90+ Ishq Shayari Urdu
आप सभी को नमस्कार यह पोस्ट Ishq Shayari का दुसरा पार्ट हैं. इसमें आप पढ़ सकते Ishq Shayari Urdu के बेहतरीन कलेक्शन को जो विश्व प्रसिद्ध शायरों ने हैं.
तो आईये लुफ्त उठाते हैं इश्क़ शायरी उर्दू के लाज़वाब कलेक्शन का और पढ़ते हैं इश्क पर बनी हिंदी उर्दू शायरी को जो आप को बेहद पसंद आएगी। तो इस पोस्ट की शुरुआत करने पहले एक मिर्ज़ा ग़ालिब द्वारा लिखी गयी ज्यादा लोकप्रिय शेर के साथ.
इश्क़ ने 'ग़ालिब' निकम्मा कर दिया वर्ना हम भी आदमी थे काम के
1
⠉
⠉
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इश्क़ पर ज़ोर नहीं है
ये वो आतिश 'ग़ालिब'
ये वो आतिश 'ग़ालिब'
कि लगाए न लगे
और बुझाए न बने
..
और बुझाए न बने
..
मिर्ज़ा ग़ालिब
☜☆☞
Ishk Par Jor Nahi Hai
Ye Wo Aatish Galib
Ki Lagaye Naa Lage
Aur Bujhaye Na Bane
2
⠉
3☜☆☞
Ishk Par Jor Nahi Hai
Ye Wo Aatish Galib
Ki Lagaye Naa Lage
Aur Bujhaye Na Bane
Ishq Shayari Urdu
2
⠉
अब तो है इश्क़-ए-बुताँ में
ज़िंदगानी का मज़ा
ज़िंदगानी का मज़ा
जब ख़ुदा का सामना होगा तो
देखा जाएगा
..
देखा जाएगा
..
अकबर इलाहाबादी
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Ab To Hai Ishk-E-Bunta Me
Zindagani Ka Maza
Jab Khuda Ka Saamana Hoga Yo
Dekha Jaayega
☜☆☞
Ab To Hai Ishk-E-Bunta Me
Zindagani Ka Maza
Jab Khuda Ka Saamana Hoga Yo
Dekha Jaayega
⠉
गुज़रे है
आज इश्क के उस मुकाम से,
नफरत सी हो गयी है मोहब्बत के
नाम से
नाम से
Guzare Hai
Aaj Ishk Ke Us Mukaam Se,
Nafarat Si Ho Gayi Hai Mohabbat Ke
Naam Se.
4
⠉
5
⠉
6
⠉
पढ़ी फिर वहीं आयतें,
मेरे बिखरने का खेल तो
मैं अपनी फतह समझता रहा
हाँ, तुमको यकीं आये तो
Ishq Shayari Urdu
दिल उसे जानता है बेवफा है,
Ishq Shayari Urdu
या तो पीना भूल जाओगे
Naam Se.
4
⠉
इश्क चख लिया था इत्तफ़ाक से,
ज़बान पर आज भी दर्द के
छाले हैं.
☜☆☞
Ishk Chakh Liya Tha Itfaak Se
Jabaan Par Aaj Bhi Dard Ke
Chhale Hain
Chhale Hain
5
⠉
तेरी बेवफाई का सौ बार शुक्रिया,
मेरी जान छूटी इश्क़-ऐ-बवाल से .
☜☆☞
Teri Bewafayi Ka Sau Baar Shukriya
Meri Jaan Chhuti Ishk-E-Bavaal Se
Meri Jaan Chhuti Ishk-E-Bavaal Se
6
⠉
धुआँ धुआँ
सा लग रहा है शहर में
लगता है किसी का इश्क़ जल रहा है
ठंड में
☜☆☞
Dhuaa-Dhua
Sa Lag Raha Hai Shahar Me
Lagata Hai Kisi Ka Ishk jal Raha Hain
Thand Me
7
⠉
ना कर तू इतनी कोशिशे,
मेरे दर्द को समझने की,
मेरे दर्द को समझने की,
पहले इश्क़ कर, फिर चोट खा,
फिर लिख दवा मेरे दर्द की.
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Naa Kar Tu Itani Koshishe
Mere Dard Ko Samjhane Ki
Pahale Ishk Kar Fir Chot Kha
Fir Likh Dawa Mere Dard Ki
8
⠉
तेरी ख़ामोशी,
अगर तेरी मज़बूरी है, तो
अगर तेरी मज़बूरी है, तो
रहने दे इश्क़ कौन सा जरुरी है.
☜☆☞
Teri Khamoshi
Agar Majburi Hai To
Rahane De Ishk Kaun Sa Jaruri Hai.
