दोस्तों हिंदी उर्दू शायरी के इस Post की Topic हैं "खफा Shayari" . इसमें आप पढ़ सकते हैं खफा शायरी 2 लाइन, खफा शायरी in Urdu, खफा Status, खफा शायरी 4 लाइन, पर बनी बेजोड़ शानदार शायरी को, मित्रो आशा करता हूँ कि यह पोस्ट आप सभी शायरी के चाहने वालो को बेहद पसंद आएगी.
![]() |
Khafa Shayari 2 Line |
दोस्तों आज की यह पोस्ट "खफा Shayari" की पसंद आएगी क्युकि मोहब्बत में सबसे दर्द भरा वो पहलू होता हैं, जब प्यार खफा होता हैं. और यही प्यार जब किसी बात से नाराज़ होता हैं तब आशिक़ को ना चाँद की चांदनी अच्छी लगाती हैं ना दिन का उजाला अच्छा लगता हैं और ना ही नींद अच्छी लगती है. और प्यार घुट-घुट कर जीता हैं.
आज उसी खफा खफा से प्यार को शब्दों की माला बना के पिरोया हैं. जो शेर-ओ-शायरी के कद्र्दानो के लिए खास हैं. इसे अलग अलग सोशल मिडिया से संग्रह कर के बनाया हैं. आशा करता हूँ यह आर्टिकल सभी को पसंद आएगा.
खफा शायरी 2 लाइन - खफा Status
◼ 1
खफा नहीं हूँ
तुझसे ए जिंदगी,
बस जरा दिल लगा बैठा हूँ
इन उदासियों से.
◼ 2
किस-किस को बताएँगे जुदाई का सबब हम,
तू मुझ से खफा है, तो जमाने के लिए आ.
Kis Kis Ko Batayenge Judai Ka Sabab Hum,
Tu Mujhse Khafa Hai To Zamane Ke Liye Aa.
◼ 3
जो भी मिला वो हम से खफा मिला
देखो हमे मोहब्बत का क्या सिला मिला,
उम्र भर रही फ़क़त वफ़ा की तलाश हमे
पर हर शख्स मुझ को ही क्यों बेवफा मिला.
◼ 4
यूँ लगे दोस्त तेरा मुझसे खफ़ा हो जाना
जिस तरह फूल से खुशबू का जुदा हो जाना.
◼ 4
यूँ लगे दोस्त तेरा मुझसे खफ़ा हो जाना
जिस तरह फूल से खुशबू का जुदा हो जाना.
=
उससे खफा होकर भी देखेंगे एक दिन,
कि उसके मनाने का अंदाज़ कैसा है.
खफा Shayari
◼ 5
तुम खफा हो गए तो कोई ख़ुशी न रहेगी,
तेरे बिना चिरागों में रोशनी न रहेगी.
◼ 6
इतना तो बता जाओ खफा होने से पहले,
वो क्या करें जो तुम से खफा हो नहीं सकते.
Itna Toh Bataa Jaao Khafa Hone Se Pehle,
Woh Kya Karein Jo Tum Se Khafa Ho Nahi Sakte.
खफा शायरी 4 लाइन
◼ 7
तोड़कर अहदे-करम न आशना हो जाइये,
बंदापरवर जाइये अच्छा खफा हो जाइये.
Todkar Ahd-e-Karam Na Aashna Ho Jaiye,
BandaParvar Jaiye Achha Khafa Ho Jaiye.
◼ 8
आग दिल मे लगी जब वो खफा हुए,
महसूस हुआ तब, जब वो जुदा हुए,
कर के वफ़ा कुछ दे ना सके वो,
पर बहुत कुछ दे गये जब वो बेवफा हुए.
◼ 9
रुठने का हक हैं तुझे, पर वजह बताया कर,
खफा होना गलत नहीं, तू खता बताया कर.
◼ 10
परवाह नहीं अगर ये जमाना खफा रहे,
बस इतनी सी दुआ है की आप मेहरबां रहे.
◼ 11
हर एक शख्स खफा मुझसे अंजुमन में था,
क्योंकि मेरे लब पे वही था जो मेरे मन में था.
◼ 12
हक़ हूँ में तेरा हक़ जताया कर,
यूँ खफा होकर ना सताया कर.
____________________________________
इन्हे भी पढ़े:-
____________________________________
◼ 13
हर बार इल्जाम हम पर लगाना ठीक नहीं,
वफ़ा खुद से नहीं होती खफा हम पर होते हो.
