दोस्तों हिंदी उर्दू शायरी के इस Post की Topic "ज़ख्म Shayari" हैं. इसमें आप पढ़ सकते हैं ज़ख्म शायरी 2 लाइन, ज़ख्म शायरी in Hindi, ज़ख्म शायरी Urdu, ज़ख्म Status, पर बनी बेजोड़ शानदार शायरी को, मित्रो आशा करता हूँ कि यह पोस्ट आप सभी शायरी के चाहने वालो को बेहद पसंद आएगी.
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Zakhm Shayari 2 Line |
दोस्तों आज की यह पोस्ट मोहब्बत के उन दीवानो के लिए हैं जिन्होंने मोहब्बत में ज़ख्म खाये और उस ज़ख्म का दर्द आज तक सह रहे हैं. सच कहते हैं लोग हर ज़ख्म का इलाज मुमकिन हैं लेकिन मोहब्बत के ज़ख्म का इलाज़ मुमकिन नहीं इस इश्क़ में चोट खाये आशिक अंदर ही अंदर अपने घुट घुट कर मरने लगता हैं दिखने में तो वो ज़िंदा होता हैं हक़ीक़त तो ये होता हैं वो एक चलती फिरती लाश बन जाता हैं. इसी लिए कहा जाता हैं इश्क के ज़ख्म का इलाज इश्क़ ही हैं और कुछ नहीं.
तो देर कैसी आईये पढ़ते हैं आज की यह पोस्ट "जख्म Status" की जो आपके ज़ख्मों का उतना दर्द तो काम नहीं करेगा लेकिन कुछ शब्दों के जरिये मरहम जरूर लगा देगा.
85+ ज़ख्म शायरी 2 लाइन / जख्म Status
◼ 1
शहर में बिखरी हुई हैं,
ज़ख्म-ए-दिल की खुशबुएँ,
ऐसा लगता है के
दीवानों का मौसम आ गया.
◼ 2
गलत कहते है लोग की
सफेद रंग मै वफा होती है यारो,
अगर ऐसा होता तो आज नमक,
जख्मो की दवा होती.
◼ 3
जितना छिड़का है तूने ज़ख़्मों पे,
उतना खाया नही नमक तेरा.
◼ 4
न ज़ख्म भरे,
न शराब सहारा हुई,
न वो वापस लौटीं,
न मोहब्बत दोबारा हुई.
◼ 5
ज़ख़्मों के बावजूद
मेरा हौसला तो देख,
तू हँसी तो मैं भी तेरे साथ
हँस दिया.
◼ 6
ये तेरी जुदाई का यादगार है
वरना एक जख्म भरने में
देर कितनी लगती है.
◼ 7
मैं हँसकर अपना दर्द सुनाऊंगा,
तुम रो भी नही पाओगे.
मेरे जख्मों को आज कुरेदे गर,
तुम सो भी नही पाओगे.
◼ 8
तुझसे अच्छे तो जख्म हैं मेरे,
उतनी ही तकलीफ देते हैं
जितनी बर्दास्त कर सकूँ.
Tumse Achhe To Zakham Hai Mere,
Itni Hi Taklif Dete Hain
Jitni Bardast Kar Saku.
◼ 9
फिर कोई जख्म मिलेगा
तैयार रह ऐ दिल,
तैयार रह ऐ दिल,
कुछ लोग फिर पेश आ रहे हैँ
बहुत प्यार से.
बहुत प्यार से.
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◼ 10
जख्म पा कर सिर झुका देता हूँ ,
जाने कौन पत्थर ख़ुदा बन जाये.
◼ 11
वो जान गयी थी
हमें दर्द में मुस्कराने की आदत हैं,
वो रोज नया जख्म देती थी
मेरी ख़ुशी के लिए.
◼ 12
मुस्कराहट यूँ मेरे दिल के
जख्मों को छुपा लेती है,
माँ जैंसे अपने बच्चों के ऐबों को
सबसे छुपा लेती है.