9
⠉
इश्क़ के चर्चे भले ही सारी
दुनिया में होते होंगे,
दुनिया में होते होंगे,
पर दिल तो ख़ामोशी से ही
टूटते हैं
☜☆☞
Ishk Ke Charche Bhale Hi Sari
Duniya Me Hote Honge
Par Dil To Khamoshi Se Hi
Tutate Hain
10
⠉
आपकी नशीली यादों में डूबकर,
हमने इश्क की गहराई
को समझा,
को समझा,
आप तो दे रहे थे धोखा और,
हमने जानकर भी कभी आपको
बेवफा न समझा.
☜☆☞
Aapki Nashili Yaado Me Dubkar
Hamne Ishk Ki Gaharayi
Ko Samjha
Aap To De Rahe The Dhokha Aur
Hamane Jaankar Bhi Aapko
Bewafa Naa Samjha
11
⠉
सुनो ना
हमारे और तुम्हारे इश्क का
चर्चा है अब शहरो में.
कोई सुनता नही
अब लैला-मजनूँ की कहानी..
☜☆☞
Suno Naa
Hamare Aur Tumhaare Ishk Kaa
Charcha Hai Ab Shaharo Me
Koi Sunata Nahi
12
⠉
⠉
आरज़ू, अरमान,
इश्क़, तमन्ना, वफ़ा, मोहब्बत,
चीज़ें तो अच्छी है पर दाम बहुत है..
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Aarzoo, Armaan,
Ishk, Tamanna Wafa, Mohabbat
Chiz Achchhi Hai Par Daam Bahut Hai
13
⠉
कूचा-ए-इश्क़ में निकल आया
जिस को ख़ाना-ख़राब होना था
..
..
जिगर मुरादाबादी
14
⠉
इश्क़ जब तक न कर चुके रुस्वा
आदमी काम का नहीं होता
जिगर मुरादाबादी
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Ishk Jab-Tak Na Kar Chuke Ruswa
Aadami Kaam Ka Nahi Hota
15
⠉
कोई समझे तो एक बात कहूँ
इश्क़ तौफ़ीक़ है गुनाह नहीं
फ़िराक़ गोरखपुरी
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Koi Samjhe To Ek Baat Kahu
Ishk Taufiq Hai Gunaah Nahi
16
⠉
खता ए इश्क़ नही देखता
महबूब पत्थर है या कोहिनूर है.
गर इश्क़-इश्क़ है तो हर हाल में
गर इश्क़-इश्क़ है तो हर हाल में
मंजूर है
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Khata-E-Ishk Nahi Dekhta
Mahabub Patthar Hai Ya Kohinur Hai
Gar Ishk=Ishk Hai To, Har Haal Me
Manjur Hai
17
⠉
वो अच्छे हैं तो बेहतर है
बुरे हैं तो भी कुबूल,
मिजाज-ए-इश्क में
बुरे हैं तो भी कुबूल,
मिजाज-ए-इश्क में
ऐब-ओ-हुनर देखे
नहीं जाते
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Wo Achchhe Hai To Behatar Hai
Bure Hai To Bhi Kabul
Mizaze-E-Ishk Me
EB-o-Hunar Dekhe
Nahi Jaate
18
⠉
जिस ख्वाब में
हो जाए दीदारे नबी हासिल
ऐ इश्क़ कभी हमको भी
हो जाए दीदारे नबी हासिल
ऐ इश्क़ कभी हमको भी
वो नींद सुला दे
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Jis Khwaab Me
Ho Jaaye Deedaare Nabi Hasil
E-Ishk Kabhi Hamko Bhi
Wo Neend Sula De
19
⠉
फितूर होता है
हर उम्र में जुदा-जुदा,
खिलौना, इश्क़, पैसा, ख्याति फिर
हर उम्र में जुदा-जुदा,
खिलौना, इश्क़, पैसा, ख्याति फिर
खुदा-खुदा.
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Fitur Hota Hia
Har Umr Me Juda-Juda
Khilauna, Ishk, Paisa, Khyati Fir
Khuda-Khuda
20
⠉
नजर , नमाज , नजरिया ,
सब कुछ बदल गया,
सब कुछ बदल गया,
एक रोज इश्क़ हुआ , और
खुदा बदल गया.
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Nazar, Namaz, Nazariya
Sab Kuchh Badal Gaya
Ek Roz Ishk Hua Aur
Khuda Badal GAYA
21
⠉
बेहद बेकाबू इश्क मे
दर्द मिलना लाजमी है गालिब,
पर दर्द हद से गुजर जाये तो
दवा हो जाया करता है.
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Behad Bekabu Ishk Me
Dard Milana Lazami Hai Galib
Par Har Dard Had Se Guzar Jaaye To
Dawa Ho Jaya Karata Hai
22
⠉
तेरे ख़त में इश्क की गवाही
आज भी है,
हर्फ़ धुंधले हो गए पर स्याही
आज भी है.