Har Baar Ilzaam Hum Par Hi Lagana Theek Nahi,
Wafa Khud Se Nahi Hoti Khafa Hum Par Hote Ho.
◼ 14
तुम खफा हो गए
तो कोई ख़ुशी न रहेगी
सच कहु तुम्हारे बिना
चिरागों में रौशनी न रहेगी.
◼ 15
सच कहु तुम्हारे बिना
चिरागों में रौशनी न रहेगी.
◼ 15
खुश रहो या खफा रहो
मुझसे दूर रहो और दफा रहो.
◼ 16
हर बार इल्जाम हम पर ही
लगाना ठीक नहीं,
लगाना ठीक नहीं,
वफ़ा खुद से नहीं होती
और खफा हम पर होते हो.
और खफा हम पर होते हो.
Har Baar Ilzaam Ham Par Hi
Lagana Thik Nahi,
Lagana Thik Nahi,
Wafa Khud Se Nahi Hoti
Aur Khafa Ham Par Hote Ho.
Aur Khafa Ham Par Hote Ho.
◼ 17
वो आए थे मेरा
दुख-दर्द बाँटने के लिए,
दुख-दर्द बाँटने के लिए,
मुझे खुश देखा तो
खफा होकर चल दिये.
खफा होकर चल दिये.
Woh Aaye The Mera
Dukh-Dard Baantne Ke Liye,
Dukh-Dard Baantne Ke Liye,
Mujhe Khush Dekha To
Khafa Ho Kar Chal Diye.
Khafa Ho Kar Chal Diye.
◼ 18
ख़ुदाई को भी हम न ख़ुश रख सके
ख़ुदा भी ख़फ़ा का ख़फ़ा रह गया
गौहर होशियारपुरी
◼ 19
लगता है आज जिंदगी कुछ खफा है,
चलिए छोड़िये, कौन सी पहली दफा है.
◼ 20
काश कोई मिले इस तरह के
फिर जुदा ना हो,
फिर जुदा ना हो,
वो समझे मेरे मिज़ाज़ को
और कभी खफा ना हो.
और कभी खफा ना हो.
◼ 21
ख़फ़ा तुम से हो कर ख़फ़ा तुम को कर के,
मज़ाक़-ए-हुनर कुछ फ़ुज़ूँ चाहता हूँ.
इशरत अनवर
◼ 22
खफा होने से पहले खता बता देना,
रुलाने से पहले हँसना सिखा देना,
रुलाने से पहले हँसना सिखा देना,
अगर जाना हो कभी हम से दूर आप को,
तो पहले बिना सांस लिए जीना सिखा देना.
तो पहले बिना सांस लिए जीना सिखा देना.
खफा शायरी 2 लाइन
◼ 23
खफा थी शाख से शायद के जब हवा गुजरी,
जमीन पे गिरते हुए फूल बेशुमार दिखे.
◼ 24
करते है मोहब्बत और जताना भूल जाते है
पहले खफा होते हैं फिर मनना भूल जाते है,
भूलना तो फितरत सी है ज़माने की
लगाकर आग मोहब्बत की बुझाना भूल जाते है.
◼ 25
इस दिल में आग सी लग गई जब वो खफा हुए,
फर्क तो तब पड़ा जब वो जुदा हुए,
हमे वो वफ़ा करके तो कुछ दे न सके,
लेकिन दे गये वो बहुत कुछ जब वो वेबफा हुए.
◼ 26
सुना वो आजकल मुझसे ख़फा है,
तो क्या कह दूँ उसे मैं वो बेवफा है.
◼ 27
हमारे दिल न देने पर ख़फ़ा हो
लुटाते हो तुम्हीं ख़ैरात कितनी.
नूह नारवी
◼ 28
छेड़ मत हर दम न आईना दिखा
अपनी सूरत से ख़फ़ा बैठे हैं हम.
मुसहफ़ी ग़ुलाम हमदानी
◼ 29
या वो थे ख़फ़ा हम से या हम हैं ख़फ़ा उन से
कल उन का ज़माना था आज अपना ज़माना है.
जिगर मुरादाबादी
खफा Shayari
◼ 30
इतना तो बता जाओ ख़फ़ा होने से पहले,
वो क्या करें जो तुम से ख़फ़ा हो नहीं सकते.
असद भोपाली
◼ 31
मुझे न सताओ इतना कि मैं खफा हो जाऊं तुमसे,
मुझे अच्छा नहीं लगता अपनी सासों से जुदा होना.