◼ 13
मैं जख्म खरीदता हूँ,
मोहब्बत के भाव में,
जख्म है कि दिखते नही ,
मगर ये मत समझिए कि दुखते नही.
◼ 14
मरहम न सही
एक जख्म ही दे दो,
महूसस तो हो के
कोई हमें भुला नही.
◼ 15
ज़ख़्म दे कर ना पुछा करो
दर्द की शिद्दत,
दर्द तो दर्द होता है
थोड़ा क्या ज्यादा क्या?
◼ 16
बैठ कर उदास लम्हों में ये सोचता हूँ
दुश्मनी भी नही किसी से
फिर ज़ख्म गहरे क्यों हुए.
◼ 17
ये दिल हर ज़ख्म
सहन कर सकता था,
पता नही तुम्हारे दिए हुए ज़ख्म
क्यों नही सह पाया?
◼ 18
काश बनाने वाले ने
दिल कांच के बनाये होते,
जख्म Status
तोड़ने वाले के हाथ में
ज़ख्म तो आये होते.
◼ 19
तुमने तीर चलाया तो
कोई बात न थी,
कोई बात न थी,
ज़ख्म मैंने जो दिखाया तो
बुरा मान गए?
बुरा मान गए?
◼ 20
एक दो ज़ख़्म नहीं जिस्म है सारा छलनी
दर्द बे-चारा परेशाँ है कहाँ से निकले
सय्यद हामिद
◼ 21
शरीर पर जो जख्म-ए- निशान हैं,
वो बचपन के हैं,
बाद के तो सारे
दिल-ओ-दिमाग पर है.
◼ 22
जितने भी जख्म थे
सबको सहलाने आये है,
वो माशुक खंजर के सहारे
मरहम लगाने आये हैं.
◼ 23
कुछ लोग मेरी शायरी से
सीते है अपने ज़ख़्म,
कुछ लोगो को मैं चुभता हु
एक नोक की तरह.
◼ 24
किसी के दर्द की दवा बनो,
जख्म तो हर इन्सान देता है.
◼ 25
गलत कहते है लोग की सफेद रंग मै
वफा होती है दोस्तो,
अगर ऐसा होता तो आज
नमक जख्मो की दवा होता.
◼ 26
ज़ख़्मों के बावजूद मेरा हौसला तो देख,
तू हँसी तो मैं भी तेरे साथ हँस दिया.
zakhamo Ke Bawjud Mera Hausla To Dekh,
Tu Hasi To Main Bhi Tere Sath Hans Diya.
◼ 27
जख्म ही देना था तो
पूरा जिस्म तेरे हवाले था,
लेकिन कम्बख़त ने जब भी वार किया,
दिल पर ही किया.
ज़ख्म शायरी Urdu
◼ 28
मरहम की ज़रूरत नही है मुझे,
ज़ख्म देकर कम से कम
हाल तो पूछ लिया करो.
◼ 29
ज़ख्म ताज़ा हैं अभी
यूँ न लगाओ मरहम,
दर्द बढ़ जाता है
कुछ और भी सहलाने से.
ज़ख्म शायरी 2 लाइन
◼ 30
कुछ जख्म भी सदियों बाद भी
ताजा रहते है फ़राज़,
वक़्त के पास भी हर मर्ज़ की
दवा नहीं होती.
◼ 31
तुम मुझ पर लगाओ मै
तुम पर लगाता हूँ,
ये जख्म मरहम से नही,
आरोपो से भर जायेंगे.
◼ 32
ए इश्क मुझको
कुछ और जख्म चाहियें,
अब मेरी शायरी में
वो बात नहीं रही.
कुछ और जख्म चाहियें,
अब मेरी शायरी में
वो बात नहीं रही.
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◼ 33
नमक तुम हाथ में लेकर,
सितमगर सोचते क्या हो,
हजारों जख्म है दिल पर,
जहाँ चाहो छिड़क डालो.