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Tere Khat Me Ishk Ki Gawahi
Aaj Bhi Hai
Harf Dhundhale Ho Gaye Par Syahi
Aaj Bhi Hai
23
⠉
इधर आ रक़ीब मेरे,
मैं तुझे गले लगा लूँ
मेरा इश्क़ बे-मज़ा था,
मैं तुझे गले लगा लूँ
मेरा इश्क़ बे-मज़ा था,
तेरी दुश्मनी से पहले.
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Idhar Aa Rakib Mere
Mai Tujhe Gale Laga Lu
Mera Ishk Be-Maza Tha
teri Dushamani Se Pahale
24
⠉
नमाज़ में भी
मेरी इश्क़ बाजियाँ ना गई,पढ़ी फिर वहीं आयतें,
जिसमें,जिक्र-ए-सनम आया.
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Namaaz Me Bhi
Meri Ishk Ki Baziya Na Gayi
Padhi Fir Wahi Aayate
Jisame, Zikr-E-Sanam Aaya
25
⠉
तफ़रीक़ हुस्न-ओ-इश्क़ के
अंदाज़ में न हो,
लफ़्ज़ों में फ़र्क़ हो मगर
लफ़्ज़ों में फ़र्क़ हो मगर
आवाज़ में न हो.
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Tafarik Husn-O-Ishk Ke
Andaaz Me NHo
Lafzo Me Fakr Ho Magar
Aawaz Me Naa Ho
26
⠉
इश्क वो खेल नहीं
जो छोटे दिल वाले खेलें
रूह तक काँप जाती है
रूह तक काँप जाती है
सदमे सहते-सहते.
☜☆☞
Ishk Wo Khel Nahi
Jo Chhote Dil Wale Khele
Ruh Kanp Jaati Hain
Sadame Sahate Sahate
27
⠉
मेरे इबादत-ए-इश़्क की
कहानी ना पूछ मुझसे,
हर सांस ने हज़ारों बार
तेरा नाम लिया हैं
तेरा नाम लिया हैं
☜☆☞
Mere Ibadat-E-Ishq Ki
Kahani Naa Punchh Mujhse
Har Sans Ne Hazaro Baar
Tera Naam Liya
28
⠉
इश्क की राहों में
जिस दिल ने शोर मचा रखा था,
बेवफाई की गलियों से आज वो
खामोश निकला.
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Ishk Ki Raho Me
Jis Dil Ne Shor Macha Rakha Tha
Brwafayi Ki Galiyo Se Aaj Wo
Khamosh Nikala
29
⠉
न तस्वीर है
आपकी जो दीदार किया जाये,
आपकी जो दीदार किया जाये,
न आप पास हो, जो इश्क किया जाये,
ये कैसा दर्द दिया है, न कुछ कहा जाये
ये कैसा दर्द दिया है, न कुछ कहा जाये
न कुछ सुना जाये.
☜☆☞
Na Tasveer Hai
Aapki Jo Deedar Ho Kiya Jaaye
Na Aap PaAS Ho, Jo Ishk Kiya Jaaye
Ye Kaisa Dard Diya Hai, Na Kuchh Kaha Jaye
Na Kuchh Suna Jaaye
30
⠉
अभी तो राख ही हुए है
तेरे इश्क में,मेरे बिखरने का खेल तो
अभी बाकी है.
Abhi To Rakh Hi Huye Hai
Tere Ishk Me
Mere Bikharane Ka Khel To
Abhi Baki Hai
31
⠉
बरबाद कर देती है
मोहब्बत हर मोहब्बत करने वाले को,
क्यू कि इश्क़ हार नही मानता
क्यू कि इश्क़ हार नही मानता
और दिल बात नही मानता.
☜☆☞
Barbaad Kar Deti Hai
Mohabbat Har Mohabbat Karane Wale Ko
Kyuki Ishk Haar Nahi Manata
Aur Dil Baat Nahi Manata
32
⠉
उस वक़्त तो
खुदा भी सोच में पड़ गया,
जब मैंने इश्क़ और सुकून दोनों
खुदा भी सोच में पड़ गया,
जब मैंने इश्क़ और सुकून दोनों
साथ में माँग लिया.
☜☆☞
Us Waqt To
Khuda Bhi Soch me Pad Gaya
Jab Maine Ishk Aur Sukun Dono
Sath Me Mang Liya
33
⠉
इश्क़ ने जब माँगा खुदा से
दर्द का हिसाब,
वो बोले हुस्न वाले ऐसे ही बेवफाई
वो बोले हुस्न वाले ऐसे ही बेवफाई
किया करते हैं.
☜☆☞
Ishk Ne Jab Manga Khuda Se
Dard Ka Hisab
Wo Bole Husn Wale Ese Hi Bewafayi
Kiya Karate Hai
34
⠉
गिरते रहे सजदों में हम
अपनी ही हसरतों की खातिर
अगर इश्क़-ऐ खुदा में गिरे होते तो
अपनी ही हसरतों की खातिर
अगर इश्क़-ऐ खुदा में गिरे होते तो
कोई हसरत अधूरी ना होती.
