मन्ना डे की जीवनी - Manna Dey Biography In Hindi
दोस्तों आज के आर्टिकल (Biography) में जानते हैं, सुरों के राजा 1940 के दशक में अपने पहले सुरीले सफ़र निकले “मन्ना डे का जीवन परिचय” ( Manna Dey Biography In Hindi) के बारे में.
एक झलक मन्ना डे की जीवनी पर :
मन्ना डे का जन्म कोलकाता में 1 मई 1920 को हुआ. इनका पूरा नाम प्रबोध चन्द्र डे था. इनके पिता जी का नाम पूरन चन्द्र डे था और माता जी का नाम महामाया था.
शिक्षा:
उन्होंने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा इन्दु बाबुर पाठशाला से पूरी की इसके बाद स्कॉटिश चर्च कॉलेज में दाखिला लिया और यही से अपनी पढाई की पढाई के दौरान उन्हें कुश्ती और मुक्केबाजी का भी शौख रहा और कुश्ती और मुक्केबाजी से जुडी प्रतियोगिता में हमेशा भाग लेते थे. और साथ ही Manna Dey जी का मन पसंद खेल फुटबॉल था. उन्होंने स्नातक की शिक्षा कोलकाता के 'विद्यासागर कॉलेज' से पूरी की,
उन्हें पढाई के दौरान ही गायकी में भी काफी रूचि थी और अपने दोस्तों को अपना गाना सुनाया करते थे. गायन-प्रतियोगिताओं में भी भाग लिया करते थे और हमेशा प्रथम स्थान आते थे और इसी तरह उनकी गायकी की प्रतिभा लोगो के सामने आई.
वकील बने या गायक?:
मन्ना डे के पिता की इच्छा थी की अपने बेटे को एक वकील बनाये. लेकिन उन्हें शुरू से संगीत का शौख रहा और उन्हें समझ में नहीं आ रहा था कि एक सफल वकील बनू या गायक? आखिर अपना कैरियर किस क्षेत्र में बनाऊ?
गायन क्षेत्र में:
लेकिन ज्यदा समय ना सोच में बिताते हुए आखिरकार उन्होंने निर्णय ले ही लिया अपने चाचा कृष्ण चन्द्र डे से प्रभावित होकर. कि अब गायकी क्षेत्र ही अपनाना हैं. .
गायकी की शिक्षा:
गायकी की प्रारम्भिक शिक्षा अपने चाचा से लेना शुरू कर कर दी और फिर उस्ताद अब्दुल रहमान ख़ान और उस्ताद अमन अली ख़ान से Manna Dey ने शास्त्रीय संगीत की बारीकी सीखी.
गायकी का सफ़र:
1940 के दशक में अपने पहले सुरीले सफ़र की तरफ निकले मन्ना डे जी अपने चाचा के साथ मुंबई अपने सुनहरे सपनों को साकार करने.
पहला गाना:
मन्ना डे ने अपना पहला गाना 1943 में फ़िल्म "तमन्ना" में गया जिसे संगीत से सजाया था कॄष्णचंद्र डे ने और इस गाने में साथ थी सुरैया जी. और इसी के साथ उनका फिल्मों में आना हुआ. लेकिन शुरूआती दौर में इन्होने फ़िल्म 'रामराज्य' में कोरस किया था.
फ़िल्म "तमन्ना" के बाद 1950 में आई फिल्म "मशाल" एकल गीत गया जिसके बोल थे "ऊपर गगन विशाल" जिसे संगीत से सजाया था एस.डी. बर्मन ने,
सम्मान और पुरस्कार:
# = 1969 में आई फिल्म "मेरे हज़ूर" और 1971 में आई बांग्ला फ़िल्म "निशि पद्मा" के लिए सर्वश्रेष्ठ गायक का राष्ट्रीय पुरस्कार उन्हें मिला.
