15 अगस्त शायरी-स्टेटस , 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस पर कविता और "15 अगस्त स्टेट्स" का यह पोस्ट Indian Independence Day पर आधारित हैं.

15 अगस्त शायरी - 15 अगस्त 2020 स्वतंत्रता दिवस पर कविता
जैसा की आप सभी देश वासी जानते है की हमारा भारत, अंग्रेजो के हाथों गुलाम था, और अंग्रेजी हुकुमत हमेशा हिन्दुस्तानियों पर अत्याचार करती रही.
और इस अत्याचार के खि़लाफ 10 मई 1857 मे सबसे पहली बार आज़ादी का बिगुल बजा.
इसी के साथ देश की आजादी को लेकर ज्वाला सुलग गई और यह ज्वाला धीरे धीरे ज्वालामुखी बन गई.
भारत माता की आजादी के लिए ना जाने कितने देश के महान सपूतों ने हॅसते हॅसते अपने प्राणों की आहुति दे डाली.
अंग्रेजों के खिलाफ ना जाने कितने आन्दोलन चलाये गये और एक दिन अंग्रेजी हुकुमत ने हार मान ली और भारत के महान सपूतो ने अपने देश को आजाद करा लिया अंग्रेजी हुकुमत के हाथों से.
15 अगस्त 1947 को अपना देश स्वतंत्र हो गया. और इस दिन भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु ने लालकिले पर राष्ट्रीय ध्वज फहरा कर स्वाधीनता का ऐलान किया.
और इसी के साथ हर वर्ष 15 अगस्त को देश की आजादी का जश्न मनाया जाता है पुरे भारतवर्ष में, बडे ही धूम धाम के साथ. जिसमे हर वर्ग हर धर्म के लोग शामिल होते हैं. और देश की स्वतंत्रता का यह पर्व मनाते है.
और इस दिन अपने देश के खातिर बलिदान हुए शहीदों को याद करते है जिन्होने अपने प्राणों की आहुति देकर देश को आजाद कराया.
तो आईये शुरुवात करते है आज की यह देश वासियों को समर्पित इस पोस्ट की और पढ़ते है. आजादी पर शायरी को और संकल्प लेते हैं स्वच्छ भारत, सुन्दर भारत, प्रदूषण मुक्त भारत बनाने का.
दोस्तों अगर "15 अगस्त शायरी" - 2020 स्वतंत्रता दिवस पर कविता का पोस्ट पसंद आये तो शेयर करना ना भूले अपने दोस्तों को Facebook और Whatsapp पर.. जय हिन्द, जय भारत. वन्देमातरम।
15 अगस्त शायरी - स्टेटस - 15 अगस्त 2020 स्वतंत्रता दिवस
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15 अगस्त 2019 स्वतंत्रता दिवस पर कविता. |
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भूल न जाना भारत मां के सपूतों का बलिदान,
इस दिन के लिए हुए थे जो हंसकर कुरबान,
आजादी की ये खुशियां मनाकर लो ये शपथ,
कि बनाएंगे देश भारत को और भी महान
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दे सलामी इस तिरंगे को, जिस से शान तेरी
सर हमेशा ऊँचा इसका रखना,
जब तक जिस्म में जान तेरी .
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मैं भारत बरस का हरदम अमित सम्मान करता हूँ
यहाँ की चांदनी मिट्टी का ही गुणगान करता हूँ,
मुझे चिंता नहीं है स्वर्ग जाकर मोक्ष पाने की,
तिरंगा हो कफ़न मेरा, बस यही अरमान रखता हूँ.
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ना हिन्दू बन कर देखो,
ना मुस्लिम बन कर देखों,
बेटों की इस लड़ाई में.
दुःख भरी भारत माँ को देखो..
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संस्कार और संस्कृति की शान मिले ऐसे,
हिन्दू मुस्लिम और हिंदुस्तान मिले ऐसे,
हम मिलजुल के रहे ऐसे की.
मंदिर में अल्लाह और मस्जिद में राम मिले जैसे.
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15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस पर कविता |
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हक़ मिलता नहीं लिया जाता है,
आज़ादी मिलती नहीं चीनी जाती है,
नमन उन् देश प्रेमियों को,
जो देश की आज़ादी के लिए जाने जाते हैं.
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आइए हम इस स्वतंत्रता दिवस पर प्रतिज्ञा करें कि
जीवन के आखिरी साँस तक देश के हित में काम करेंगे।
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यदि आप स्वतंत्रता के साथ रहना चाहते हैं,
तो अपने देश से प्यार करें.
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देश के प्रति अपने कर्तव्यों के प्रति वफादार रहें..
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देश को सशक्त बनाने के लिए महिलाओं को सशक्त बनाना..
