Shahid Diwas Shayari में आप पायेंगे शहीदों को श्रद्धांजलि शायरी और आप Shahid Diwas Message जिसमे वीर शहीदों की क़ुरबानी से जुड़े शायरी मैसेज और विचारों का संग्रह उपलब्ध हैं.
दोस्तों आज की पोस्ट को लोया हैं देश भक्ति के कॉलम से और इस कॉलम में भी पायेंगे एक से बढ़ कर एक शहीदों और देश भक्ति से जुड़े शायरी मैसेज और कोट्स आदि.
Shahid Diwas Shayari
दोस्तों आज की पोस्ट देश के सच्चे वीर सपूतों के सम्मान में बनाया गया हैं. और हमारी Shahidon Par Shayari की पोस्ट में आप पायेंगे हमारे देश की सरहदों की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति देने वाले बहादुर सैनिको के सम्मान में शायरी, स्टेटस और कोट्स का संग्रह.
और वाह हिंदी ब्लॉग में दिए गए शहीद शायरी आप सभी देश भक्तों को बेहद ही पसंद आएगा और आप का भी सीना चौड़ा हो जाएगा हमारे देश के वीर जवानों के शोर्य गाथा को सुन कर और हमारे देश के सैनिको के प्रति और सम्मान बढ़ जाएगा.
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Shahid Diwas Shayari, Message |
तो देर कैसी मित्रों आइये शुरुवात करते हैं शहीदों को श्रद्धांजलि शायरी को और शेयर करते हैं फेसबुक और व्हात्सप्प पर.
दोस्तों अगर आप हमारे देश की सरहद की सुरक्षा करते हुए शहीद हुए वीर सपूतों को भावपूर्ण श्रद्धांजलि देना चाहते हैं तो, हमारे द्वारा की गई पिछली पोस्ट "शहीदों को भावपूर्ण श्रद्धांजलि संदेश हिंदी" को जरुर पढ़े और अपने देश के जवानों की शहादत को नमन करे, जिनकी वजह से आज हम सुख चैन की नींद सोते हैं.
इन्हें भी पढ़े:- Shradhanjali In Hindi - शहीदों को श्रद्धांजलि
Shaheed Diwas Shayari
1 🔲मैं भारतवर्ष का हरदम अमिट सम्मान करता हूँ
यहाँ की चांदनी मिट्टी का ही गुणगान करता हूँ,
मुझे चिंता नहीं है स्वर्ग जाकर मोक्ष पाने की,
तिरंगा हो कफ़न मेरा, बस यही अरमान रखता हूँ ।।
2 🔲
किसी गजरे की खुशबू को महकता छोड़ आया हूँ,
मेरी नन्ही सी चिड़िया को चहकना छोड़ आया हूँ,
मुझे छाती से अपनी लगा लेना भारत माँ
मै अपनी माँ की बाहो को तरसता छोड़ आया हूँ ।।
3 🔲
हाथ जोड़कर नमन जो करते,
मत समझो कि हम कमजोर हैं
मत समझो कि हम कमजोर हैं
उठाओ कथायें देखो इतिहास,
छाये हुए हम हर ओर हैं ।।
छाये हुए हम हर ओर हैं ।।
4 🔲
बहुत हुआ बहुत सह चुके अब हम ना ही कुछ सहेंगे
हिंदुस्तान मांगे बदला ।। भारत माता की जय
5 🔲
वो माँ आधा शरीर कैसे ले साहब जब
आप आधा इंच कम होने पर सेना मैं नही लेते हो ।।
6 🔲
जिंदगी जीने की कला को कहते है,
मरना भी एक कला है यारो और मरने से पहले,
कोई एक काम तो ऐसा कर जाओ की
आने वाली पीढी तुम्हे सदियो तक याद रखे यारो ।।
7 🔲
इतनी सी बात हवाओ को बताए रखना
रोशनी होगी चिरागों को जलाए रखना,
लहू देकर की है जिसकी हिफाजत हमने
ऐसे तिरंगे को हमेशा अपने दिल में बसाए रखना ।।
8 🔲
जब तुम शहीद हुए थे
तो ना जाने कैसे तुम्हारी माँ सोई होगी,
एक बात तो तय है
तुम्हे लगने वाली गोली भी सौ बार रोई होगी ।।
सीनें में ज़ुनून ऑखों में