ज़ख्म शायरी Urdu
◼ 34
हाथ ज़ख़्मी हुए तो
कुछ अपनी ही खता थी,
लकीरों को मिटाना चाहा,
किसी को पाने की खातिर.
◼ 35
मेरी चाहत को मेरे हालात के
तराजू में कभी मत तोलना,
मैंने वो ज़ख्म भी खाए है,
जो मेरी किस्मत में नहीं थे.
◼ 36
किसी के ज़ख़्म पर
चाहत से पट्टी कौन बांधेगा,
अगर बहनें नहीं होंगी तो
राखी कौन बांधेगा?
◼ 37
देर तो लगती है
उसको भरने में,
जिस जख्म में शामिल हो
अपनों की इनायत
◼ 38
हर सितम सह कर कितने गम छिपाए हमने
तेरी खातिर हर दिन आंसू बहाये हमने
तू छोड़ गया जहाँ हमें राहों में अकेला
बस तेरे दिए जख्म हर एक से छिपाए हमने
◼ 39
ज़ुबान खामोश आँखों में नमी होगी
यही बस मेरी एक दास्ताँ -ऐ-जिंदगी होगी ,
भरने को हर जख्म भर जायेगा कैसे
भरेगी वो जगह जहाँ तेरी कमी होगी
◼ 40
दर्द कितने है बता नहीं सकता,
जख्म कितने है दिखा नहीं सकता.
आँखों से समझ सको तो समझ लो,
आंसू गिरे है कितने गिना नहीं सकता.
◼ 41
एक ही ज़ख़्म नही
पूरा वजूद ही ज़ख़्मी है,
दर्द भी हैरान है
आख़िर कहां कहां से उठे.
◼ 42
◼ 42
चोट लगी तो अपने अन्दर
चुपके चुपके रो लेते हो,
चुपके चुपके रो लेते हो,
अच्छी बात है आसानी से
जख्मों को तुम धो लेते हो.
जख्मों को तुम धो लेते हो.
दिन भर कोशिश करते हो
सबको गम का दरमाँ मिल जाये,
सबको गम का दरमाँ मिल जाये,
नींद की गोली खाकर
शब भर बेफ़िक्री में सो लेते हो
◼ 43
हर जख्म किसी ठोकर की मेहरबानी है
मेरी जिंदगी बस एक कहानी है मिटा देते,
सनम के दर्द को सीने से पर ये दर्द ही,
उसकी आखिरी निशानी है.
◼ 44
◼ 45
खंजर की क्या मज़ाल कि
एक ज़ख्म कर सके,
लेकिन तेरी बेरुखी से मैं
बार-बार घायल हुआ हूँ.
◼ 46
पौधे लगाए थे,
आके देखो उनमें
अब बहुत से फूल आए हैं.
Tumane Jo Kabhi Zakhm Ke
Paudhe Lagaye The,
Aake Dekho Uname
Ab Bahut Se Phool Aaye Hain.
◼ 50
जिन्दगी में मिले जख्म बहुत हैं,
मार ही डालती दुनिया कब की हमें,
मगर दोस्तों की दुआओं में दम बहुत हैं.
◼ 53
हमने तो बस इतना ही सीखा है
दोस्तों राह-ऐ-मोहब्बत में कभी किनारा नहीं मिलता,
जो मिल जाये इस राह पर कभी यार से
वो जख्म कभी फिर दोबारा नहीं सिलता.
शब भर बेफ़िक्री में सो लेते हो
◼ 43
हर जख्म किसी ठोकर की मेहरबानी है
मेरी जिंदगी बस एक कहानी है मिटा देते,
सनम के दर्द को सीने से पर ये दर्द ही,
उसकी आखिरी निशानी है.
अपने सितम को देख लेना
खुद ही साक़ी तुम,
खुद ही साक़ी तुम,
ज़ख्म-ऐ -जिगर तुमको
दिखायेगें किसी रोज़.
दिखायेगें किसी रोज़.
