40+ हिंदी दिवस पर अनमोल विचार व वचनों का संग्रह - Hindi Diwas Par Anmol Vichar
दोस्तों आज का यह आर्टिकल हिंदी दिवस पर आधारित हैं. इस पोस्ट में आप पढ़ सकते हैं हिंदी दिवस पर अनमोल विचार व वचन को
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40+ हिंदी दिवस पर अनमोल विचार व वचन - Hindi Diwas Par Anmol Vichar |
14 सितम्बर को यह पर्व सभी शिक्षण संस्थानों, दफ्तरों तथा अन्य संस्थानों में हिंदी को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मनाया जाता हैं. जिसमे हिंदी से जुडी कई प्रकार की प्रतियोगिताओं का आयोजन किया भी जाता हैं. इस में निबन्ध, कविता, कहानियाँ, तथा हिंदी से जुड़े अन्य लेखो पर यह प्रतियोगिता आधारित होती हैं. इसमे सभी बच्चे अध्यापक तथा अन्य सभी लोग बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेते हैं.
हिंदी दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य हमारी मातृभाषा हिंदी को और अधिक बढ़ावा देने तथा इसे जन-जन तक पहुचाना क्युकि अंग्रेजी भाषा का चलन देश में तेजी के साथ बढ़ता चला जा रहा हैं और इसी कारण देश में हिंदी का चलन कम हो रहा हैं.
कही हमारी आने वाली पीढ़ी की जुबान से हिंदी विलुप्त ना हो जाए इसी लिए इस पर्व का आयोजन बड़े ही हर्ष पूर्वक मनाया जाता हैं. तथा इस हिंदी दिवस के पर्व पर कई तरह के प्रतियोगिताएं तथा कार्यक्रम का आयोजन भी किये जाते हैं सरकारी तथा गैर सरकारी संस्थाओं के द्वारा.
कही हमारी आने वाली पीढ़ी की जुबान से हिंदी विलुप्त ना हो जाए इसी लिए इस पर्व का आयोजन बड़े ही हर्ष पूर्वक मनाया जाता हैं. तथा इस हिंदी दिवस के पर्व पर कई तरह के प्रतियोगिताएं तथा कार्यक्रम का आयोजन भी किये जाते हैं सरकारी तथा गैर सरकारी संस्थाओं के द्वारा.
तो आईये इस पोस्ट में पढ़ते हैं हिंदी दिवस पर हमारे महापुरुषों द्वारा कहे गए अनमोल वचन और विचारो को जो हमें अपनी मातृभाषा हिंदी के प्रति गौरवनित महसूस कराएँगे. इस पोस्ट के अनमोल वचनों को पढ़ने से पहले आप सभी देशवासियों को हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं.
40+ हिंदी दिवस पर अनमोल विचार व वचन - Hindi Diwas Par Anmol Vichar
-1-
हिन्दी को राष्ट्रभाषा बनाना, भाषा का प्रश्न नहीं, अपितु देशाभिमान का प्रश्न है.
"एन. निजलिंगप्पा"
-2-
देश के सबसे बड़े भूभाग में बोली जानेवाली हिन्दी राष्ट्रभाषा, पद की अधिकारिणी है.
"सुभाषचन्द्र बोस"
-3-
हिन्दी भाषा और हिन्दी साहित्य को सर्वांगसुंदर बनाना हमारा कर्त्तव्य है.
"डॉ. राजेंद्रप्रसाद"
-4-
जिस देश को अपनी भाषा और साहित्य का गौरव का अनुभव नहीं है, वह उन्नत नहीं हो सकता.
"डॉ. राजेंद्रप्रसाद"
-5-
मेरा आग्रहपूर्वक कथन है कि अपनी सारी मानसिक शक्ति हिन्दी भाषा के अध्ययन में लगावें. हम यही समझे कि हमारे प्रथम धर्मों में से एक धर्म यह भी है.
"विनोबा भावे"
-6-
राष्ट्रभाषा के बिना राष्ट्र गूंगा है.
"महात्मा गांधी"
-7-
हिंदी का प्रश्न स्वराज्य का प्रश्न है.
"महात्मा गांधी"
-8-
हिन्दी एक बेहतर भाषा है, यह जितनी बढ़ेगी देश को उतना ही उन्नति के राह पर होगा.
"पं० जवाहरलाल नेहरू"
-9-
देश की किसी संपर्क भाषा की आवश्यकता होती है और वह (भारत में) केवल हिन्दी ही हो सकती है.
"इंदिरा गांधी"
-10-
हिन्दी पढ़ना और पढ़ाना हमारा कर्तव्य है। उसे हम सबको अपनाना है.
"लालबहादुर शास्त्री"
-11-
मैं दुनिया की सभी भाषाओं की इज्जत करता हूं पर मेरे देश में हिंदी की इज्जत न हो, यह मैं सह नहीं सकता.
"आचार्य विनोबा भावे"
-12-
जब तक इस देश का राजकाज अपनी भाषा (हिन्दी) में नहीं चलता तब तक हम यह नहीं कह सकते कि इस देश में स्वराज्य है.
"मोरारजी देसाई"
-13-
हिंदी हमारे राष्ट्र की अभिव्यक्ति का सरलतम स्त्रोता है.