Mujhe Na Satao itna Ki Main Khafa Ho Jaun Tumse,
Mujhe Achha Nahi Lagta Apni Sanso Se Juda Hona.
____________________________________
इन्हे भी पढ़े:-
- 60+ फ़िक्र शायरी 2 Line / फ़िक्र Status
- 45+ लत शायरी 2 लाइन / लत Status
- वकील शायरी - वकील Status - Lawyer Status
____________________________________
◼ 32
लोग कहते हैं कि तू
अब भी ख़फ़ा है मुझसे,
अब भी ख़फ़ा है मुझसे,
तेरी आँखों ने तो
कुछ और कहा है मुझसे.
कुछ और कहा है मुझसे.
Log Kehte Hain Ke Tu
Ab Bhi Khafa Hai Mujhse,
Ab Bhi Khafa Hai Mujhse,
Teri Aankhon Ne To
Kuchh Aur Kaha Hai Mujhse.
Kuchh Aur Kaha Hai Mujhse.
◼ 33
वो खामखाँ ही मुझसे ख़फा ख़फा है,
छोड़ो मेरा इश्क़ तो एक तरफा है.
◼ 34
जो खफा होगा , वही बेपनाह इश्क़ करेगा मुझसे,
और जो बेपनाह इश्क़ करेगा, ओ खफा नहीं होगा.
◼ 35
कभी खफा मत होना हमसे
पता नहीं जिंदगी कब तक साथ निभाएगी,
अगर आप भी हमसे रूठ जाओगे तो
मौत जिंदगी से पहले आ जाएगी.
पता नहीं जिंदगी कब तक साथ निभाएगी,
अगर आप भी हमसे रूठ जाओगे तो
मौत जिंदगी से पहले आ जाएगी.
◼ 36
कुछ इस तरह खूबसूरत रिश्ते
टूट जाया करते हैं,
दिल भर जाता है तो
लोग खफा हो जाया करते हैं.
Kuchh Iss Tarah Khubsurat Rishte
Tut Jaya Karte Hain,
Dil Bhar Jata Hai To
Log Khafa Ho Jaya Karte Hain.
◼ 37
चुप रहते है के कोई खफा न हो जाये,
हमसे कोई रूसवा न हो जाये,
बडी मुश्किल से कोई अपना बना है,
डरते है की मिलने से पहले ही कोई जुदा न हो जाये.
◼ 38
कभी हमसे खफा न हो जाना,
जानेमन बेवफा न हो जाना जो,
याद आए मगर मिल न सके तू भी,
कोई खुदा न हो जाना.
◼ 39
खफा जब भी रहो तब,
वजह बता दिया करो.
वजह बता दिया करो.
अपनी एक खता ढूंढने में
हम कई खता कर बैठे.
हम कई खता कर बैठे.
◼ 40
वो आए थे मेरा दुख-दर्द बाँटने के लिए,
मुझे खुश देखा तो खफा होकर चल दिये.
Woh Aaye The Mera Dukh-Dard Baantne Ke Liye,
Mujhe Khush Dekha To Khafa Ho Kar Chal Diye.
◼ 41
हुस्न यूँ इश्क़ से नाराज़ है अब
फूल ख़ुश्बू से ख़फ़ा हो जैसे.
इफ़्तिख़ार आज़मी
◼ 42
तुम खफा हो गए तो कोई खुशी न रहेगी,
तुम्हारे बिना चिरागों में रौशनी न रहेगी,
क्या कहें क्या गुजरेगी दिल पर,
जिंदा तो रहेंगी पर ज़िन्दगी न रहेगी.
Tum Khafa Ho Gaye To Koyi Khushi Na Rahegi,
Tumhare Bina Chiraagon Me Roshni Na Rahegi,
Kya Kahein Kya Gujregi Dil Par,
Zinda To Rahenge Par Zindagi Na Rahegi.
◼ 43
यही हालात इब्तिदा से रहे,
लोग हम से ख़फ़ा ख़फ़ा से रहे.
जावेद अख़्तर
◼ 44
जिस की हवस के वास्ते दुनिया हुई अज़ीज़,
वापस हुए तो उस की मोहब्बत ख़फ़ा मिली.
साक़ी फ़ारुक़ी
◼ 45
कहा किसने यह जानम कि मै तुमसे खफा हूँ,
पहला इशक हूँ, जानम और मै पहली दफा हूँ.
खफा शायरी in Urdu
◼ 46
खफा न होना हमसे,
अगर तेरा नाम जुबां पर आ जाये.
