दोस्तों Shayari On Topics की यह पोस्ट रात Shayari पर बनायीं गयी हैं इसमें आप पढ़ सकते हैं "रात Shayari Urdu" और रात शायरी Hindi पर एक से बढ़ कर एक लाज़वाब शेर-ओ-शायरी
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Raat Shayari Urdu |
यह पोस्ट उन शायरी के चाहने वाले दोस्तों के लिए हैं जिन्हे तलाश हैं रात शायरी Hindi, रात Shayari Urdu पर लिखी गयी बेजोड़ शायरी के कलेक्शन की दोस्तों के साथ शेयर करना चाहते हैं.
इस रात Shayari का कलेक्शन विश्व प्रसिद्ध शायरों द्वारा लिखा गया हैं जो आपको बेहद पसंद आएगा और आप के दिल को छू लेगा तो देर कैसी इस पहले भाग को..
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रात Shayari Urdu और रात शायरी Hindi
◾1
तेरे वादे को कभी झूट
नहीं समझूँगा
कल की रात भी दरवाज़ा
खुला रखूँगा
❂
Tere Wade Ko Kabhi Jhuth
Nahi Samjhunga
Kal Ki Raat Bhi Darwaza
Khula Rakhunga
रात शायरी Hindi
◾2
रातों में खूब बातें होतीं हैं खुद से,
कौन कहता है अकेला हूँ मैं.
❂
Raato Me Khub Baate Hoti Hai Khud Se,
Kaun Kahata Hai Akela Hun Main.
◾3
रातों को रौशन होने वाले
अक्सर सूरज के आते ही चले जाया करते हैं
❂
Raato Ko Roshan Raushan Hone Wale
Aksar Suraz Ke Aate Hi Chale Jate Jaya Karate Hai
◾4
◾4
जलाकर हसरत की राह पर चिराग आरजू के,
हम तन्हा रातों में .. तेरे मिलने का इंतजार करते हैं
◾5
◾5
हर रात हमारे ख्वाब बदलते हैं,
मंजिल नहीं कारवां बदलता हैं,
◾6
◾6
रात तो वक़्त की पाबंद है ढल जाएगी
देखना ये है चराग़ों का सफ़र कितना है
वसीम बरेलवी
◾7
रात भी नींद भी
कहानी भी
हाए क्या चीज़ है
जवानी भी❗
❂
Raat Bhi Neend Bhi
Khaani Bhi
Hay Kya Chiz Hai
Jawani Bhi
◾8
अभी रात कुछ है बाक़ी न उठा नक़ाब साक़ी
तिरा रिंद गिरते गिरते कहीं फिर सँभल न जाए
अनवर मिर्ज़ापुरी
◾9
मैं नज़र से पी रहा हूँ ये समाँ बदल न जाए
न झुकाओ तुम निगाहें कहीं रात ढल न जाए
- अनवर मिर्ज़ापुरी
हम तो रात का मतलब समझें ख़्वाब, सितारे, चाँद, चराग़
आगे का अहवाल वो जाने जिस ने रात गुज़ारी हो
- इरफ़ान सिद्दीक़ी
◾11
◾11
बरसात की भीगी रातों में
फिर कोई सुहानी
याद आई,
कुछ अपना ज़माना याद आया
कुछ उनकी जवानी
याद आई.
❂
Barasaat Ki Bheegi Raato Me
Fir Koi Suhaani
Yaad Aayi,
Kuchh Apana Zamaana Yaad Aaya
Kuchh Unaki Jawaani
Yaad Aayi..
◾12
◾12
आँखों को सब की नींद भी दी ख़्वाब भी दिए
हम को शुमार करती रही दुश्मनों में रात
शहरयार
◾13
◾13
रात आ कर गुज़र भी जाती है
इक हमारी सहर नहीं होती
इब्न-ए-इंशा
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इन्हे भी पढ़े
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◾14
कितना भी कर ले, चाँद से इश्क़,
रात के मुक़द्दर मे, अँधियारे ही लिखे हैं
❂
Kitana Bhi Kar Le, Chand Se Ishk,
Raat Ke Mukaddar Me, Andhiyaren Hi
Likhe Hain
◾15
कल रात भर मैं ख्वाब में उसके
आगोश में रहा,
ख्वाब ही सही, मगर कुछ पल तो
मैं उसका रहा.