"समित्रानंदन पंत"
-14-
हिंदी का प्रचार और विकास कोई रोक नहीं सकता.
"पंडित गोविंद बल्लभ पंत"
-15-
हिन्दी देश की एकता की कड़ी है.
"डॉ. जाकिर हुसैन"
-16-
हिन्दी के द्वारा सारे भारत को एक सूत्र में पिरोया जा सकता है.
"महर्षि स्वामी दयानन्द"
-17-
हिन्दी उन सभी गुणों से अलंकृत है, जिनके बल पर वह विश्व की साहित्यिक भाषा की अगली श्रेणी में समासीन हो सकती है.
"मैथिलीशरण गुप्त"
-18-
जीवन के छोटे से छोटे क्षेत्र में हिन्दी अपना दायित्व निभाने में समर्थ है.
"पुरुषोत्तमदास टंडन"
-19-
निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल.
"भारतेंदु हरिश्चंद्र"
-20-
भाषा के उत्थान में एक भाषा का होना आवश्यक है। इसलिए हिन्दी सबकी साझा भाषा है.
"पं. कृ. रंगनाथ पिल्लयार"
-21-
हिन्दी उर्दू के नाम को दूर कीजिए एक भाषा बनाइए। सबको इसके लिए तैयार कीजिए.
"देवी प्रसाद गुप्त"
-22-
हिन्दी की एक निश्चित धारा है, निश्चित संस्कार है.
"जैनेन्द्रकुमार"
-23-
हिन्दी सरलता, बोधगम्यता और शैली की दृष्टि से विश्व की भाषाओं में महानतम स्थान रखती है.
"डॉ. अमरनाथ झा"
-24-
राष्ट्रभाषा हिन्दी का किसी क्षेत्रीय भाषा से कोई संघर्ष नहीं है.
"अनंत गोपाल शेवड़े"
-25-
दक्षिण की हिन्दी विरोधी नीति वास्तव में दक्षिण की नहीं, बल्कि कुछ अंग्रेजी भक्तों की नीति है
"के.सी. सारंगमठ"
-26-
हिन्दी भारत की राष्ट्रभाषा है और यदि मुझसे भारत के लिए एकमात्र भाषा का नाम लेने की कहा जाए तो वह निश्चित रूप से हिन्दी ही है.
"कामराज"
-27-
हिन्दी का पौधा दक्षिणवालों ने त्याग से सींचा है।
"शंकरराव कप्पीकेरी"
-28-
हिन्दी को राष्ट्रभाषा बनाना भाषा का प्रश्न नहीं अपितु देशाभिमान का प्रश्न है.
"एन. निजलिंगप्पा"
-29-
हिन्दी ही भारत की राष्ट्रभाषा हो सकती है.
"वी. कृष्णस्वामी अय्यर"
-30-
हमारी नागरी लिपी दुनिया की सबसे वैज्ञानिक लिपी है.
"राहुल सांकृ्त्यायन"
-31-
हिन्दी हमारे देश और भाषा की प्रभावशाली विरासत है.
"माखनलाल चतुर्वेदी"
40+ हिंदी दिवस पर अनमोल विचार व वचन - Hindi Diwas Par Anmol Vichar
-32-
सभी भारतीय भाषाओं के लिए यदि कोई एक लिपी आवश्यक है तो वो देवनागरी ही हो सकती है.
"जस्टिस कृष्णस्वामी अय्यर"
-33-
हिन्दी संस्कृत की बेटियों में सबसे अच्छी और शिरोमणि है.
"ग्रियर्सन"
-34-
हिन्दी का काम देश का काम है, समूचे राष्ट्रनिर्माण का प्रश्न है.
"बाबूराम सक्सेना"
-35-
राष्ट्रभाषा के बिना आजादी बेकार है.
"अवनींद्रकुमार विद्यालंकार"
-36-
संस्कृत मां, हिन्दी गृहिणी और अंग्रेजी नौकरानी है.
"डॉ. फादर कामिल बुल्के"
-37-
मैं मानती हूं कि हिन्दी प्रचार से राष्ट्र का ऐक्य जितना बढ़ सकता है वैसा बहुत कम चीजों से बढ़ सकेगा.
"लीलावती मुंशी"
-38-
जो सम्मान, संस्कृति और अपनापन हिंदी बोलने से आता हैं, वह अंग्रेजी में दूर-दूर तक दिखाई नहीं देता हैं.
"अज्ञात"
-39-
हिंदी है हम और हिंदी हमारी पहचान हैं.
"अज्ञात"
-40-
राष्ट्रीय एकता की कड़ी हिन्दी ही जोड़ सकती है.
बालकृष्ण शर्मा "नवीन"
-41-
विदेशी भाषा का किसी स्वतंत्र राष्ट्र के राजकाज और शिक्षा की भाषा होना सांस्कृतिक दासता है.
"वॉल्टर चेनिंग"
-42-
हिन्दी को तुरंत शिक्षा का माध्यम बनाइए.
"बेरिस कल्येव"
-43-
संस्कृत की विरासत हिन्दी को तो जन्म से ही मिली है.
"राहुल सांकृत्यायन"
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