दोस्तों फेसबुक शायरी के इस Post की Topic "Rooh Shayari" हैं. इसमें आप पढ़ सकते हैं रूह शायरी 2 लाइन, रूह शायरी in Urdu, Rooh Status, रूह शायरी 4 लाइन, पर बनी बेजोड़ शानदार रूह शायरी को, मित्रो आशा करता हूँ कि यह पोस्ट आप सभी शायरी के चाहने वालो को बेहद पसंद आएगी. Ruh Shayari..
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Rooh Status, Ruh Shayari |
दोस्तों आईये अब पढ़ते हैं "रूह, रूहानी शब्द पर बने एक से बढ़ कर एक शायरियों के इस कलेक्शन को जो शेर-ओ-शायरी के चाहने वालो को बेहद ही पसंद आएगा यह कलेक्शन अलग अलग सोशल मिडिया के प्लेटफार्म से संग्रह कर के बनाया गया खास आप सभी के लिए तो आईये लुफ्त उठाये इस पोस्ट का और शेयर करे अपने पसंद के शेर को अपने दोस्तों को.
70+ रूह शायरी 2 लाइन - Rooh Status - Ruh Shayari
◼ 1
प्यार दो जिस्म का नहीं रूहों का मिलन हैं।।
◼ 2
मेरी रूह में समायी है तेरी खुशबू।
लोग कहते हैं तेरा इत्र लाजवाब है।।
◼ 3
बदन से रूह जाती है तो बिछती है सफ-ए-मातम।
मगर किरदार मर जाये तो क्यूँ मातम नहीं होता?
Badan Se Ruh Jate Hai To Bichti Hai Saf-Ae-Matam,
Magar Kirdar Mar Jaye To Kyu Matam Nahi Hota..
◼ 4
ताल्लुक हो तो रूह से रूह का हो।
दिल तो अकसर एक दूसरे से भर जाया करते हैं ।।
Talluk Ho To Ruh Se Ruh Ka Ho,
Dil To Aksar Ek Dusare Se Bhar Jaya Karata Hain..
◼ 5
रूह के रिश्तों की यही खूबी है।
महसूस हो ही जाती है कुछ बातें अनकही।।
◼ 6
रूह घबराई हुई फिरती है मेरी लाश पर।
क्या जनाज़े पर मेरे ख़त का जवाब आने को है।।
फ़ानी बदायुनी
रूह शायरी उर्दू
◼ 7
तेरे चेहरे के हजारों चाहने वाले होगें।
तेरी रूह का तो मैं बस अकेला ही दीवाना हूं।।
Tere Chehare Ke Hazaaro Chahane Wale Honge,
Teri Ruh Ka To Bas Akela Hi Deewana Hun.
Ruh Shayari
◼ 8
ख़ुशबू-सी बेटियाँ जब गले लगती हैं।
तो रूह तक महक उठती हैं।।
Khushabu Si Betiyan Jab Gale Lagati Haim
To Ruh Tak Mahak Uthati Hai.
◼ 9
रूह की तडप का इलाज हो तुम।
और जिंदगी हमसे पूछो।
सनम कितनी लाजवाब हो तुम।।
Ruh Ki Tadap Ka Ilaaz Ho Tum
Aur Zindagi Hamase Punchho
Sanam Kitani Jaazawaab Ho Tum
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◼ 10
तेरे हर गम को अपनी रूह में उतार लूँ।
ज़िन्दगी अपनी तेरी चाहत में संवार लूँ।।
◼ 11
ना चाहतों का ना ही ये दौलतों का रिश्ता है।
ये तेरा मेरा तो बस रूह का रिश्ता है।।
Naa Chahaton Ka Naa Hi Daulaton Ka Rishata Hai
Ye Tera Mera To Bas Ruh Ka Rishta Hain
रूह शायरी
◼ 12
इश्क़ हूँ मुकमल हूँ मुझ में समा तो सही।
रूह की प्यास हूँ ताउम्र की आस हूँ,
सीने से लगा तो सही।।
Ishq Hun Mukamal Hun Mujh Me Sama To Sahi
Ruh Ki Pyaas Hun Taumra Ki Aas Hun
Seene Se Laga ToSahi
◼ 13
प्यास इतनी है मेरी रूह की गहराई में।
अश्क गिरता है तो दामन को जला देता है।।
Pyaas Itani Hai Meri Ruh Ki Gaharayi Me
Ashq Girata Hai To Daaman Ko Jala Deta Hai
◼ 14
एक एहसास तेरा,मुकम्मल जिंदगी मेरी।
एक खुशी तेरी,सौ दुआ-ए-रूह मेरी।।
◼ 15
करू क्यों फ़िक्र की, मौत के बाद जगह कहाँ मिलेगी।
जहाँ होगी महफिल, मेरे यारो की मेरी रूह वहाँ मिलेगी।।