◼ 47
सब कुछ है मेरे पास पर दिल की दवा नहीं
दूर वो मुझसे हैं पर मैं खफा नहीं,
मालूम है अब भी वो प्यार करते हैं मुझसे
वो थोड़ा सा जिद्दी है, मगर बेवफा नहीं.
◼ 48
चाँद का क्या कसूर अगर रात बेवफा निकली,
कुछ पल ठहरी और फिर चल निकली,
उन से क्या कहे वो तो सच्चे थे,
शायद हमारी तकदीर ही हमसे खफा निकली.
◼ 49
आग दिल में लगी जब वो खफ़ा हो गए,
महसूस हुआ तब जब वो जुदा हो गए.
करके वफ़ा कुछ दे ना सके वो हमें,
पर बहुत कुछ दे गए जब बेवफ़ा हो गए.
◼ 50
बिछड़ के तुमसे ज़िन्दगी सज़ा लगती है,
ये सांस भी जैसे मुझसे ख़फ़ा लगती है,
अगर उम्मीद-ए-वफ़ा करूँ तो किससे करूँ?
मुझको तो मेरी ज़िंदगी भी बेवफा लगती है.
◼ 51
यों लगे दोस्त तेरा मुझसे ख़फा हो जाना
जिस तरह फूल से ख़ुश्बू का जुदा हो जाना.
क़तील शिफाई
Yon Lage Dost Tera Mujhse Khafa Ho Jaana
Jis Tarah Phool Se Khushboo Ka Juda Ho Jaana.
◼ 52
आग दिल मे लगी जब वो खफा हुए
महसूस हुआ तब, जब वो जुदा हुए,
कर के वफ़ा कुछ दे ना सके वो ,
पर बहुत कुछ दे गये जब वो बेवफा हुए.
खफा शायरी 4 लाइन
◼ 53
बहाना कोई ना बनाओ तुम मुझसे खफा होने का,
तुम्हें चाहने के अलावा कोई गुनाह नहीं है मेरा.
◼ 54
किस किस को बताएँगे जुदाई का सबब हम
तू मुझ से ख़फ़ा है तो ज़माने के लिए आ
अहमद फ़राज़
खफा शायरी 2 लाइन
◼ 55
या वो थे ख़फ़ा हम से या हम हैं ख़फ़ा उन से
कल उन का ज़माना था आज अपना ज़माना है
जिगर मुरादाबादी
◼ 56
इक तेरी बे-रुख़ी से ज़माना ख़फ़ा हुआ
ऐ संग-दिल तुझे भी ख़बर है कि क्या हुआ
अर्श सिद्दीक़ी
◼ 57
खफा नहीं हूँ तुझसे ए जिंदगी,
बस जरा दिल लगा बैठा हूँ इन उदासियों से.
◼ 58
कमाल का शख्स था
जिसने ज़िंदगी तबाह कर दी,
जिसने ज़िंदगी तबाह कर दी,
राज़ की बात है दिल
उससे खफा अब भी नहीं.
उससे खफा अब भी नहीं.
Kamal Ka Shakhs Tha
Jisne Zindgi Tabah Kar Di,
Jisne Zindgi Tabah Kar Di,
Raaz Ki Baat Hai Dil
Us Se Khafa Ab Bhi Nahi.
Us Se Khafa Ab Bhi Nahi.
◼ 59
इश्क़ में तहज़ीब के हैं और ही कुछ फ़लसफ़े
तुझ से हो कर हम ख़फ़ा ख़ुद से ख़फ़ा रहने लगे.
आलम ख़ुर्शीद
◼ 60
वो ढूढ़ रहे थे मुझ को भूल जाने के तरीके,
खफा हो कर उनकी मुश्किल आसान कर दी हमने.
Woh Dhundh Rahe The Mujhko Bhool Jane Ke Tarike,
Khafa Ho Kar Unki Mushkil Aasan Kar Di Humne.
◼ 61
ढूंढ़ रही है वो मुझसे
ख़फ़ा होने का तरीका,
ख़फ़ा होने का तरीका,
सोचता हूँ थप्पड़ मारकर
उसकी मुश्क़िल आसान कर दूँ.
उसकी मुश्क़िल आसान कर दूँ.
◼ 62
हम ज़िन्दगी में आपसे खफा हो नहीं सकते,
मोहब्बत के रिश्ते बेवफा हो नहीं सकते,
आप भले ही याद किये बिना सो जाओ,
हम याद किये बिना सो नहीं सकते.