❂
Kal Rata Bhar Me Khwaab Me Usake
Aagosh me Raha
Khwab Hi Sahi Magar Kuchh Pal To
Mai Usaka Raha
◾16
◾17
◾16
आज की रात भी तन्हा ही कटी
आज के दिन भी अंधेरा होगा
अहमद नदीम क़ासमी
अहमद नदीम क़ासमी
◾17
हर तरफ़ थी ख़ामोशी और ऐसी ख़ामोशी
रात अपने साए से हम भी डर के रोए थे
भारत भूषण पन्त
◾18
ये उदास शाम और तेरी ज़ालिम याद,
खुदा खैर करे अभी तो रात बाकि है.
❂
Ye Udas Sham Aur Teri Zalim Yaad,
Khuda Khair Kare Abhi To Raat Baki Hai.
◾19
मुद्दत से एक रात भी अपनी नहीं हुई
हर शाम कोई आया उठा ले गया मुझे.
❂
Muddat Se Ek Raat Bhi Apani Nahi Huyi,
Har Sham Koi Aaya Utha Le Gaya Mujhe.
◾20
◾21
◾20
मैं सोते सोते कई बार चौंक चौंक पड़ा
तमाम रात तिरे पहलुओं से आँच आई
नासिर काज़मी
नासिर काज़मी
◾21
आज न जाने राज़ ये क्या है
हिज्र की रात और इतनी रौशन
जिगर मुरादाबादी
◾22
◾22
आज न जाने राज़ ये क्या है
हिज्र की रात और इतनी रौशन
जिगर मुरादाबादी
◾23
ये सर्द रात ये तन्हाईयाँ ये नींद का बोझ,
हम अपने शहर में होते तो घर गए होते.
❂
Ye Sard Raat Ye Tanhaayiyan Ye Need Ka Bojh,
Ham Apane Shahar Me Hote To Ghar Gaye Hote.
◾24
रातों को जागते हैं इसी वास्ते कि
ख़्वाब, देखेगा बन्द आँखें तो
फिर लौट जायेगा
❂
Raato Ko Jagate Hai Isi Vaste Ki
Khwaab Dekhega band ankhe To
Fir Laut Jayega.
रात Shayari Urdu
◾25
तेरी आँखों के ये जो प्याले हैं,
मेरी अंधेरी रातों के उजाले हैं,
पीता हूँ जाम पर जाम तेरे नाम का,
हम तो शराबी बे-शराब वाले हैं.
❂
Teri ANkhon Ke Ye Jo Pyaale hai,
Meri Andheri Raato Ke Ujaale Hai.
Peeta Hun Jaam Par Jaam Tere Naam Ka,
Ham To Sharabi Be-Sharab Wale.
◾26
इक उम्र कट गई है तिरे इंतिज़ार में
ऐसे भी हैं कि कट न सकी जिन से एक रात
फ़िराक़ गोरखपुरी
बहुत दिनों में मोहब्बत को ये हुआ मा'लूम
जो तेरे हिज्र में गुज़री वो रात रात हुई
फ़िराक़ गोरखपुरी
◾28
◾28
रात भी नींद भी कहानी भी
हाए क्या चीज़ है 👉 जवानी भी
फ़िराक़ गोरखपुरी
Raat Bhi Nind Bhi Kahani Bhi
Haay Kya Chiz Hai Jawaani Bhi.
◾29
रात इकाई नींद दुहाई,
ख्वाब सैकडा दर्द हजार❗
❂
Raat Ikayi Neend Duhai
Khwaab Saikda Dard Hazaar
◾30
गर मेरी चाहतों के मुताबिक, जमाने में हर बात होती,
तो बस मैं होता वो होती, और सारी रात बरसात होती.
❂
Agar Meri Chahato Ke Mutabik,
Zamaane Me Har Baat Ho.
To Bas Mai Hota Wo Hoti,
Aur Saari Raat Barsaat Hoti.
◾31
अह्दे-जवानी रो-रो काटी,पीरी में लीं आंखें मून्द
यानी रात बहुत थे जागे,सुबह हुई आराम किया
मीर तक़ी मीर
मीर तक़ी मीर
◾32
रात आ जाए तो फिर तुझ को पुकारूँ या-रब
मेरी आवाज़ उजाले में बिखर जाती है
जावेद नासिर
जावेद नासिर
◾33
बे- इख्तियार आँखों से आँसु छलक पड़े
कल रात अपने आप से जिस वक्त हम मिले
राजेन्द्र नाथ रहबर
◾34
मुझसे नहीं कटती अब
ये उदास रातें
बेखुदी मे कल सूरज से कहूँगा
मुझे साथ लेकर डूबे

Mujhse Nahi Katati Ab
Ye Udaas Raate
Bekhudi Me Kal Suraj Se Kahunga
Mujhe Sath Lekar Dube.
