना उसे और अधिक दृढ़ कर देना है।➖ |
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"महादेवी वर्मा जी के अनमोल विचार" |
22 🌿 पैताने की ओर यंत्र से रखी हुई काठ और निवाड़ से बनी खटपटी कह रही थी कि जूते के अछूतेपन और खड़ाऊँ की ग्रामीणता के बीच से मध्यमार्ग निकालने के लिए ही स्वामी ने उसे स्वीकार किया है।➖ |
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23 🌿 कोई भी कला सांसारिक और विशेषतः व्यावसायिक बुद्धि को पनपने ही नही दे सकती और बिना इस बुद्धि को पनपने ही नही दे सकती और बिना इस बुद्धि के मनुष्य अपने आपको हानि पहुँचा सकता है , दूसरो को नही।➖ |
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महादेवी वर्मा जी के अनमोल विचार
24 🌿 पति ने उनका इहलोक बिगाड़ दिया है, पर अब उसके अतिरिक्त किसी और की कामना करके वे परलोग नही बिगाड़ना चाहती।➖ |
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25 🌿 वे खिलते पुष्प जिन्हें मुरझाना नहीं आता, और वे दीप जिन्हें बुझना नहीं आता, कितने अद्भुत प्रतीत होते हैं।➖ |
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"Mahadevi Verma Thoughts in Hindi" |

26 🌿 गृहिणी का कर्त्तव्य कम महत्वपूर्ण नही है, यदि स्वेच्छा से स्वीकृत है।➖ |
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27 🌿 प्रत्येक गृहस्वामी अपने गृह का राजा और उसकी पत्नी रानी है। कोई गुप्तचर, चाहे देश के राजा का ही क्यों न हो, यदि उसके निजी वार्ता को सार्वजनिक घटना के रूप में प्रचारित कर दे, तो उसे गुप्तचर का अनाधिकार , दुष्टाचरण ही कहा जाएगा।➖ |
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"Mahadevi Verma Quotes Images" |
28 🌿 एक निर्दोष के प्राण बचाने वाला असत्य उसकी अहिंसा का कारण बनने वाले सत्य से श्रेष्ठ होता है।➖ |
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29 🌿 यदि अपने आप स्वीकार हो, तो घर की संचालिका का कर्तव्य कम जरुरी नहीं है।➖ |
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30 🌿 कवि अपनी श्रोता – मण्डली मे किन गुणो को अनिवार्य समझता है यह प्रश्न आज नही उठता पर अर्थ की किस सीमा पर वह अपने सिद्धान्तो का बीज फेककर नाच उठेगा , इसका उत्तर सब जानते है।➖ |
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🌞 :: Final Word ::🌞 |
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30+ Mahadevi Verma Quotes Thought in Hindi Images ➖ महादेवी वर्मा अनमोल विचार |
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