31 + बेहतरीन खेल पर शायरी - Khel Shayari In Hindi
आज के इस आर्टिकल की शुरुआत करने से पहले एक लाइन खास आप सभी के लिए "शतरंज मे वज़ीर और ज़िंदगी मे ज़मीर, अगर मर जाए तो खेल ख़त्म समझिए".
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31 + बेहतरीन खेल पर शायरी - Khel Shayari In Hindi |
दोस्तों शुरुआत करते हैं "Khel Par Shayari" के इस आर्टिकल की जोकि "शब्दों के जाल" से लिया गया हैं. जहा आप पा सकते हैं अपने मन पसंद शब्द खेल पर शायरी का विशाल संग्रह.
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शतरंज मे वज़ीरऔर ज़िंदगी मे ज़मीर, अगर मर जाए तो खेल ख़त्म समझिए. |
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बुरा न मान अगर यार कुछ बुरा कह दे, दिलों के खेल में ख़ुद्दारियाँ नहीं चलतीं. |
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ना हारना जरूरी है, ना जीतना जरूरी है, जीवन एक खेल है, खेलना जरूरी है. |
- इन्हें भी पढ़े:
- बचपन पर शायरी
- बात पर शायरी
- चुप पर शायरी
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लगता है माँ बाप ने बचपन में खिलौने नहीं दिए, तभी तो पगली हमारे दिल से खेल गयी. |
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खेल और इश्क़ दोनों मुख़्तलिफ़ सी बातें हैं, एक में तुम माहिर, एक में मैं माहिर. |
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जब तक है डोर हाथ में तब तक का खेल है, देखी तो होंगी तुम ने पतंगें कटी हुई. |
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ना मेरा दिल बुरा था ना उसमे कोई बुराई थी, सब मुक़द्दर का खेल है बस किस्मत में जुदाई थी. |
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शायरी भी एक खेल है शतरंज का जिसमे लफ़्ज़ों के मोहरे मात दिया करते है एहसासों को. |
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इक रोज़ खेल खेल में हम उस के हो गए, और फिर तमाम उम्र किसी के नहीं हुए . |
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वो क्या है ना कि, ज़िन्दगी हमसे खेलती रही और हम अल्फाज़ो से. |
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तकदीर के खेल से नाराज नहीं होते, जिंदगी में कभी उदास नहीं होते. हाथों किं लक़ीरों पे यक़ीन मत करना, तकदीर तो उनकी भी होती हैं, जिन के हाथ ही नहीं होते. |
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अजीब खेल है ये मोहब्बत का... किसी को हम न मिले, कोई हमें ना मिला. |
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चलो आज फिर मिटटी से खेलते है दोस्तों, हमारी उम्र ही क्या थी जो दिलो से खेल बैठे. |
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निकल आते है आँसू गर जरा सी चूक हो जाये, किसी आँख में काजल लगाना खेल थोड़ी है. |
- इन्हें भी पढ़े:
- चूड़ी / चूड़ियाँ पर शायरी
- दुआ पर शायरी
- आज पर शायरी
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इश्क ज़िस्मानी खेल बन के रह गया, पनघट किनारे इंतजार के ज़माने चले गये. |
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चलो के आज बचपन का कोई खेल खेलें, बडी मुद्दत हुई बेवजाह हँसकर नही देखा. |
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बात वफाओं की होती तो कभी न हटते हम, खेल नसीब का था.. उसे किस तरह तब्दील करते. |
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प्यार वो खेल है जिसमें खेलने वाले दोनों ही जीतते है. |
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तक़दीर का ही खेल है सब, पर ख़्वाहिशें है की समझती ही नहीं. |
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कैसी कैसी रीत चली और कैसे कैसे मेल, तब खेल खेल में प्यार हुआ अब प्यार हो गया खेल. |
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वक़्त के खेल में, हम खिलाड़ी भी थे और खिलौना भी, |
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वाह रे नसीब तूने भी क्या खेल खेला है मुहब्बत बाँटने वाला भी आज अकेला है. |
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जिंदगी का खेल शतरंज से भी मज़ेदार निकला मैं हारा भी तो अपनों से ही. |
31 + बेहतरीन खेल पर शायरी - Khel Shayari In Hindi
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ज़िन्दगी को इतना सस्ता भी मत बनाओ दोस्तों, के दो कौड़ी के लोग खेल कर चले जाये. |
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मौत से क्या डर मिनटों का खेल है, आफत तो ज़िन्दगी है जो बरसो चला करती है . |
- इन्हें भी पढ़े:
- अदा पर शायरी
- अजनबी पर शायरी
- बचपन पर शायरी
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इश्क वो खेल नहीं जो छोटे दिल वाले खेलें रूह तक काँप जाती है सदमे सहते-सहते. |
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चंद साँसों का खेल बाकी है, और फिर आप रोने वाले हैं. |
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खेल में जीत जाते हैं बेखबर हमसे, किसी दिन जिंदगी में जीतो तो बात हो. |
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जब देश में थी दिवाली, वो झेल रहे थे गोली, जब हम बैठे थे घरों में, वो खेल रहे थे होली, क्या लोग थे वो अभिमानी है धन्य वो उनकी जवानी. |
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अभी तो राख ही हुए है तेरे इश्क में, मेरे बिखरने का खेल तो अभी बाकी है. |
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बात वफाओं की होती तो कभी न हारते हम, खेल नसीबों का था, तो खो दिया उसको. |