◾35
◾36
◾35
इस सफ़र में नींद ऐसी खो गई
हम न सोए रात थक कर सो गई
राही मासूम रज़ा
राही मासूम रज़ा
◾36
रात को रात कह दिया मैं ने
सुनते ही बौखला गई दुनिया
हफ़ीज़ मेरठी
◾37
◾37
हैरत से देखता हूँ हर इक नक्शे पा’ को मैं
दिन रात ढूँडता हूँ किसी दिलरुबा को मैं
रतन पंडोरवी
◾38
◾38
कौन कहता है कि दिन रात मेरे नाम करो
एक लम्हा तो मिरे साथ गुजारा होता
मुराद लखनवी
◾39
सुना है दिन को उसे तितलियँ सताती हैं
सुना है रात को जुगनु ठहर के देखते हैं
अहमद फ़राज
अहमद फ़राज
◾40
रात क्या सोए कि बाक़ी उम्र की नींद उड़ गई
ख़्वाब क्या देखा कि धड़का लग गया ताबीर का
अहमद फ़राज़
◾41
रात ही वो नेक दिल मां कि जिस की गोद में
हम सराहनो के तले मुँह को छुपा कर सो सकें
अनु जसरोटिया
◾42
◾42
कुछ भी बचा न कहने को हर बात हो गई
आओ कहीं शराब पिएँ रात हो गई
निदा फ़ाज़ली
◾43
◾43
था व'अदा शाम का मगर आए वो रात को
मैं भी किवाड़ खोलने फ़ौरन नहीं गया
अनवर शऊर
रात शायरी Hindi
◾44
रात भर जलता रहा ये दिल उसकी याद में
समझ नही आता दर्द प्यार करने से
होता है या याद करने से?
❂
Raat Bhar Jalata Raha Ye Dil
Usaki Yaad Men,
Samjh Me Nahi Aata Dard Pyaar Karane Se
Hota Hai Ya Yaad Karane Se?
रात Shayari Urdu और रात शायरी Hindi
◾45
रात की खामोशी रास नहीं आती,
मेरी परछाईं भी अब मेरे पास नहीं आती
❂
Raat Ki Khamoshi Raas Nahi Aati
Meri Parchhayi Bhi Ab Mere Paas Nahi Aati
रात Shayari Urdu
◾46
बात करनी थी, बात कौन करे
दर्द से दो-दो हाथ कौन करे
हम सितारे तुम्हें बुलाते हैं
चाँद न हो तो रात कौन करे.
❂
Baat Karani Thi, Baat Kaun Kare
Dard Se Do-Do Hath Kaun Kare?
Ham Sitare TuMHE Bulate Hai,
Chand Naa Ho To Raat Kaun Kare?