☜☆☞
Girate Rahe Sazado Me Ham
Apni Hi Hasarato Ki Khatir
Agar Ishk-E-Khuda Me Gire Hote To
Koi Hasarat Adhuri Na Hoti
35
⠉
ख़त्म हो गयी कहानी
बस कुछ अलफ़ाज़ बाकी हैं,
एक अधूरे इश्क की एक मुकम्मल सी
बस कुछ अलफ़ाज़ बाकी हैं,
एक अधूरे इश्क की एक मुकम्मल सी
याद बाकी है
☜☆☞
Khatm Ho Gayi Kahani
Bas Kuchh Alfaaz Baki Hai
Ek Adhure Ishk Ki Mikamal Si
Yaad Baki Hai
36
⠉
इश्क़ नाज़ुक-मिज़ाज है बेहद
अक़्ल का बोझ उठा नहीं सकता
..
अकबर इलाहाबादी
..
अकबर इलाहाबादी
37
⠉
वो इस कमाल से खेले थे
इश्क की बाजी,मैं अपनी फतह समझता रहा
मात होने तक
☜☆☞
Wo Is Kamaal Se Khele The
Ishk Ki Baazi
Main Apani Fatah Samjhata Rha
Maat Hone Tak
38
⠉
मत करवाना इश्क़ ए दस्तूर
हर किसी को ए खुदा,
हर किसी में जीते जी मरने की
हर किसी में जीते जी मरने की
ताक़त नही होती.
☜☆☞
Mat Karwa Ishk-E-Dastur
Har Kisi Ko E Khuda
Har Kisi Me Jeete Jee Marane Ki
Takat Nahi Hoti
39
⠉
इंकार जैसी
लज्जत इक़रार में कहां.
बढ़ता रहा इश्क ग़ालिब,
लज्जत इक़रार में कहां.
बढ़ता रहा इश्क ग़ालिब,
उसकी नही-नही से
☜☆☞
Jhankaar Jaisi
Lazzat Ikaraar me Kaha
Badhata Raha Ishk "Galib"
Usaki Nahi-Nahi Me
Ishq Shayari Urdu
40
⠉
ये बात किसने उड़ाई की
मुझे इश्क है तुमसे,हाँ, तुमको यकीं आये तो
अफवाह नही हैं ये.
☜☆☞
Ye Baat Kisane Udayi Ki
Mujhe Ishk Hai Tumase
Ha, Tumako Yakin Aaye To
Afawah Nahi Hai Ye
41
⠉
इश्क़ इनायत है खुदा की,
तो मैं गुनाहगार कैसे?
तो मैं गुनाहगार कैसे?
☜☆☞
Ishk Inayat Hai Khuda Ki
To Mai Gunahgaar Kaise?
42
⠉
पी लेने दो शराब
इस आशिक को,
लगता हैं ये भी इश्क में
इस आशिक को,
लगता हैं ये भी इश्क में
चोट खाया हुआ है.
Pee Lene Do Sharab
Is Aashik Ko
Lagata Hai Ye Bhi Ishk Me
Chot Khaya Hua Hai
43
⠉
जो गुजरे इश्क में
सावन सुहाने, याद आते हैं
तेरी जुल्फों के मुझको
तेरी जुल्फों के मुझको
शामियाने याद आते हैं.
☜☆☞
Jo Guzare Ishk Me
Saawan Suhaane Yaad Aate Hai
teri Zulfo Ke Mujhko
Shamiyane Yaad Aate Hai
44
⠉
खेल और इश्क़
दोनों मुख़्तलिफ़ सी बातें हैं,
एक में तुम माहिर, एक में मैं माहिर.
☜☆☞
Khel Aur Ishk
Dono Mukhtaklif Si Baate Hai
Ek Me Tum Mahir, Ek Me Mai Mahir
45
⠉
इश्क महसूस करना भी
इबादत से कम नहीं,
ज़रा बताइये छू कर' खुदा को
किसने देखा है?
☜☆☞
Ishk Mahsus Karana Bhi
Ibadat Se Kam Nahi
Jara Batayiye Chhu Kar Khuda Ko
Kisane Dekha Hai?
46
⠉
किस खत में रखकर भेजूं
अपने इन्तजार को
अपने इन्तजार को
बेजुबां हैं इश्क़ ढूँढता हैं
खामोशी से तुझे.
☜☆☞
Kis Khat Me Rakhkar Bheju?
Apane Intzaar Ko
Bejuban Hai ishk Dhundhata Hai
Khamoshi Se Tujhe
47
⠉
मुक्कमल इश्क की
तलबगार नहीं हैं आँखें.