◼ 45
खंजर की क्या मज़ाल कि
एक ज़ख्म कर सके,
लेकिन तेरी बेरुखी से मैं
बार-बार घायल हुआ हूँ.
◼ 46
आज की रात बचेंगे तो सहर देखेंगे,
तीर-ए-नज़र देखेंगे, ज़ख़्म-ए-जिगर देखेंगे.
Aaj Ki Raat Bachenge To,
Sahar Dekhenge.
Teer-E-Nazar Dekhenge,
Zakhme-E-Jigar Dekhenge.
◼ 47
नज़र लगे न कहीं,
उसके दस्त-ओ -बाज़ू को .
ये लोग क्यों,
मेरे ज़ख्म-ऐ -जिगर को देखते हैं.
मिर्ज़ा ग़ालिब
Nazar Lage Na Kahi,
Usake Dast-O-Baazuu Ko.
Ye Log Kyon,
Mere ZaKhm-E-Jigar Ko Dekhate Hain.
◼ 48
फिर चोट खा गए हैं इस जख्मी जिगर पे,
फिर आज रो रहे हैं हम गमगीन नजर से.
ये रोज ही होता है कि तुम याद आते हो,
दिल रोज कराहता है माज़ी के कहर से.
ज़ख्म शायरी in Hindi
◼ 49
तुमने जो कभी जख्म के पौधे लगाए थे,
आके देखो उनमें
अब बहुत से फूल आए हैं.
Tumane Jo Kabhi Zakhm Ke
Paudhe Lagaye The,
Aake Dekho Uname
Ab Bahut Se Phool Aaye Hain.
◼ 50
कौन कहता है कि
मुसाफिर ज़ख्मी नही होते?
रास्ते गवाह है,
बस कमबख्त गवाही नही देते.
Kaun Kahata Hai Ki
Musaafir Zakhmi Nahi Hote?
Musaafir Zakhmi Nahi Hote?
Raste Gawaah Hai,
Bas Kambkht Gawaahi Nahi Dete.
◼ 51
ज़ख्म की बात नहीं है जाने क्यों दर्द होता है
धोखे की बात नहीं है जाने क्यों एहसास होता है,
जानते हुए की वो बेवफा है,
ना जाने फिर भी प्यार क्यों होता है.
◼ 52
चाहतो से दिल में गम बहुत हैं,जिन्दगी में मिले जख्म बहुत हैं,
मार ही डालती दुनिया कब की हमें,
मगर दोस्तों की दुआओं में दम बहुत हैं.
ज़ख्म शायरी Urdu
◼ 53
हमने तो बस इतना ही सीखा है
दोस्तों राह-ऐ-मोहब्बत में कभी किनारा नहीं मिलता,
जो मिल जाये इस राह पर कभी यार से
वो जख्म कभी फिर दोबारा नहीं सिलता.
85+ ज़ख्म शायरी 2 लाइन / जख्म Status
◼ 54
बहुत हो चुका इंतजार उनका
अब और जख्म सहे जाते नहीं,
क्या बयान करे उनके सितम को,
दर्द उनके अब कहे जाते नहीं.
◼ 55
जिंदगी जख्मों से भरी हैं,
वक़्त को मरहम बनाना सीख लो,
हारना तो मौत के सामने हैं,
फ़िलहाल ज़िन्दगी से जीतना सीख लो.
◼ 56
दिल में है जो दर्द वो किसे बताए,
हँसते हुए ज़ख्म को किसे दिखाए,
कहती है ये दुनिया हमे खुशनसीब,
मगर नसीब की दास्तान किसे सुनाए.
◼ 57
ज़ख्म हज़ारो है सीने में
एक दिन तो भर जायेगे,
आँखों से भी मत पूछना ये अश्क किसने दिए
नहीं तो कई अपने बिछड़ जायेंगे.