◼ 63
इस अजनबी दुनिया में अकेला ख्वाब हूँ मैं
सवालो से खफा छोटा सा जवाब हूँ मै,
आँख से देखोगे तो खुश पाओगे
दिल से पूछोगे तो दर्द का सैलाब हूँ मै.
◼ 64
आज जी करता है
बे बात खफा हो जाऊं
बे बात खफा हो जाऊं
तू मनाती रहे
दे दे कर दलीलें शब भर.
दे दे कर दलीलें शब भर.
खफा Shayari
◼ 65
खफा होने से पहले
कोई वजह तो बताते जाते,
वजह नहीं तो ना सही
झूठा कोई इल्जाम ही लगाते जाते.
◼ 66
अजीब शख्स है
भेद ही ना खुलते उसके,
भेद ही ना खुलते उसके,
जब भी देखूं तो
दुनिया से खफा ही देखूं.
दुनिया से खफा ही देखूं.
Ajeeb Shakhs Hai
Bhed Hi Na Khulte Uss Ke,
Bhed Hi Na Khulte Uss Ke,
Jab Bhi Dekhun Toh
Duniya Se Khafa Hi Dekhu.
Duniya Se Khafa Hi Dekhu.
◼ 67
रूठ जाना तो मोहब्बत की अलामत है मगर,
क्या खबर थी मुझ से वो इतना खफा हो जाएगा.
Roothh Jana Toh Mohabbat Ki Alamat Hai Magar,
Kya Khabar Thi Mujh Se Woh Itna Khafa Ho Jayega.
____________________________________
इन्हे भी पढ़े:-
____________________________________
◼ 68
लब तो खामोश रहेंगे
ये वादा है मेरा तुमसे,
गर कह बैठें कुछ निगाहें,
तो खफा मत होना.
◼ 69
वो कैसे दिवाली मनाए यारो,
जिसकी फूलझड़ी खफा हो.
खफा शायरी in Urdu
◼ 70
दौड़ती भागती ज़िन्दगी में
बस यही तोहफा है,
खूब लुटाते रहे अपनापन
फिर भी लोग खफा है.
फिर भी लोग खफा है.
Daudti Bhagti Zindagi Me
Bas Yehi Tohafa Hai,
Bas Yehi Tohafa Hai,
Khub Lutate Rahe Apnapan P
hir Bhi Loag Khafa Hai.
hir Bhi Loag Khafa Hai.
90+ खफा शायरी 2 लाइन - खफा Status
◼ 71
मेरी बेताबियों से घबरा कर
कोई मुझ से ख़फ़ा न हो जाए
अलीम अख़्तर
◼ 72
अब तो हर शहर में उसके ही क़सीदे पढ़िए
वो जो पहले ही ख़फ़ा है वो ख़फ़ा और सही.
जमीलुद्दीन आली
◼ 73
काश कोई मिले ऐसा
जो मुझसे खफ़ा न हो,
जो मुझसे खफ़ा न हो,
समझे मेरे मिज़ाज़ को
और कभी जुदा न हो.
और कभी जुदा न हो.
◼ 74
लब तो खामोश रहेंगे
ये वादा है मेरा तुझसे
ये वादा है मेरा तुझसे
अगर कह बैठी कुछ
निगाहें तो खफा मत होना.
निगाहें तो खफा मत होना.
◼ 75
लबों पे उसके कभी बद्दुआ नहीं होती
बस एक माँ है जो मुझसे ख़फ़ा नहीं होती.
◼ 76
चाँद का क्या कसूर अगर रात बेवफा निकली,
कुछ पल ठहरी फिर चल निकली,
उनसे क्या कहे वो तो सच्चे थे,
शायद हमारी तक़दीर ही हमसे खफा निकली.
◼ 77
मेरे दोस्त की पहचान यही काफी है
वो हर शख्स को दानिस्ता खफा करता है.
अहमद फ़राज़
◼ 78
ख़फ़ा हैं फिर भी आ कर
छेड़ जाते हैं तसव्वुर में,
छेड़ जाते हैं तसव्वुर में,
हमारे हाल पर कुछ
मेहरबां अब भी होते. है.
मेहरबां अब भी होते. है.
◼ 79
वो दिल न रहा जा नाज़ उठाऊँ
मैं भी हूँ ख़फ़ा जो वो ख़फ़ा है.
इमदाद अली बहर
◼ 80
क्या कहूँ क्या है मेरे दिल की ख़ुशी
तुम चले जाओगे ख़फ़ा हो कर.