थोड़ा-थोडा ही सही,
रोज़ तेरे दीदार की चाहत है
☜☆☞
Mukkamal Ishk Ki
Talbdaar Nahi Hai Ankhe
Thoda-Thoda Hi Sahi
Roz Tere Deedaar Ki Chahat Hai
48
⠉
चलते तो हैं
वो साथ मेरे, पर अंदाज देखिए,
वो साथ मेरे, पर अंदाज देखिए,
जैसे की इश्क करके वो
एहसान कर रहें है
☜☆☞
Chalate To Hai
Wo Mre Sath, Par Andaaz Dekhiye
Jaise Ki Ishk Karake Wo
Ehasaan Kar rahe Hai
49
⠉
मत कर यूं बेपनाह इश्क,
ऐ नादां दिल उनसे,
बहुत जख़्म लगते हैं,
जब उँचाई से
गिरते हैं
☜☆☞
Mat Kar Tu Bepnah Ishk
E Nadan Dil Unase
Bahut Zakhm Lagate Hai
Jab Unchayi Se
Girate Hai
50
⠉
गमगीन से
गमहीन होना चाहता हूँ
अब मैं खुद से इश्क़ करना चाहता हूँ
गमहीन होना चाहता हूँ
अब मैं खुद से इश्क़ करना चाहता हूँ
☜☆☞
Gamgeen Se
Gamheen Hona Chahata Hun
Ab Main Khud Se Ishk Karana Chahata Hun
51
⠉
इश्क़ से क़ातिल
कोई नशा नहीं जनाब,
घूँट-घूँट पीते है और
घूँट-घूँट पीते है और
कतरा कतरा मरते है
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Ishk Se Qatil
Koi Nasha Nahi Janab
Ghut-Ghut Peete Hai Aur
Kataraa-Kataraa Marate Hai
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चाय शायरी / Tea Status Hindi
5+ खुशबू Shayari - Khushboo Shayari
✩✩✩✩✩✩✩✩✩✩✩✩✩✩
52
⠉
शायरी उसी के लबों पर
सजती है साहिब
जिसकी आँखों में
सजती है साहिब
जिसकी आँखों में
इश्क़ रोता हो
☜☆☞
Shayari Usi Ke Labo Par
Sajati Hai Sahib
Jisaki Ankho Me
Ishk Rota Hai
53
⠉
घुटन सी होने लगी है,
इश्क़ जताते हुए,
इश्क़ जताते हुए,
मैं खुद से रूठ जाता हूँ,
तुम्हे मनाते हुए
Ghutan Si Hone Lagi Hai
Ishk Jatate Huye
Main Khud Se Ruth Jata Hun
Tumhe Mante Huye
54
⠉
देखते हैं
अब क्या मुकाम आता है साहब,
सूखे पत्ते को इश्क हुआ है
अब क्या मुकाम आता है साहब,
सूखे पत्ते को इश्क हुआ है
बहती हवा से
☜☆☞
Dekhate Hai
Ab Kya Mukaam Aata Hai Sahab
Sukhe Patte Ko Ishk Hua Hai
Bahati Hawa Se
55
⠉
हुस्न वाले
वफ़ा नहीं करते,
वफ़ा नहीं करते,
इश्क वाले दगा नहीं करते,
जुल्म करना तो इनकी आदत है,
ये किसी का भला नहीं करते
ये किसी का भला नहीं करते
☜☆☞
Husn Wale
Wafa Nahi Karate
Ishk Wale Daga NAHI karate
Zulm Karana To Inaki Aadat Hai
Ye Kisi Ka Bhala Nahi Karate
56
⠉
इश्क को भी इश्क हो तो
फिर मैं देखूं इश्क को भी,
कैसे तड़पे कैसे रोये,
इश्क अपने इश्क में
इश्क अपने इश्क में
☜☆☞
Ishk Ko Bhi Ishk Ho To
Fir Main Dekhu Ishk Ko Bhi
Kaise Tadape Kaise Roye
Ishk Apane Ishk Me
57
⠉
बढती उमर का इश्क
और ढलती उमर की ख्वाहिश
खूबसुरत जिस्म नही,
खूबसुरत साथ ढूंढता है
खूबसुरत साथ ढूंढता है
☜☆☞
Badhati Umr Ka Ishk
Aur Dhalati Umr Ki Khwahishe
Khubsurat Zism Nahi
Khubsurat Sath Dhundhata Hai
58
⠉
खता-मत-गिन
इश्क़ में
किसने क्या गुनाह किया
इश्क़ इक नशा था जो
तूने भी किया और मैंने भी किया
☜☆☞
Khata Mat Gin
Ishk Me
Kisane Kya Gunaah Kiya
Ishk Ek Nasha Tha Jo
Tune Bhi Kiya Maine Bhi Kiya
59
⠉
मत ज़िक्र करो
अपने अदा के बारे मे,
अपने अदा के बारे मे,
हम भी बहुत जानते हैं
वफ़ा के बारे मे,
वफ़ा के बारे मे,
हमने सुना हैं
उन्हे भी इश्क़ का नशा छाया हैं
जो नही जानते कुछ भी
वफ़ा के बारे मे.