# = फ़िल्मों के सर्वोच्च सम्मान दादा साहब फाल्के पुरस्कार .
# = पद्म भूषण सम्मान
# = पद्मश्री सम्मान
# = साथ ही मध्यप्रदेश, केरल, महाराष्ट्र, उड़ीसा और बांग्लादेश की सरकारों ने भी विभिन्न पुरस्कारों से नवाजा.
Manna Dey 1 May Birthday Special
एक झलक मन्ना डे की जीवनी पर :
मन्ना डे का जन्म कोलकाता में 1 मई 1920 को हुआ. इनका पूरा नाम प्रबोध चन्द्र डे था. इनके पिता जी का नाम पूरन चन्द्र डे था और माता जी का नाम महामाया था.
शिक्षा:
उन्होंने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा इन्दु बाबुर पाठशाला से पूरी की इसके बाद स्कॉटिश चर्च कॉलेज में दाखिला लिया और यही से अपनी पढाई की पढाई के दौरान उन्हें कुश्ती और मुक्केबाजी का भी शौख रहा और कुश्ती और मुक्केबाजी से जुडी प्रतियोगिता में हमेशा भाग लेते थे. और साथ ही Manna Dey जी का मन पसंद खेल फुटबॉल था. उन्होंने स्नातक की शिक्षा कोलकाता के 'विद्यासागर कॉलेज' से पूरी की,
उन्हें पढाई के दौरान ही गायकी में भी काफी रूचि थी और अपने दोस्तों को अपना गाना सुनाया करते थे. गायन-प्रतियोगिताओं में भी भाग लिया करते थे और हमेशा प्रथम स्थान आते थे और इसी तरह उनकी गायकी की प्रतिभा लोगो के सामने आई.
वकील बने या गायक?:
मन्ना डे के पिता की इच्छा थी की अपने बेटे को एक वकील बनाये. लेकिन उन्हें शुरू से संगीत का शौख रहा और उन्हें समझ में नहीं आ रहा था कि एक सफल वकील बनू या गायक? आखिर अपना कैरियर किस क्षेत्र में बनाऊ?
गायन क्षेत्र में:
लेकिन ज्यदा समय ना सोच में बिताते हुए आखिरकार उन्होंने निर्णय ले ही लिया अपने चाचा कृष्ण चन्द्र डे से प्रभावित होकर. कि अब गायकी क्षेत्र ही अपनाना हैं. .
गायकी की शिक्षा:
गायकी की प्रारम्भिक शिक्षा अपने चाचा से लेना शुरू कर कर दी और फिर उस्ताद अब्दुल रहमान ख़ान और उस्ताद अमन अली ख़ान से Manna Dey ने शास्त्रीय संगीत की बारीकी सीखी.
गायकी का सफ़र:
1940 के दशक में अपने पहले सुरीले सफ़र की तरफ निकले मन्ना डे जी अपने चाचा के साथ मुंबई अपने सुनहरे सपनों को साकार करने.
पहला गाना:
मन्ना डे ने अपना पहला गाना 1943 में फ़िल्म "तमन्ना" में गया जिसे संगीत से सजाया था कॄष्णचंद्र डे ने और इस गाने में साथ थी सुरैया जी. और इसी के साथ उनका फिल्मों में आना हुआ. लेकिन शुरूआती दौर में इन्होने फ़िल्म 'रामराज्य' में कोरस किया था.
फिर मन्ना डे साहब ने सन 1952 में बंगाली और मराठी फ़िल्म में भी गाना गाया और ए दोनों फिल्म एक कहानी पर आधारित थी. और इसी के साथ उन्होंने पार्श्वगायन में अपने आप को फ़िल्मी दुनिया में स्थापित कर कर लिया लोगो ने उनकी गायकी को बहुत सराहा.
विवाह:
मन्ना डे का विवाह 18 दिसम्बर 1953 में सुलोचना कुमारन से हुयी जो केरल की थी. और उन्हें दो पुत्रियाँ हुयी पहली पुत्री शुरोमा जिनका जन्म 19 अक्टूबर 1956 को हुआ और दूसरी सुमिता जिनका जन्म 20 जून 1958 को हुआ. और फिर एक दिन कैंसर से पीड़ित सुलोचना कुमारन का निधन बंगलोर में 18 जनवरी 2012 हो गया.