◼ 16
वजूद की तलब ना कर।
हक है तेरा रूह तक सफर तो कर।।
◼ 17
अल्हड़ सी ओस की बूँदे बबो को मेरे भिगो गई।
तुम आओ तो मेरे रूह की प्यास बुझे।।
◼ 18
बेनाम आरजू की वजह ना पूछिए।
कोई अजनबी था रूह का दर्द बन गया।।
◼ 19
मौत की शह दे कर तुमने समझा अब तो मात हुई।
मैंने जिस्म का ख़ोल उतार क़े सौंप दिया,और रूह बचा ली।।
गुलज़ार
◼ 20
रूहानी इश्क़ होता है जब,
जिस्म की प्यास नहीं होती।
हवा का रंग नहीं होता,
इश्क़ की जात नहीं होती।।
Ruhani Ishq Hota Hai Hai
Jab Zism Ki Pyaas Nahi Hoti,
Hawa Ka Rang Nahi Hota
Ishq Ki Jaat Nahi Hoti.
◼ 21
कुछ इस तरह से बसे हो तुम मेरे अहसासों में।
जैसे धड़कन दिल में, मछली पानी में, रूह जिस्म में।।
◼ 22
आज जिस्म मे जान है,
तो देखते नही हैं लोग।
जब रूह निकल जाएगी तो,
कफन हटा-हटा कर देखेंगे लोग।।
◼ 23
जिस्म की दरारों से रूह नज़र आने लगी है।
बहुत अंदर तक तोड़ गया है इश्क़ तुम्हारा।।
◼ 24
जिस्म तो बहुत संवार चुके
रूह का सिंगार कीजिये।
फूल शाख से न तोडिये
खुशबुओं से प्यार कीजिये।।
◼ 25
जिस्म से होने वाली मोहब्बत का
इजहार आसान होता है।
रूह से हुई मोहब्बत समझने में
जिन्दगी गुजर जाती है।।
Zism Se Hone Wali Mohabbat Ka
Izahaar Aasaan Hota Hai,
Rooh Se Huye Mohabbat Samajhane Mein
Zindagi Gujar Jati Hai.
◼ 26
जो मेरे दिल में है तेरे दिल,
में भी वही आरज़ू चाहिए।
मोहब्बत में मुझे सिर्फ,
जिस्म नहीं तेरी रूह चाहिए।।
Rooh Shayari 2 Line
◼ 27
रूह की आड़ में जिस्म तक नोच खाते हैं लोग।
प्यार के नाम पर हवस की आग बुझाते हैं लोग।।
◼ 28
जब यार मेरा हो पास मेरे,
मैं क्यूँ न हद से गुजर जाऊँ।
जिस्म बना लूँ उसे मैं अपना,
या रूह मैं उसकी बन जाऊँ।।
◼ 29
तमन्ना तेरे जिस्म की होती तो
छीन लेते दुनिया से।
इश्क तेरी रूह से है
इसलिए खुदा से मांगते हैं तुझे।।
Ruh Shayari
◼ 30
जिस्म संदल सांस खुशबू आंख बादल हो गयी
आपसे घुलकर हमारी रूह पागल हो गयी।
एक कंकड़ प्यार से फेंका ये किसने झील में
आज फिर ढहरे हुए दरिया में हलचल हो गयी।।
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◼ 31
मेरी रूह का मिलन तेरी रूह से हो जाए
कुछ इस तरह मेरे लब आज तेरे लबों को छू जाए।
मिटाकर हर फासला हम दोनों के दरमियां
क्यों ना आज तुम हमारे और हम तुम्हारे हो जाएं।।
◼ 32
दिल से खेलने की फितरत
खुदा ने भी क्या खूब रखी।
इश्क़ को रूह तक रखा
मोहब्बत को आँखें नहीं बख्शी।।
◼ 33
जब रूह में उतर जाता हैं बेपनाह इश्क का समंदर।
लोग जिंदा तो होते हैं मगर किसी और के अंदर।।
◼ 34
हुस्न की मल्लिका हो या साँवली सी सूरत।
इश्क अगर रूह से हो तो हर चेहरा कमाल लगता है।।
◼ 35
यूँ तो होते है रूबरू चेहरे बहोत हर रोज़ मुझसे।
लेकिन रुह को सुकून जिससे मिले वो चेहरा तुम्हारा है।।
लेकिन रुह को सुकून जिससे मिले वो चेहरा तुम्हारा है।।
70+ रूह शायरी 2 लाइन - Rooh Status
◼ 36
रूह का सकून है इश्क।
शर्त है.. सही इंसान से हो।।
◼ 37
रूह मेरी इश्क़ तेरा जान मेरी जिस्म तेरा।
जन्नत मिले पहलू में तेरे बाहे तेरी और सुकून मेरा।।
◼ 38
इश्क अगर रूह से हो तो।
हर चेहरा कमाल लगता है।।
◼ 39
उसने मुझसे पूछा मोहब्बत कश्मकश क्या है?