☜☆☞
Mat Zikr Karo
Apane Adaa Ke Baare Me
Ham Bhi Bahut Jaanate Hai
Wafa Ke Baare Me
Hamane Suna Hai
Unhe Bhi Ishk Ka Nasha Chhaya Hai
Jo Nahi Janate Kuchh Bhi
Wafa Ke Baare Me
60
⠉
इश्क मुहब्बत तो सब करते हैं,
गम-ऐ-जुदाई से सब डरते हैं,
हम तो न इश्क करते हैं न मुहब्बत,
हम तो बस आपकी एक मुस्कुराहट
पाने के लिए तरसते हैं ❗
☜☆☞
Ishk Mohabbat To Sab Karate Hai
Gam-E-Judayi Se Sab Darate Hai
Ham To Na Ishk Karate Hain Naa Mohabbat
Ham To Bas Aapki Ek Muskurahat
Paane Ko Tarsate Hai
61
⠉
हर धड़कन में
एक राज़ होता है,
एक राज़ होता है,
हर बात कहने का एक अंदाज़ होता है.
जब तक ठोकर न लगे इश्क़ में,
हर किसी को अपने महबूब पे
नाज़ होता है.
☜☆☞
Har Dhadakan Me
Ek Raaz Hota Hai
Har Baat Kahane Ka Ek Andaaz Hota Hai
Jab Tak Thokar Naa Lage Ishk Me
Har Kisi Ko Apane Mahbub Pe
Naaz Hota Hai
62
⠉
इश्क ज़िस्मानी खेल बन के
रह गया,
पनघट किनारे इंतजार करने के
पनघट किनारे इंतजार करने के
ज़माने चले गये.
☜☆☞
Ishk Zismaani Khel Ban Ke
Rah Gaya
Panghat Kinaare Intzaar Karane Ke
Zamaane Chale Gaye
62
⠉
किसे मालूम था
इश्क़ इस कदर लाचार करता है,दिल उसे जानता है बेवफा है,
मगर प्यार करता है.
☜☆☞
Kise Malum Tha
Ishk Is Kadar Laachaar Karta Hai
Dil Janata Hai Bewafa Hai
Magar Use Hi Pyaar Karata Hai.
63
⠉
पहले इश्क
फिर धोखा फिर बेवफ़ाई,
बड़ी तरकीब से एक शख्स ने
बड़ी तरकीब से एक शख्स ने
तबाह किया.
Fir Dhokha Fir Bewafayi
Badi Tarkib Se Ek Shkhs Ne
Tabaah Kiya
64
⠉
इश्क से बचिए जनाब,
सुना है धीमी मौत है ये.
सुना है धीमी मौत है ये.
☜☆☞
Ishk Se Bachiye Janaab
Suna Hai Dheemi Maut Hai Ye
Suna Hai Dheemi Maut Hai Ye
65
⠉
न मौत आती है
न कोई दवा लगती है,
न जाने उसने
इश्क में कौन सा जहर
मिलाया था.
☜☆☞
Naa Maut Aati Hai
Na Koi Dawa Lagati Hai
Naa Jaane Usane
Ishk Me Kaun Sa Zahar
Ishk Me Kaun Sa Zahar
Milaya Tha?
66
⠉
ले रहे थे मोहब्बत के बाजार मे
इश्क की चादर,
पीछे से आवाज आयी कफन भी ले लो
जरूरत पड़ेगी..
☜☆☞
Le Rahe The Mohbbat Ke Bazar Me
Ishk Ki Chadar
Piche Se Awaj Aayi Kafan Bhi Le Lo
Jarurat Padegi.
Jarurat Padegi.
67
⠉
कल लगी थी
शहर में बद्दुआओं की महफ़िल
मेरी बारी आई तो मैंने कहा
शहर में बद्दुआओं की महफ़िल
मेरी बारी आई तो मैंने कहा
इसे भी इश्क़ हो इसे भी इश्क़
इसे भी इश्क़ हो.
☜☆☞
Kal Lagi Thi
Shahar Me Badduaaon Ki Mahafil,
Meri Baari Aayi To Maine Kaha.
Ise Bhi Ishk Ho, Ise Bhi Ishk Ho,
Ise Bhi Ishk Ho, Ise Bhi Ishk Ho,
Ise Bhi Ishk Ho.
68
⠉
अजब जज्बा है इश्क़ करने का
उम्र जीने की है और
शौक मरने का.
शौक मरने का.
☜☆☞
Ajab Jajba Hain Hai Ishk Karane Ka,
Umr Jeene Ki Hai Aur
Umr Jeene Ki Hai Aur
Shauk Marane Ka.