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15 अगस्त शायरी |
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स्वच्छ भारत, विकसित भारत आओ मिल कर बनाये
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चलो स्वतंत्रता दिवस पर हमारे वास्तविक नायकों को
सलाम करते हैं. "जय हिन्द"
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आओ एक साथ मिलकर स्वतंत्रता दिवस का जश्न मनाये।
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राष्ट्रगान हम गाएंगे, तिरंगा लहरायेंगे,
हिन्दू मुस्लिम सिक्ख ईसाई मिल
मिलकर स्वतंत्रता दिवस मनाएंगे।
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दे सलामी इस तिरंगे को जिस से तेरी शान हैं,
सर हमेशा ऊँचा रखना इसका,
जब तक दिल में जान हैं..
2019 73वीं 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस पर कविता
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मैं भारत वर्ष का हरदम सम्मान करता हूँ,
यहाँ की सोने जैसी मिट्टी का सदैव गुणगान करता हूँ,
मुझे फ़िक्र नहीं हैं मरने की,
बस तिरंगा हो कफ़न मेरा, यही अरमान रखता हूँ.
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संस्कार और संस्कृति की शान मिले ऐसे,
हिन्दू मुस्लिम और हिंदुस्तान मिले ऐसे,
हम मिलजुल कर रहे ऐसे कि
मंदिर में अल्लाह और मस्जिद में राम मिले जैसे
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ये बात हवाओं को बताये रखना
रौशनी होगी बस चिरागों को जलाये रखना,
लहू देकर जिसकी हिफाज़त हमने की,
ऐसे तिरंगे को सदा दिल में बसाये रखना।
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मेरे मुल्क की हिफाज़त ही मेरा फ़र्ज है
और मेरा मुल्क ही मेरी जान है ,
इस पर कुर्बान है मेरा सब कुछ ,
नही इससे बढ़कर मुझको अपनी जान है.
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गूंज रहा है दुनिया में भारत का नगाड़ा
चमक रहा आसमा में देश का सितारा
आजादी के दिन आओ मिलके करें दुआ
कि बुलंदी पर लहराता रहे तिरंगा हमारा।।
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15 अगस्त शायरी - 73वीं 15 अगस्त 2019 स्वतंत्रता दिवस पर कविता |
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ज़माने भर में मिलते हे आशिक कई
मगर वतन से खूबसूरत कोई सनम नहीं होता
नोटों में भी लिपट कर, सोने में सिमटकर मरे हे कई
मगर तिरंगे से खूबसूरत कोई कफ़न नहीं होता।
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हम आजाद हैं, ये आजादी कभी छिनने नहीं देंगे
तिरंगे की शान को हम कभी मिटने नहीं देंगे
कोई आंख भी उठाएगा जो हिंदुस्तान की तरफ
उन आंखों को फिर दुनिया देखने नहीं देंगे
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मुकम्मल है इबादत और मैं वतन ईमान रखता हूँ,
वतन के शान की खातिर हथेली पे जान रखता हूँ.
क्यु पढ़ते हो मेरी आँखों में नक्शा पाकिस्तान का,
मुस्लमान हूँ मैं सच्चा, दिल में हिंदुस्तान रखता हूँ ..
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संस्कार और संस्कृति की शान मिले ऐसे,
हिन्दू मुस्लिम और हिंदुस्तान मिले ऐसे
हम मिलजुल के रहे ऐसे की
मंदिर में अल्लाह और मस्जिद में राम मिले जैसे.
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आबरू वतन की आज यूं बचा के लाये है
फ़ौज अपनी यूं लड़ी की दुश्मन को हरा के आये है
दुश्मन के काफिलों को हम आग में जला के आये है
सपूत-ऐ-हिन्द बन के दुश्मन को राख में मिला के आये है.
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"स्वतंत्रता दिवस पर कविता" |
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15 अगस्त शायरी
15 अगस्त शायरी - 15 अगस्त 2020 स्वतंत्रता दिवस पर कविता के इस पोस्ट में डाली गयी सभी प्रचलित शायरियों का यह संग्रह अलग अलग सोशल मिडिया पर लिया गया हैं.
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आओ मिलकर पतंग उड़ायें, हो जायें सब मस्त, भेद भाव ना कोई रखें आ गयी 15 अगस्त. रंग बिरंगी नीली पीली पतंगे हैं लहराती, काली काली घटायें भी अब सब इसमें छिप जाती हैं, हरे भगवे रंग से रंगा अंबर लगे प्यारा, हमें गर्व भारत पे जो देश है हमारा. चूमो मिट्टी को जिसमें यमुना, सरस्वती और है गंगा, झूमो नाचो ख़ुशी मनाओ आई 15 अगस्त यूँ ही लहराता रहे हमारा तिरंगा.
आओ मिलकर पतंग उड़ायें, हो जायें सब मस्त, भेद भाव ना कोई रखें आ गयी 15 अगस्त. रंग बिरंगी नीली पीली पतंगे हैं लहराती, काली काली घटायें भी अब सब इसमें छिप जाती हैं, हरे भगवे रंग से रंगा अंबर लगे प्यारा, हमें गर्व भारत पे जो देश है हमारा. चूमो मिट्टी को जिसमें यमुना, सरस्वती और है गंगा, झूमो नाचो ख़ुशी मनाओ आई 15 अगस्त यूँ ही लहराता रहे हमारा तिरंगा.