◼ 58
जीवन में ज़ख्म बड़े नहीं होते हैं,
उनको भरने वाले बड़े होते हैं,
रिश्ते बड़े नहीं होते हैं,
लेकिन रिश्तों को निभाने वाले बड़े होते हैं.
◼ 59
जख्म देना का अंदाज कुछ ऐसा है,
जख्म देकर पूछते है अब हाल कैसा है,
जहर देकर कहते है पीना ही होगा,
जब पी गए तो कहते है अब जीना ही होगा.
◼ 60
जख्म जब मेरे सीने के भर जायेंगें,
आसूं भी मोती बन कर बिखर जायेंगे,
ये मत पूछना किस-किस ने धोखा दिया,
वर्ना कुछ अपनों के चेहरे उतर जायेंगें.
◼ 61
ज़ख्म इतने गहरे हैं इज़हार क्या करें,
हम खुद निशान बन गए वार क्या करें,
मर गए हम मगर खुलो रही आँखें,
अब इससे ज्यादा इंतज़ार क्या करें.
Jakham Itane Gahre Hai Ijahar Kya Kare,
Ham Khud Nishana Ban Gaye Waar Kya Karen,
Mar Gaye Ham Magar Khuli Rahi Aakhe ,
Ab Isse Jayada Intejar Kya Kya Kare.
◼ 62
पास आकर सभी दूर चले जाते हैं,
अकेले थे हम अकेले ही रह जाते हैं,
इस दिल का दर्द दिखाएँ किसे,
मल्हम लगाने वाले ही जख्म दे जाते हैं.
Paas Aa Kar Sabhi Dur Chale Jate,
Akele The Ham Akele Hi Rah Jate Hai,
Is Dil Ka Dard Dikhaya Kise,
Marham Lagane Wale Hi Zakham De Jate Hai.
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◼ 63
दर्द भी वो दर्द जो दवा बन जाये,
मुश्किलें बढ़ें तो आसां बन जाये,
जख्म पा कर सिर झुका देता हूँ,
जाने कौन पत्थर ख़ुदा बन जाये.
◼ 64
आंसूओ को पलकों तक लाया मत करो,
दिल की बात किसी बताया मत करो,
लोग मुट्ठी में नमक लिया फिरते है,
ज़ख्म ये अपने किसी को दिखाया मत करो.
जख्म Status
◼ 65
वक्त ने कई जख्म भर दिए
मै भी बहुत कुछ भूल चुका हूँ,
पर किताबों पर धूल जमने से
कहानियाँ कहाँ बदलती है.
◼ 66
लोग काँटों से बच के चलते हैं
मैं ने फूलों से ज़ख़्म खाए हैं.
◼ 67
फूलों की चुभन पूछिये हमसे साहिब,
कांटों से जख्म तो दुनिया खाती है.
◼ 68
इक नया ज़ख़्म मिला एक नई उम्र मिली,
जब किसी शहर में कुछ यार पुराने से मिले.
कैफ़ भोपाली
◼ 69
शिद्दत-ए-दरद से शर्मिंदा नहीं मेरी वफा “फराज़”
दोस्त गहरे हैं तो फिर जख्म भी गहरे होंगे.
अहमद फ़राज़
◼ 70
किसी के ज़ख्म का मरहम,
किसी के ग़म का ईलाज,
लोगो ने बाँट रखा है
मुझे दवा की तरह.
ज़ख्म शायरी 2 लाइन
◼ 71
छोटे से दिल में गम बहुत है,
जिन्दगी में मिले जख्म बहुत हैं,
मार ही डालती कब की ये दुनियाँ हमें,
कम्बखत दोस्तों की दुआओं में दम बहुत है.
◼ 72
राज दिल में छुपाये रहते हैं,
अपने आँखों से छलकने नहीं देते,
क्या ज़ालिम अदा है उस हसीं की,
ज़ख्म भी देते हैं और तड़पने नहीं देते.