69
⠉
आज तो बे-सबब उदास है जी
इश्क़ होता तो कोई बात भी थी
☜☆☞
Aaj To Be-Sabab Udaas Hai Jee
Ishk Hota To Koi Baat Bhi Thi
Ishk Hota To Koi Baat Bhi Thi
70
⠉
जाने कब उतरेगा कर्ज उसकी
मोहब्बत का
हर रोज आँसुओं से इश्क की
किस्ते भरता हूँ
☜☆☞
Naa Jane Kab Utarega Karz Usaki
Mohabbat Ka,
Har Roz Anshuon Se Ishk Ki
Kiste Bharata Hu.
Har Roz Anshuon Se Ishk Ki
Kiste Bharata Hu.
71
⠉
अपने जख्मों की
नुमाइश करना एक इक अदा है
दुनियां को पता तो चले,
यह मशहूर इश्क आखिर क्या बला है.
☜☆☞
Apane Zakhmo Ki
Numaish Karana Ek Aada Hain,
Duniya Ko Pata To Chale,
Yah Mashhur Ishk Kya Bala Hain.
Yah Mashhur Ishk Kya Bala Hain.
72
⠉
अगर इश्क़ हुआ दोबारा,
तो भी तुझसे ही
होगा,
होगा,
मेरे नादान दिल को तुझ पर इतना
भरोसा है..
To Bhi Tujhase Hi
Hoga,
Hoga,
Mere Nadan Dil Ko Tujh Par Itana
Bharosha Hain.
Bharosha Hain.
Ishq Shayari Urdu
73
⠉
अदायें सीख लीं
तुमनें,नज़र से क़त्ल करने की,
मगर तालीम न सीखी, किसी से
इश्क़ करने की.
☜☆☞
Adaaye Sikh Li
Tumane Nazar Se Qatl Karane Ki,
Magar Talim Naa Sikhi, Kisi Se
Magar Talim Naa Sikhi, Kisi Se
Ishk Karane Ki.
74
⠉
ऐ 'ख़ुदा'
तू कभी इश्क न करना
बेमौत मारा जायेगा,
हम तो मर के भी तेरे पास आते है
पर तू कहा जायेगा?
☜☆☞
Ye Khuda
Tu Kabhi Ishk Na Karana,
Bemaut Maara Jayega,
Bemaut Maara Jayega,
Ham To Mar Ke Tere Paas Aate Hai
Par Tu Kaha Jayega?
75
⠉
मत पूछो यारो
ये इश्क कैसा होता है,
बस जो रुलाता है ना
उसे ही गले लगाकर रोने को
जी चाहता है.
☜☆☞
Mat Punchho Yaaro
Ye Ishk Kaisa Hota Hai,
Bas Jo Rulata Hai Naa
Use Hi Gale Lagakar Rone Ko
Ji Chahata Hai.
76
⠉
बड़ी काम आई लगन इश्क़ में,
मैं गिर-गिर के ख़ुद हि
मैं गिर-गिर के ख़ुद हि
संभलता रहा.
☜☆☞
Badi Kaam Aayi Lagan Ishk Me,
Main Geer-Geer Ke Khud Hi
Sambhalata Raha.
77
⠉
इश्क़-ऐ-बेवफ़ाई ने डाल दी है
आदत बुरी,
मैं भी शरीफ हुआ करता था
इस ज़माने में,
इस ज़माने में,
पहले दिन शुरू करता था मस्जिद में
नमाज़ से,
नमाज़ से,
अब ढलती है शाम शराब के साथ
मैखाने में..
मैखाने में..
☜☆☞
Ishk-E-Bewafayi Ne Daal Di Hai
Aadat Buri,
Aadat Buri,
Main Bhi Sharif Hua Karata Tha, Is
Zamane Me.
Zamane Me.
Pahale Din Shuru Karata Tha Masjid Me
Namaz Se,
Ab Dhalati Hai Sham Sharab Ke Sath
Namaz Se,
Ab Dhalati Hai Sham Sharab Ke Sath
Maikhane Me..
78
⠉
तेरे इश्क़ का सुरूर था.
जो खुद को बर्बाद कर लिया,
वर्ना. दुनियाँ मेरी भी दीवानी थी.
☜☆☞
Tere Ishk Ka Surur Tha
Jo Khud Ko Barbad Kar Liya.
Vrna. Duniya Mere Bhi Divani Thi
Vrna. Duniya Mere Bhi Divani Thi
79
⠉
जाम तो
यू ही बदनाम है
यारों कभी इश्क करके देखो,या तो पीना भूल जाओगे
या फिर पी-पी के जीना
भूल जाओगे.
☜☆☞
Jaam To
Yu Hi Badanaam Hai Yaaro
Kabhi Ishk Karke Dekho?