◾47
◾48
◾47
मौत का एक दिन मुअय्यन’ है
नींद क्यों रात नहीं आती
गालिब
गालिब
◾48
मय से ग़रज़ नशात है किस
रू-सियाह को
रू-सियाह को
इक-गूना बेख़ुदी मुझे
दिन रात चाहिए
दिन रात चाहिए
मिर्ज़ा ग़ालिब
❂
May Se Gharaz Nashaat Hai Kis
Ru-Siyaah Ko
Ek-Guna Bekhudi Mujhe
Din Raat Chahaiye
◾49
May Se Gharaz Nashaat Hai Kis
Ru-Siyaah Ko
Ek-Guna Bekhudi Mujhe
Din Raat Chahaiye
◾49
दिन रात मय-कदे में गुज़रती थी ज़िंदगी
'अख़्तर' वो बेख़ुदी के ज़माने
किधर गए
किधर गए
अख़्तर शीरानी
❂
Din Raat May-Kade Me Guzarati Thi Zindagi
"Akhtar" Wo Bekhudi Ke Zamaane
Kidhar Gaye
◾50
Din Raat May-Kade Me Guzarati Thi Zindagi
"Akhtar" Wo Bekhudi Ke Zamaane
Kidhar Gaye
◾50
न मुदारात हमारी न अदू से नफ़रत
न वफ़ा ही तुम्हें आई न जफ़ा ही आई
बेखुद बदायुनी
बेखुद बदायुनी
❂
N Murad Hamari N Adu Se Nafarat
N Wfa Hi Tumhe Aayi N Zafa Hi Aayi
◾51
◾52
◾53
N Murad Hamari N Adu Se Nafarat
N Wfa Hi Tumhe Aayi N Zafa Hi Aayi
◾51
हमारे
ख़्वाब चोरी हो गए हैं
हमें रातों को नींद आती नहीं है❗
बख़्श लाइलपूरी
बख़्श लाइलपूरी
◾52
उस के बगैर नींद न आई तमाम रात
करवट बदल के बिताई तमाम रात
अख्तर हुसैन बख्तावर
अख्तर हुसैन बख्तावर
◾53
इक सुब्ह है जो हुई नहीं है
इक रात है जो कटी नहीं है
◾54
◾54
रात भी नींद भी कहानी भी,
हाय क्या चीज है जवानी भी।
एक पैगामे-जिन्दगानी भी,
आशिकी मर्गे-नागहानी भी।।
◾55
◾55
अब आओ मिल के सो रहें
तकरार हो चुकी
आँखों में नींद भी है बहुत रात कम भी है❗
निज़ाम रामपुरी
निज़ाम रामपुरी
◾56
कौन कहता है उसकी याद से
बे-खबर हूँ मैं,
मेरी आंखो से पूछ ले मेरी रात
कैसे गुजरती है.
❂
Kaun Kahata Hai Usaki Yaad Se
Be-Khabar Hun Mai,
Meri ANkhon Se Punchh Lo Meri Raat
Kaise Guzarati Hai.
◾57
शाम होते ही सज जाता है
तेरी याद का बाजार,
बस इसी रौनक से हमारी
सारी रात गुजर
जाती है.
❂
Sham Hote Hi Saj JATI hai
Teri Yaad Ka Baazaar,
Bas Isi Raunak Se Hamari
Sari Raat Guzar
Jati Hai.
◾58
फिर कभी न आऊँगी तुम्हारी
ज़िन्दगी में लौट के
सारी ज़िन्दगी तन्हाई के लिए ,
आज की रात बहुत है
❂
Fir Kabhi Naa Aaungi Tumhaari
Zindagi Me Laut Ke
Sari Zindagi Tanhaayi KE Liye
Aaj Ki Raat Bahut Hai
◾59
रातो में घर का दरवाज़ा
खुला रखती हूँ,
काश कोई लुटेरा आये और मेरे
ग़मों को लुट ले जाए.
❂
Raato Me Ghar Ka Darwaaza
Khula Rakhati Hun,
Kash Koi Lutera Aaye Aur Mere
Gamo Ko Lut Le Jaaye.
◾60
◾61
◾60
आज की रात बचेंगे तो सहर देखेंगे
तीर-ए-नज़र देखेंगे, ज़ख़्म-ए-जिगर देखेंगे
तीर-ए-नज़र देखेंगे, ज़ख़्म-ए-जिगर देखेंगे
◾61
इस सफ़र में नींद ऐसी खो गई
हम न सोए रात थक कर सो गई❗
राही मासूम रज़ा
◾62
◾62
हर तरफ़ फ़िर तो अन्धेरा होगा
रात जब दिन के उजाले को निगल जाएगी
डॉ. रहमन रबानी
◾63
◾63
रात आ कर गुज़र भी जाती है
इक हमारी सहर नहीं होती
इब्न-ए-इंशा
रात शायरी Hindi
◾64
रोज़ रात 'रात' की तरह चले आते हो
अंधेरा और ख्वाब लिए
❂
Roz Raat "Raat" Ki Tarah Chale Aate Ho
Andhera Aur Khwaab Liye.
◾65
◾66
◾65
आँख और खाब में इक रात की दूरी रखना
ऐ-मुसव्विर मेरी तस्वीर अधूरी रखना
मैराज फ़ैजाबादी
मैराज फ़ैजाबादी
◾66
चाँद खिड़की से झाकेगा आदतन…,
चांदनी फिरसे दिल जलाएगी….