देंशभक्ति की चमक रखता हुँ
देंशभक्ति की चमक रखता हुँ
दुशमनो की साँसें थम जाए,
आवाज में वो धमक रखता हुँ ।।
आवाज में वो धमक रखता हुँ ।।
आओ झुक कर सलाम करे उनको
जिनके हिस्से मे ये मुकाम आता है
खुसनसीब होता है वो खून
जो देश के काम आता है ।।
जय हिन्द जय शहीद
शहीदों पर शायरी
11 🔲
मेरी जिंदगी में सरहद की कोई शाम आए
काश मेरी जिंदगी मेरे वतन के काम आए,
ना खौफ है मौत का ना आरजू है जन्नत की
ख्वाईश बस इतनी सी है जब भी जिक्र हो
शहीदों का तो मेरा भी नाम आए ।।
शहीदों का तो मेरा भी नाम आए ।।
सैंकड़ों परिंदे आसमान पर आज नजर आने लगे,
बलिदानियों ने दिखाई है राह उन्हें आजादी से उड़ने की ।।
13 🔲
इतनी सी बात हवाओ को बताये रखना
रौशनी होगी चिरागो को जलाये रखना,
लहू देकर की है जिसकी हिफाजत हमने
ऐसे तिरंगे को हमेशा अपने दिल मे बसाये रखना ।।
Shahid Diwas Shayari
14 🔲
कांटो के बीच खिली
देशभक्ति को
अब हिफाज़त चाहिए,
देशभक्ति को
अब हिफाज़त चाहिए,
मेरे मुल्क में तिरंगा
फहराने के लिए भी
इजाजत चाहिए ।।
फहराने के लिए भी
इजाजत चाहिए ।।
15 🔲
मुकम्मल है इबादत और मैं वतन ईमान रखता हूँ
वतन की शान की खातिर हथेली पर जान रखता हूँ,
क्यों पढ़ते हो मेरी आँखों में नक्शा किसी और का
देशभक्त हूँ दिल में हिंदुस्तान रखता हूँ ।।
16 🔲
करता हूँ भारत माता से गुजारिश कि
तेरी भक्ति के सिवा कोई बंदगी न मिले,
तेरी भक्ति के सिवा कोई बंदगी न मिले,
हर जनम मिले हिन्दुस्तान की
पावन धरा पर या फिर कभी
जिंदगी न मिले ।।
पावन धरा पर या फिर कभी
जिंदगी न मिले ।।
मिटा दिया है वजूद उनका
जो भी इनसे भिड़ा है,
जो भी इनसे भिड़ा है,
देश की रक्षा का संकल्प लिए
जो जवान सरहद पर खड़ा है ।।
जो जवान सरहद पर खड़ा है ।।
यहाँ आरती है अज़ान है,
हिन्दू हैं मुसलमान हैं,
हिन्दू हैं मुसलमान हैं,
गर्व है मुझे इस देश पर
क्यूंकि ये मेरा हिन्दुस्तान है ।।
क्यूंकि ये मेरा हिन्दुस्तान है ।।
19 🔲
चाइना न करो ये धूर्तता
हट जाओ सीमा से दूर,
हट जाओ सीमा से दूर,
ये है 2020 का भारत
जो कर देगा तुम्हे चकनाचूर ।।
जो कर देगा तुम्हे चकनाचूर ।।
20 🔲
जब ललकारे बाहर का कोई,
तो एक हो जाना चाहिए,
तो एक हो जाना चाहिए,
मुसीबत कैसी भी हो आई,
दुश्मन अपनी औकात पे आना चाहिए ।।
दुश्मन अपनी औकात पे आना चाहिए ।।
21 🔲
उसके कफ़न से खून के
दाग धुलकर जा रहे है,
दाग धुलकर जा रहे है,
मेरे देश के नमकहराम
अब खुलकर आ रहे है ।।
अब खुलकर आ रहे है ।।
22 🔲
वतन वालो वतन ना बेच देना
ये धरती ये चमन ना बेच देना,
शहीदों ने जान दी है वतन के वास्ते
शहीदों के कफन ना बेच देना।।
23 🔲
भारत माँ के लाल प्रिय,
देश धनुष तू तीर,
राष्ट्र भक्त! पुत्र भारती,
नमन चक्षु भरे नीर ।।
24 🔲
ज़माने भर मे मिलते है आशिक कई
मगर वतन से खूबसूरत कोई सनम नहीं होता,
नोटों मे भी लिपट कर सोने मे सिमटकर मरे है कई
मगर तिरंगे से खूबसूरत कोई कफ़न नहीं होता ।।
25 🔲
अजल से वे डरें जीने को जो अच्छा समझते हैं।
मियाँ! हम चार दिन की जिन्दगी को क्या समझते हैं?