हसन बरेलवी
◼ 81
तुम हसते हो मुझे हँसाने के लिए,
तुम रोते हो मुझे रुलाने के लिए,
तुम एक बार खफा होकर तो देखो,
मर जायेंगे तुम्हें मानाने के लिए.
Tum Haste Ho Mujhe Hasane Ke Liye,
Tum Rote Ho To Mujhe Rulane Ke Liye,
Tum Ek Bar Khafa Ho Kar To Dekho,
Mar Jayenge Tumhe Manane Ke Liye.
◼ 82
ये जो सीने में धड़कता है,
बेवफा सा है,
बेवफा सा है,
मुझमे रहकर भी ये दिल
मुझी से खफा सा है.
मुझी से खफा सा है.
◼ 83
आखिर देता मुझे ये
कैसी सजा भी तू,
कैसी सजा भी तू,
है गलती भी तेरी
और खफ़ा भी है तू .
और खफ़ा भी है तू .
◼ 84
थोडी थोडी ही सही
मगर बाते तो किया करो,
मगर बाते तो किया करो,
चुपचाप रहती हो तो
खफा खफा सी लगती हो.
खफा खफा सी लगती हो.
Thodi Thodi Hi Sahi
Magar Baatein To Kiya Karo,
Magar Baatein To Kiya Karo,
Chupchap Rehti Ho To
Khafa Khafa Si Lagti Ho.
Khafa Khafa Si Lagti Ho.
◼ 85
एक ही फ़न तो हम ने सीखा है
जिस से मिलिए उसे ख़फ़ा कीजे.
जौन एलिया
◼ 86
जिस की हवस के वास्ते दुनिया हुई अज़ीज़
वापस हुए तो उसकी मोहब्बत ख़फ़ा मिली.
साक़ी फ़ारुक़ी
◼ 87
मोहब्बत ने इस मोड़ पर
लाकर खड़ा कर दिया है की,
लाकर खड़ा कर दिया है की,
आगे बढ़े तो सब खफा
और पीछे हटे तो बेवफा.
और पीछे हटे तो बेवफा.
◼ 88
कमाल का शख्स था,
जिसने ज़िंदगी तबाह कर दी,
जिसने ज़िंदगी तबाह कर दी,
राज़ की बात ये है.
दिल उससे खफा अब भी नहीं.
दिल उससे खफा अब भी नहीं.
◼ 89
कोई अच्छा सा बहाना
बनाना तुम मुझ से खफ़ा होने का,
बनाना तुम मुझ से खफ़ा होने का,
क्यूँकि तुझे चाहने के सिवा,
मैने अब तक कोई गुनाह नहीं किया है.
◼ 90
परवाह नहीं अगर ये
जमाना खफा रहे,
जमाना खफा रहे,
बस इतनी सी दुआ है,
दोस्त मेहरबां रहे.
दोस्त मेहरबां रहे.
◼ 91
हाले-दिल सुनाने की
मुद्दतो से ख्वाहिश हैं,
मुद्दतो से ख्वाहिश हैं,
मगर सुना है मुझसे
खफा-खफा मेरे हुजूर रहते हैं?
खफा-खफा मेरे हुजूर रहते हैं?
◼ 92
कभी बोलना वो ख़फ़ा ख़फ़ा
कभी बैठना वो जुदा जुदा
कभी बैठना वो जुदा जुदा
वो ज़माना नाज़ ओ नियाज़ का
तुम्हें याद हो कि न याद हो.
तुम्हें याद हो कि न याद हो.
ज़हीर देहलवी
◼ 93
वो तुझे भूल ही गया होगा,
इतनी देर कोई खफा नहीं रहता.
◼ 94
तुझसे नराज़ नहीं ज़िन्दगी,
बस खुद से खफा हैं,
बस खुद से खफा हैं,
जी रहे हैं बिन तमन्ना,
शायद ये ही दर्द ए दिल की दवा हैं.
शायद ये ही दर्द ए दिल की दवा हैं.
दोस्तों आशा करता हूँ की "90+ खफा शायरी 2 लाइन - खफा Status" यह भी पोस्ट पसंद आया होगा आप सभी को और आपने पढ़ा होगा खफा शायरी in Urdu, Khafa Status, खफा शायरी 4 लाइन, के इस कलेक्शन को दोस्त अगर यह पोस्ट आपके दिल को छू लिया हो तो इसे जरूर से शेयर करे ताकि इस कलेक्शन को और भी दोस्त पढ़ सके. धन्यवाद आप सभी का आपने इस पोस्ट को अपना प्यार दिया.