रात तनहा….सहर तक जाएगी
◾67
◾67
रेगिस्तान की झुलसती रात के
बारिश हो तुम
बारिश हो तुम
मेरा वजूद, मेरा ख्वाब,
मेरी ख्वाहिश
हो तुम ❗
◾68
मेरी ख्वाहिश
हो तुम ❗
◾68
पी के रात को हम उनको भुलाने लगे,
शराब में गम को मिलाने लगे,
दारू भी बेवफा निकली यारों,
नशे में तो वो और भी याद आने लगे..

Pee Ke Raat Ko Ham Unako Bhulane Lage,
Sharab Me Gam Ko Milane Lage.
Daru Bewafa Nikali Yaaro,
Nashe Me To Wo Aur Bhi Yaad Aane Lage..
Nashe Me To Wo Aur Bhi Yaad Aane Lage..
◾69
उदास रात है
बीरान दिल की धड़कन है
बीरान दिल की धड़कन है
ये बदनसीबी
मुझे लेकर कहां चली आयी ❓
◾70
◾71
मुझे लेकर कहां चली आयी ❓
◾70
आँखों को सब की नींद भी दी ख़्वाब भी दिए
हम को शुमार करती रही दुश्मनों में रात
हम को शुमार करती रही दुश्मनों में रात
◾71
रात आई है बलाओं से रिहाई देगी
अब न दीवार न ज़ंजीर दिखाई देगी
अनवर मसूद
◾72
◾72
खींच कर उस माह रू को आज यां लाई है रात।
यह खुदा ने मुद्दतों में हमको दिखलाई है रात॥
◾73
◾73
खामोश शहर की चीखती रातें,
सब चुप है पर, कहने को है हजार बातें.
❂
Khamosh Shahar Ki Chikhati Raate,
Sab Chup Hai Par, Kahane Ko Hai Hazaaro Baate.
◾74
◾75
◾74
रात को आराम से हूँ मैं न दिन को चैन से,
हाए ऐ वहशते दिल, हाए हाए दर्द-ए-दिल.
❂
Zahar Ki Chutaki Hi Mil Jaaye Baraye Dard-E-Dil,
Kuchh Na Kuchh To Chahiye Baba Dawa-E-Dard-E-Dil,
Kuchh Na Kuchh To Chahiye Baba Dawa-E-Dard-E-Dil,
◾75
इस सफ़र में नींद ऐसी खो गई
हम न सोए रात थक कर सो गई
राही मासूम रज़ा
राही मासूम रज़ा
❂
Is Safar Me Need Esi Kho Gayi
Ham Na Soye Raat Thak Kar So Gayi.
Ham Na Soye Raat Thak Kar So Gayi.
◾76
सोयी आँखों में हलचल करते रहे,
कल रात तुम्हारे ज़िद्दी ख़याल.
❂
Soyi Ankhon Me Halchal Karate Rahe,
Kal Raat Tumhaare Ziddi Khyaal..
◾78
Kal Raat Tumhaare Ziddi Khyaal..
◾77
निगाह-ए-साक़ी से पैहम छलक रही है शराब,
पिओ की पीने-पिलाने की रात आई है.
❂
❂
Nigah-E-Saki Se Paiham Chhalak Rahi Hai Sharab,
Peeo Ki Peene-Peelane Ki Raat Aayi Hai.◾78
खामोश शहर की चीखती रातें,
सब चुप है पर, कहने को है हजार बातें.
सब चुप है पर, कहने को है हजार बातें.
❂
◾79
Khamosh Shahar Ki Chikhati Raate,
Sab Chup Hai Par, Kahane Ko Hai Hazaaro Baate.
Sab Chup Hai Par, Kahane Ko Hai Hazaaro Baate.
◾79
दिन ख़्वाब को पलकों पे सजाने में गुज़र जाय
रात आये तो नींदों को मनाने में गुज़र जाय
रात आये तो नींदों को मनाने में गुज़र जाय
❂
Din Khwaab Ko Palako Pe Sajaane Me Guzar Jaaye
Raat Aaye To Neendon Ko Manaane Me Guzar Jaaye.
◾80
कैद है कुछ ख़्वाब इन खुली आँखों में,
◾86
कैद है कुछ ख़्वाब इन खुली आँखों में,
न जाने कब जागती रातो का सवेरा होगा.