रामप्रसाद बिस्मिल
26 🔲
लिबास बेशक मेरा ये सफेद साड़ी है,
मगर रूह अब मेरी तिरंगा हो गई ।।
27 🔲
भारत में ही महफूज़ था वो,
भारत में ही कहीं खो गया ।।
28 🔲
सुनो न,,अब एक काम करो,
रोज़-रोज़ जख्म देकर न जिस्म तार-तार करो,
जितनी भी नफ़रत है तुम्हारे अंदर,
बारूद में मिला कर इन मुल्कों को ख़ाक करो ।।
29 🔲
तिरंगे में लिपटी लाशो में दी थे नाम
एक था अली तो एक था श्याम
हिंदुस्तान-ए-मोहब्बत में दोनों ने दी थी जान,
फिर भी हमने उनको बांट दिया
कहकर हिंदू और मुसलमान ।।
कहकर हिंदू और मुसलमान ।।
30 🔲
ऐसी भारत मां के बेटे मान गंवाना क्या जाने,
मेरे देश के लाल हठीले शीश झुकाना क्या जाने ।।
Shahid Diwas Message
जल्दी वापस घर आ जाओ
याद बहुत ही आती है,
कहाँ गए हो लाल मेरे तुम
माँ आवाज लगाती है ।।
32 🔲
मेरे देश में चल रहा तर्क तो देखो,
देश के दो जवानों में फर्क तो देखो,
एक को शराब के इंतजार में खड़ा देखा,
दूजे को शहादत में इंतकाम से लड़ता देखा ।।
33 🔲
आज़ादी छीनी है साहेब
हाथ फैला कर मांगी नही ,
हाथ फैला कर मांगी नही ,
इतिहास लिखा गया है वीरों के रक्त से
ये फ़क़त स्याही नहीं ।।
ये फ़क़त स्याही नहीं ।।
34 🔲
लगाकर जान की बाजी हमें महफूज रखते हैं,
उनकी राख से हिन्दुस्तान के चमन खिलते हैं ।।
35 🔲
लिख रहा हूँ मैं अंजाम जिसका कल आगाज आएगा
मेरे लहू का हर कतरा इंकलाब लाएगा,
मैं रहू या ना रहूँ पर एक वादा है तुमसे मेरा
की मेरे बाद वतन पे मरने वालो का सैलाब आएगा ।।
36 🔲
दुश्मन की गोलियों का सामना कर लेंगे,
हम आजाद है और आजाद ही रहेंगे ।।
न खून से न शहादत से, न सिसकियों से संतापो से,
हिंदुस्तान सदा मात खा गया, आस्तीन के सांपों से।।
38 🔲
जब आँख खुले तो धरती हिन्दुस्तान की हो
जब आँख बंद हो तो यादेँ हिन्दुस्तान की हो,
हम मर भी जाए तो कोई गम नही लेकिन
मरते वक्त मिट्टी हिन्दुस्तान की हो ।।
39 🔲
चरागदान कोई गर्द से ढका पड़ा है,
बहुत दिनों से उस बुढ़िया ने कोई चराग नहीं जलाया,
सुना है उसका बेटा फ़ौज में था
सरहद पर गया था लौटकर नहीं आया ।।
40 🔲
मेरे जज्बातों से इस कदर वाकिफ हैं मेरी कलम
मैं इश्क भी लिखना चाहूँ तो भी, इंकलाब लिख जाता हैं ।।
भगत सिंह
41 🔲
भारत मां तेरी जय हो हमेशा
इसलिए तिरंगे में लिपटकर घर को जाता हूं,
फौजी हू ना खुद की मां नहीं दिखती
जब भारत मां तेरी ओर दुश्मन कदम बढ़ाता है ।।
42 🔲
शहीद हो गये तुम माँग में सिन्दूर भरने से पहले,
अब अपनी माँग तुम्हारी राख से सजाती हूँ ।।
43 🔲
खून का आखरी छींटा उड़ना अभी बाकी है
देश तो अभी आधा आजाद हुआ है
पूरा आजाद होना अभी बाकी है ।।
इंकलाब जिंदाबाद
मज़हब को अलग रखना,
तिरंगे को मेरा कफ़न कर देना,
तिरंगे को मेरा कफ़न कर देना,
मुझे मस्जिद में जला कर फिर
मंदिर में दफ़न कर देना ।।
मंदिर में दफ़न कर देना ।।
Shahid Diwas Shayari
45 🔲
मौत एक बार जब आनी है तो डरना क्या है!