मेने कहा बाहों में समंदर और रूह प्यासी।।
◼ 40
इश्क़ जिस्म से नही
रूह से किया जाता है।
जिस्म तो एक लिबास है,
ये हर जनम बदल जाता है।।
◼ 41
रूह जिस्म का ठौर ठिकाना चलता रहता है।
जीना मरना खोना पाना चलता रहता है।।
◼ 42
हम अपनी रूह तेरे जिस्म में छोड़ आए, "फ़राज़"
तुझे गले से लगाना तो एक बहाना था।।
Hum Apni Ruh Tere Zism Mein Chhod Aaye,
Tujhe Gale Se Lagana To Ek Bahaana Tha.
◼ 43
ख़ुद मिरी आँखों से ओझल मेरी हस्ती हो गई.
आईना तो साफ़ है तस्वीर धुँदली हो गई।
साँस लेता हूँ तो चुभती हैं बदन में हड्डियाँ.
रूह भी शायद मिरी अब मुझ से बाग़ी हो गई।।
Rooh Shayari 2 Line
◼ 44
ज़हर भी है एक दवा भी है इश्क़,
तुझसे और तुझ तक मेरी रज़ा है इश्क़।
जिस्म छू कर तो हर कोई एहसास पा जाए,
रूह तक महसूस हो वो नशा है इश्क़।।
◼ 45
मिरे महबूब इतराते फिरते थे जवानी पे अपनी।
मिरे बिना अपना वजूद जो देखा तो, रूह कांप गई।।
◼ 46
मुझे तलाश है एक रूह की जो मुझे दिल से प्यार करे।
वरना जिस्म तो पैसो से भी मिल जाया करते है।।
◼ 47
इश्क वो खेल नहीं जो छोटे दिल वाले खेलें।
रूह तक काँप जाती है सदमे सहते-सहते।।
Ishk Wo Khel Nahi Jo Chhote Dil Wale Khele
Ruh Kanp Jaati Hain Sadame Sahate Sahate
◼ 48
अपने इमान की हिफाजत खुद से हैं मुकमल।
रूह के मुआयने के लिए कोई आईना नहीं होता।।
Apane Imaan Ki Hifajat Khud Se Hai Mukammal
Ruh Ke Muaayane Ke Liye Koi Aayina Nahi Hota.
रूह शायरी
◼ 49
तेरी रूह में सन्नाटा है और मेरी आवाज़ में चुप्पी।
तू अपने अंदाज़ में चुप, मैं अपने अंदाज़ में चुप।।
Teri Ruh Me Sannata Hai Aur Meri Aawaz Me Chuppi,
Tu Apane Andaz Me Chup, Mai Apane Andaaz Me Chup.
◼ 50
रूह तरसती है तेरी खुशबू के लिए।
तुम कहीं और महको तो बुरा लगता है।।
Ruh Tarasati Hai Teri Khushbu K Liye,
Tum Kahi Aur Mahako To Bura Lagata Hai.