◾81
एक ही ख़्वाब ने सारी रात जगाया है
मैं ने हर करवट सोने की कोशिश की
Gulzar
◾82
हिचकियाँ रात दर्द तन्हाई
आ भी जाओ तसल्लियाँ दे दो
नासिर जौनपुरी
❂
Hichakiyan Raat Sard Tanhayi,
Aa Bhi Jaao Tasalliya De Do..
◾83
◾83
दिन गुजर जाता है, तुम्हारी यादो के साथ
मशला रात का है खेर जाने दो.
❂
Din Guzar Jata Hai, Tumhari Yaando Ke Sath,
Masala Raat Ka Hai KHAIR jaane Do.
Masala Raat Ka Hai KHAIR jaane Do.
◾84
जुगनू सहेज सकते हैं
बनना नहीं आता
किसी की रातों को रौशन
करना नहीं आता
◾85
◾85
जाम पे जाम पीने से क्या फायदा दोस्तों,
रात को पी हुयी शराब सुबह उतर जाएगी,
अरे पीना है तो दो बूंद बेवफा के पी के देख
सारी उमर नशे में गुज़र जाएगी ..
❂
Jaam Pe Jaam Peene Se Kya Fayada Dosto,
Raat Ko Pee huyi Sharab Subah Utar Jaayegi,
Are Peena Hai To Do Bund Bewafa Ke Pee Ke Dekh,
Sari Umar Nashe Me Guzar Jaayegi.
Sari Umar Nashe Me Guzar Jaayegi.
◾86
जूनून–ए–इश्क़ था,
तो कट जाती थी रात ख़्यालो में
तो कट जाती थी रात ख़्यालो में
सज़ा–ए–इश्क़ आई, तो
हर लम्हां सदियों सा लगने लगा
◾87
◾88
हर लम्हां सदियों सा लगने लगा
◾87
गिरी मिली एक बोतल शराब की, तो ऐसा लगा मुझे,
जैसे बिखरा पड़ा हो सुकून, किसी के एक रात का.
❂
Giri Mili Ek Botal Sharab Ki, To Esa Laga Mujhe
Jaise Bikhara Pada Ho Sukun, Kisi Ke Ek Raat Ka.
Jaise Bikhara Pada Ho Sukun, Kisi Ke Ek Raat Ka.
◾88
दो-चार बातें कर ली होती,
तनहा़ रात के कह़र ढानें से पहले,
तनहा़ रात के कह़र ढानें से पहले,
हम यूं ना भीगते तकिये के गिलाफ़,
सुबह हो जाने से पहले..
◾89
◾90
मोहब्बत के सुहाने दिन
जवानी की हसीन
राते,
जुदाई में नज़र आती हैं
ये सब ख्वाब की
बाते.
❂
Mohabbat Ke Suhaane Din
Jawaani Ki Haseen
Raate,
Judayi Me Nazar Aati Hai
Ye Sab Khwaab Ki
Baate.
रात Shayari Urdu
◾90
खुशबू की तरह आया वो
तेज हवाओं में,
माँगा था जिसे हमने दिन-रात
दुआओं में.
❂
Khushabu Ki Tarah Aaya Wo
Tez Hawaaon Me
Manga Tha Jise Hmane Din-Raat
Duaaon Me.
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◾91
बेचैन इस क़दर था, सोया न
रात भर.
पलकों से लिख रहा था, तेरा नाम
चाँद पर
❂
Bechain Is Kadar Tha Soya Naa
Raat Bhar
Palakon Se Likh Raha Tha, Tera Naam
Chand Par
◾92
वो कह के चले इतनी मुलाक़ात
बहुत है
मैंने कहा रुक जाओ अभी
रात बहुत है
❂
Wo Kah Ke Chale Itani Mulakaat
Bahut hai
Miane Kaha Ruk Jao Abhi
Raat Bahut Hai
◾93
पता है तुम्हें, मैं बहुत बातें करता हूँ,
तुम्हारी चाँद से,अक्सर रातों में.
❂
Pata Hai Tumhe Mai Bahut Baate Karata Hun
Tumhari Chand Se Aksar Raato Me
◾94
मै रोता रहा रात भर मगर फैसला ना कर सका,
तू याद आ रही है, या मै याद कर रहा हूँ.
❂
Mai Rota Raha Raat Bhar Magar Faisala Naa Kar Saka,
Tu Yaad Aa Rahi Hai, Ya Mai Yaad Kar Raha Hun.
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