हम इसे खेल ही समझा किये मरना क्या है?
अशफ़ाकउल्ला खां
46 🔲
चिंगारी आजादी की सुलगी मेरे जश्न में हैं
इन्कलाब की ज्वालाएं लिपटी मेरे बदन में हैं,
मौत जहाँ जन्नत हो ये बात मेरे वतन में हैं
कुर्बानी का जज्बा जिन्दा मेरे कफन में हैं ।।
शहीदों पर शायरी
47 🔲
दरिंदों ने तारीख को दर्द भरा इतिहास बना दिया,
चहचहाते परिवारों को मिनटों में राख बना दिया ।।
48 🔲
हम इन शुरवीरों की ये शहादत ,
इनका बलिदान करा रहा अब इनकी इबादत,
इनके सिवा कौन यूँ करता है, इस देश की हिफाज़त,
मरते मरते भी ये कह जाते हैं, देश रहा अब तुम्हारी अमानत ।।
आगाज़ है, तो अंज़ाम होगा,
बात नहीं, अब संग्राम होगा ।।
50 🔲
खुशनसीब हैं वो जो वतन पे मिट जाते हैं
मर कर भी वो लोग अमर हो जाते हैं,
करता हूँ तुम्हे सलाम ऐ वतन पर मिटने वालो
तुम्हारी हर सांस में बसता तिरंगे का नसीब है ।।
51 🔲
हज़ारों साल नर्गिस अपनी बे-नूरी पे रोती है
बड़ी मुश्किल से होता है चमन में दीदा-वर पैदा ।।
अल्लामा इक़बाल
52 🔲
उन पर भी कोई राखी बांध दो,
जो कलाइयां देश की हिफाज़त करते-करते
कंकाल हो गयी है ।।
53 🔲
क्या मोल लग रहा है शहीदों के ख़ून का
मरते थे जिन पे हम वो सज़ा-याब क्या हुए ।।
साहिर लुधियानवी
54 🔲
मत सहल हमें जानो फिरता है फ़लक बरसों
तब ख़ाक के पर्दे से इंसान निकलते हैं ।।
मीर तक़ी मीर
55 🔲
कहीं चौखट पर खुशी की मोम पिघल रही
यहाँ इकलौते जवान बेटे की चिता जल रही,
सत्ता के गलियारों से तो बस बयानबाजी हो रही,
और पूरे शहर में दीवाली की आतिशबाजी हो रही ।।
शहीदों को श्रद्धांजलि शायरी
56 🔲
जाते वो शान से, घर आते बेजान से,
लड़ते जी जान से, शहीद होते मुस्कान से,
वतन की रक्षा करते ये मसीहा,
फौजी कहते है इनको इनकी पहचान से ।।
57 🔲
उस मां पर क्या बिती होगी ,
जब लाल बना सिंदुर हो, और
उस लाली सी रंगौली पर फिका छाया नूर हों ।।
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