गायकी की प्रतिभा:विवाह:
मन्ना डे का विवाह 18 दिसम्बर 1953 में सुलोचना कुमारन से हुयी जो केरल की थी. और उन्हें दो पुत्रियाँ हुयी पहली पुत्री शुरोमा जिनका जन्म 19 अक्टूबर 1956 को हुआ और दूसरी सुमिता जिनका जन्म 20 जून 1958 को हुआ. और फिर एक दिन कैंसर से पीड़ित सुलोचना कुमारन का निधन बंगलोर में 18 जनवरी 2012 हो गया.
मन्ना दा की गायकी की प्रतिभा को सबसे पहले संगीतकार शंकर जयकिशन जी ने पहचाना और इस संगीतर जोड़ी ने मन्ना डे से अलग-अलग शैली में गीत गवाए सबसे पहले बरसात के लिए बनायीं धुन "आजा सनम मधुर चांदनी में हम" गवाया. शास्त्रीय राग पर आधारित गीत को भी गवाए.
मधुशाला:
हरिवंश राय बच्चन जी द्वारा लिखी गयी "मधुशाला" को भी Manna Dey जी ने अपनी आवाज़ दी थी. जो काफी प्रसिद्ध हुई.
- इन्हें भी पढ़े:
- राजेश खन्ना की जीवनी
- विनोद खन्ना की जीवनी
- अमरीश पुरी की जीवनी
प्रसिद्ध गीत:
Manna Dey जी ने हिंदी के साथ साथ बांग्ला और मराठी में भी गाने को गया. इनकी आखिरी फिल्म रही "प्रहार" जिसमे उन्होंने गीत गया.
- ये रात भीगी-भीगी (श्री 420)
- प्यार हुआ इकरार हुआ (श्री 420)
- कस्मे वादे प्यार वफा सब (उपकार)
- लागा चुनरी में दाग़ (दिल ही तो है)
- ज़िंदगी कैसी है पहली हाय (आनंद)
- ऐ मेरी जोहरां जबी (वक़्त)
- ऐ मेरे प्यारे वतन (काबुलीवाला)
- पूछो न कैसे मैंने रैन बिताई (मेरी सूरत तेरी आँखें)
- यारी है ईमान मेरा यार मेरी ज़िंदगी (ज़ंजीर)
- इक चतुर नार करके सिंगार (पड़ोसन)
- तू प्यार का सागर है (सीमा)
मन्ना दा ने अपने गायन के पांच दशकों के कैरियर में करीब 3500 गानों को गाया. और संगीत की दुनिया में अपना विशेष योगदान दिया.
# = 1969 में आई फिल्म "मेरे हज़ूर" और 1971 में आई बांग्ला फ़िल्म "निशि पद्मा" के लिए सर्वश्रेष्ठ गायक का राष्ट्रीय पुरस्कार उन्हें मिला.
# = फ़िल्मों के सर्वोच्च सम्मान दादा साहब फाल्के पुरस्कार .
# = पद्म भूषण सम्मान
# = पद्मश्री सम्मान
# = साथ ही मध्यप्रदेश, केरल, महाराष्ट्र, उड़ीसा और बांग्लादेश की सरकारों ने भी विभिन्न पुरस्कारों से नवाजा.
आखिरी सफ़र:
मन्ना डे जी सांस संबंधी अपनी लम्बी बीमारी से पीड़ित थे. तब उन्हें बंगलोर में स्थित अस्पताल नारायण हृदयालय में भर्ती कराया गया और वही 24 अक्टूबर 2013 को सुबह तड़के 3:50 मिनट पर निधन हो गया और वो सदा सदा के लिए हम सब से दूर चले गए.
दोस्तों अगर मन्ना डे की जीवनी - Manna Dey Biography In Hindi के इस लेख को लिखने में मुझ से कोई त्रुटी हुयी हो तो छमा कीजियेगा और इसके सुधार के लिए हमारा सहयोग कीजियेगा. आशा करता हु कि आप सभी को यह लेख पसंद आया होगा.
धन्यवाद आप सभी मित्रों का जो आपने अपना कीमती समय इस Wahh Blog को दिया.