◼ 51
किसी से जुदा होना इतना आसान होता तो।
रूह को जिस्म से लेने फ़रिश्ते नहीं आते।।
◼ 52
कितना मुश्किल है जहाँ मे अच्छा दिलजानी होना।
हुस्न के दौर में ईश्क का रूहानी होना।।
रूह शायरी उर्दू
◼ 53
बाद मरने के भी अरमान यही है ऐ दोस्त।
रूह मेरी तिरे आग़ोश-ए-मोहब्बत में रहे।।
◼ 54
कभी इश्क़ करना तो बारिश की बूंदों सा करना।
जो तन पे गिरे और अंदर तलक रूह भीग जाये।।
Kabhi Ishk Karana To Barish Ki Bundo Sa Karana,
Jo Tan Par Gire Aur Andar Talak Ruh Bheeg Jaye.
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◼ 55
मेरी रूह को छू लेने के लिए बस कुछ लफ्ज़ ही काफ़ी है।
कह दो बस इतना ही की, तेरे साथ अभी जीना बाकी है।।
Meri Ruh Ko Chhu Lene Ke Liye Bas Kuchh Lafz Hi Kafi Hain,
Kah Do Bas Itana Ki, Tere Sath Abhi Jeena Baki Hain
◼ 56
है रूह को समझना भी जरुरी।
महज हाथो को थामना साथ नही होता।।
◼ 57
कोइ मेरी रूह को जला कर यूँ चला गया है।
देखो ना धुआँ धुआँ सी हो गइ है मेरी जिंदगी।।
◼ 58
तेरे वजूद से हैं मेरी मुक़म्मल कहानी।
मैं खोखली सीप और तू मोती रूहानी।।
◼ 59
मैं ख्वाहिश बन जाऊँ, और तू रूह की तलब।
बस यूँ ही जी लेंगे दोनों मुहब्बत बनकर।।
Mai Khwahish Ban Jau Aur Tu Ruh Ki Talab
Bas Yu Hi Ji Lenge Dono Mohabbat Banakar
◼ 60
जिस्म से रूह तक जाए तो हकीकत है इश्क।
और रूह से रूह तक जाए तो इबादत है इश्क़।।
◼ 61
हर साँस सजदा करती है
हर नज़र में इबादत होती है।
वो रूह भी आसमानी होती है,
जिस दिल में महोब्बत होती है।।
◼ 62
सुनो ना अरमानों को यूँ ही मचलने दो,
आरजू मिलने की यूँ ही बरकरार रखना।
यह जरूरी तो नही मुलाकत मुमकिंन हो,
मगर रूह से इश्क़ को यूँ ही आबाद रखना।।
◼ 63
इश्क ओर दोस्ती मेरे दो जहान है,
इश्क मेरी रुह, तो दोस्ती मेरी जान है।
इश्क पर तो फिदा करदु अपनी पुरी जिंदगी,
पर दोस्ती पर मेरा इश्क भी कुर्बान है।।
◼ 64
रूह का रूह से वास्ता यू हो जाता है।
नज़रे कह दे और दिल समझ जाता है।।
◼ 65
लिपटे रहते हैं तेरे अहसास , मेरी रूह सें हरदम।
हरदम, खुद में तुम्हे महसूस करता हूँ मैं।।
◼ 66
रूह को छू जाती हैं तेरी नज़र,
इस कदर ना देखा करो हमें।
तेरी नज़र में कुछ कशिश हैं,
कहीं मोहब्बत ना हो जाए हमें।।
◼ 67
मेरी रूह गुलाम हो गई है, तेरे इश्क़ में शायद।
वरना यूँ छटपटाना, मेरी आदत तो ना थी।।
◼ 68
रूह की तड़प का इलाज़ हो तुम।
कौन कहता है, मोहब्बत लाइलाज बीमारी है?
◼ 69
यकीनन तुमने रूह तक दस्तक दी होगी।
सुना है दिल तक दस्तक देने वाले दर्द बहुत देते हैं।।
◼ 70
एहसास करा देती है रूह, जिनकी बातें नहीं होती।
इश्क वो भी करते है जिनकी, मुलाकाते नहीं होती।।
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दोस्तों आशा करता हूँ की " 70+ रूह शायरी 2 लाइन - Rooh Status, Ruh Shayari " यह भी पोस्ट पसंद आया होगा आप सभी को और आपने पढ़ा होगा "Rooh Shayari" रूह शायरी in Urdu, Rooh Statue, रूह शायरी 4 लाइन, के इस कलेक्शन को दोस्त अगर यह पोस्ट आपके दिल को छू लिया हो तो इसे जरूर से शेयर करे ताकि इस कलेक्शन को और भी दोस्त पढ़ सके. धन्यवाद आप सभी का आपने इस पोस्ट को अपना प्यार दिया.