Raaz Dil Me Chhupaye Rahate Hain,
Apane Ankhon Se Chhalakane Nahi Dete,
Kya Zalim Aada Hai Us Haseen Ki,
Zakhm Bhi Dete Hain Aur Tadapane Nahi Dete.
◼ 73
जिंदगी ज़ख्मों से भरी है,
वक़्त को मरहम बनाना सीख लो,
हारना तो है एक दिन मौत से, फिलहाल
दोस्तों के साथ जिंदगी जीना सीख लो.
◼ 74
किसी का ऐब तलाश करने वाले मिसाल,
उस मक्खी के जैसी है
जो सारा खूबसूरत जिस्म छोड
सिर्फ़ ज़ख्म पर बैठती है.
Kishi Ka Yab Talash Karne Vale Mishal,
Ush Makhi Ke Jeshi hai
Jo Sara Khubsurat Jism Chod
Sirf Jakham Par Bethti Hai.
◼ 75
आज भी बहता है उसका दिया हुआ जख्म मैं
चाह कर भी उसे सी ना पाया,
बस कहने के लिए ही ज़िंदा हूँ
मैं तो यारों पर मर्जी के साथ कभी जी ना पाया.
◼ 76
टूटे हुए सपने को सजाना आता है,
रूठे हुए दिल को मनाना आता है,
उसे कह दो हमारे जख्म की फ़िक्र न करे,
हमें दर्द में भी मुस्कुराना आता है.
◼ 77
जब लगा था तीर तब
इतना दर्द न हुआ,
ज़ख्म का एहसास तब हुआ
जब कमान देखी अपनों के हाथ में.
◼ 78
तुम्हारे चाँद से चहरे पे,गम अच्छे नही लगते,
हमे कह दो चले जाओ,जो हम अच्छे नही लगते,
हमे वो जख्म दे जाना,जो सारी उम्र ना भर पाये,
जो जल्दी भर के मिट जाए,वो जख्म अच्छे नही लगते.
◼ 80
ज़ख़्म ऐसा दिया की कोई दवा काम नहीं आई
आग ऐसी लगाई की पानी से भी बुझ ना पायी,
आज भी रोते है उनकी याद में जो छोड़ कर चले गए
और उन्हें हमारी याद तक ना आ.
◼ 81
आज भी बहता है उसका दिया हुआ जख्म
मैं चाह कर भी उसे सील ना पाया,
बस कहने के लिए ही जिन्दा हूँ
मैं तो यारों पर मर्जी के साथ कभी जी नहीं पाया.
◼ 82
हर जख्म किसी ठोकर की मेहरबानी है
मेरी जिंदगी बस एक कहानी है,
मिटा देते सनम के दर्द को सीने से,
पर ये दर्द ही उसकी आखिरी निशानी है.
◼ 83
मत रख हमसे वफा की उम्मीद,
हमने हर दम बेवफाई पायी है,
मत ढूंढ हमारे जिस्म पे जख्म के निशान,
हमने हर चोट दिल पे खायी है.
Mat Rakh Hamse Wafa Ki Ummid,
Hamne Har dam Bewafai Payi hai,
Mat Dhundh Hamare Jism Par Zakhamo Ke Nishan,
Hamne Har chot Dil Pe Khayi Hai.
दोस्तों आशा करता हूँ की मोहब्बत में मिले ज़ख्मों पर बनी "बेजोड़ 85+ ज़ख्म शायरी 2 लाइन / जख्म Status" की यह पोस्ट जरूर आयी होगी. इस आर्टिकल में आपने पढ़ा होगा ज़ख्म Shayari, ज़ख्म शायरी in Hindi, ज़ख्म शायरी Urdu, शेर-ओ-शायरी को दोस्तों अगर हो सके तो यह पोस्ट आप जरूर शेयर करे अपने खास दोस्तों को ताकि वो भी इसको पढ़ सके और शब्दों के जरिये अपने दर्द को काम कर सके धन्यवाद आप सभी का जो आपने अपना कीमती समय दिया वाह हिंदी ब्लॉग को.