Ya To Peena Bhul Jaoge
Ya To Pee-Pee Ke Jeena
Bhul Jaaoge
80
⠉
अभी तो इश्क़ हुआ है,
मंज़िल तो मयखाने में मिलेगी.
मंज़िल तो मयखाने में मिलेगी.
☜☆☞
Abhi To Ishk Hua Hai
Manzil To Maykhane Me Milegi
81
⠉
ये इश्क भी नशा-ए-शराब
जैसा है, यारो
करें तो मर जाएँ और छोड़े तो
किधर जाएँ
किधर जाएँ
☜☆☞
Ye Ishk Bhi Nasha-E-Sharaab
Jaisa Hain Yaaro
Kare To Mar Jaaye Aur Chhode To
Jaisa Hain Yaaro
Kare To Mar Jaaye Aur Chhode To
Kidhar Jaaye?
82
⠉
कितना भी कर ले, चाँद से इश्क़,
रात के मुक़द्दर मे, अँधियारे ही
लिखे हैं
लिखे हैं
☜☆☞
Kitana Bhi Kar Le, Chand Se Ishk,
Raat Ke Mukaddar Me, Andhiyaren Hi
Likhe Hain
Likhe Hain
83
⠉
ये इश्क़ बनाने वाले की मैं
तारीफ करता हूं,
तारीफ करता हूं,
मौत भी हो जाती है और कातिल भी
पकड़ा नही जाता.
☜☆☞
Ye Ishk Banaane Walo Ki Mai
Taarif Karta Hun
Maut Bhi Ho Jati Hai Aur Qatil Bhi
Pakada Nahi Jata
84
⠉
ये रात ये तनहाई और
ये तेरी याद
ये तेरी याद
मैं इश्क न करता तो
कब का सो गया होता
☜☆☞
Ye Raat Ye Tanhaayi Aur
Ye Teri Yaade
Main Ishk Na Karata To
Kab Ka So Gaya Hota Hota
85
⠉
उस से कह दो के,
मेरी सजा कुछ कम कर दे,
हम पेसे से मुजरिम नहीं हैं,
मेरी सजा कुछ कम कर दे,
हम पेसे से मुजरिम नहीं हैं,
बस गलती से इश्क हुआ है
☜☆☞
Us Se Kah Do Ke
Meri Saza Kuchh Kam Kar De
Ham Peshe Se Muzrim Nahi Hai
Bas Galati Se Ishk Hua Hai
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86
⠉
कल क्या
खूब इश्क़ से मैने बदला लिया,
खूब इश्क़ से मैने बदला लिया,
कागज़ पर लिखा इश्क़ और
Chand Lamho Me Faisala Na Kijiye
उसे ज़ला दिया।
☜☆☞
Kal Kya
Khub Ishk Se Maine Badala Liya
Kagaz Par Likha Ishk Aur
Use Jala Diya
87
⠉
इश्क़ है इश्क़ ये मज़ाक़ नहीं,
चंद लम्हों में फ़ैसला न करो
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Ishk Hain Ishk Ye Mazaak NahiChand Lamho Me Faisala Na Kijiye
88
⠉
चलते थे इस जहाँ में कभी.
सीना तान के हम,
ये कम्बख्त
इश्क़ क्या हुआ घुटनो पे
आ गए हम
☜☆☞
Chalate The Janha Me Kabhi
Seena-Taan Ke Ham
Ye Kambkhat
Ishk Hua Ghutano Pe
Aa Gaye Ham
89
⠉
जिंदा है तो बस
तेरी इश्क की रहमत पर,
हम मर गये तो समझना
तेरा प्यार कम पड गया.
तेरा प्यार कम पड गया.
☜☆☞
Zinda Hai To Bas
Teri Ishk Ki Rahamat Par,
Teri Ishk Ki Rahamat Par,
Ham Mar Gaye To Samjhana
Tera Pyaar Kam Pad Gaya.
90
⠉
फासले ही अच्छे है इश्क में यारों,
ज्यादा करीब रहने से मोहब्बत,
पाक नही रहती
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Fasale Hi Achchhe Hain Ishk Me Yaaro,
Jyaada Kareeb Rahane Se Mohabbat,
Paak Nahi Rahati.
91
⠉
इश्क में
सिर्फ दिल नहीं आता
अक्ल भी आती है बस ज़रा देर से
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Ishk Me
Sirf Dil Nahi Aata
Akl Bhi Aati Hai Bas Jara Der Se
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नोट
दोस्तों अगर आप ने वाह हिंदी ब्लॉग द्वारा की गयी प्यार भरी पोस्ट इश्क StatUs-Ishq ShayAri को नहीं पढ़ा हैं तो इसे जरूर से पढ़े.
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दोस्तों आशा करता हूँ की आप सभी को Ishq Shayari Urdu, ishq shayari Ghalib विशाल संग्रह अवश्य पसंद आया होगा।