Type Here to Get Search Results !

65+ कुमार विश्वास शायरी इन हिंदी - 65+ Famous Shayari of Dr. Kumar Vishwas

35+ Famous Shayari of Dr. Kumar Vishwas - 35+ कुमार विश्वास शायरी इन हिंदी  में पढ़ते हैं  डॉ कुमार विश्वास की शायरी, Kumar Vishwas Shayari, Kumar Vishwas Latest Shayari.

दोस्तों आज की पोस्ट में भारतीय हिन्दी कवि, वक्ता और सामाजिक-राजनैतिक कार्यकर्ता और युवाओं के अत्यन्त प्रिय कवि कुमार विश्वास की शायरियां और कविताओं की चुनिन्दा लाइनों को संग्रह किया हैं. जो आपके दिल में अपनी एक अलग ही जगह बनाएगा, जिसे बार बार गुनगुनाने का दिल करेगा.

सबसे पहले जानते हैं इस पोस्ट में वसन्त पंचमी को जन्मे कुमार विश्वास से जुडी कुछ बाते

कुमार विश्वास का जन्म उत्तर प्रदेश के ग़ाज़ियाबाद के पिलखुआ में 10 फरवरी (वसन्त पंचमी), 1970 में हुआ. इनके पिता जी का नाम डॉ॰ चन्द्रपाल शर्मा और इनकी माता जी का नाम श्रीमती रमा शर्मा हैं. कुमार विश्वास चार भाईयों और एक बहन में सबसे छोटे हैं। और कुमार विश्वास की पत्नी का नाम मंजू शर्मा है।

कुमार विश्वास ने ने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा पिलखुआ में स्थित लाला गंगा सहाय विद्यालय से प्राप्त की। और उसके बाद राजपूताना रेजिमेंट इंटर कॉलेज से बारहवीं उत्तीर्ण किया, बताना चाहता हूँ कि उनके पिता जी उन्हें इंजीनियर बनाना चाहते थे लेकिन कुमार विश्वास जी का दिल  इंजीनियर की पढाई में नहीं लगा और उन्होंने ने बीच में ही पढाई छोड़ दिया और अपने मन की सुनी.

इसी के साथ उन्होंने ने साहित्य के क्षेत्र में आगे बढ़ने के संकल्प लिया और हिन्दी साहित्य में स्नातकोत्तर किया, जिसमे उन्होंने स्वर्ण-पदक प्राप्त किया। "कौरवी लोकगीतों में लोकचेतना" विषय पर पीएचडी किया। इस शोध-कार्य को 2001 में पुरस्कृत भी किया गया।

करियर :-

इन्होने अपना करियर राजस्थान में प्रवक्ता के रूप में 1994 में शुरू किया। और इसी के बाद चमकते सितारे की तरह खुले आसमान में चमकने लगे और इनके चाहने वालों की संख्या लगातार बढ़ने लगी इन्होने हजारो कवि-सम्मेलनों में कविता पाठ किया। 

अभिनय:-

अभिनय के क्षेत्र में भी इन्हें देखा सकता हैं उन्होंने आदित्य दत्त की फ़िल्म 'चाय-गरम' में अभिनय भी किया है। हमारे बीच नहीं रहे महान कवियों को श्रद्धांजलि देने हेतु तर्पण' नामक टीवी कार्यक्रम भी बनाया जिसमे पुराने कवियों की कविताओं को अपना स्वर दिया है।

पुरस्कार:-

  • डॉ॰ कुंवर बेचैन काव्य-सम्मान एवम पुरस्कार समिति द्वारा 1994 में "काव्य-कुमार पुरस्कार"
  • साहित्य भारती, उन्नाव द्वारा 2004 में 'डॉ॰ सुमन अलंकरण'
  • हिन्दी-उर्दू अवार्ड अकादमी द्वारा 2006 में "साहित्य-श्री"
  • डॉ॰ उर्मिलेश जन चेतना मंच द्वारा 2010 में "डॉ॰ उर्मिलेश गीत-श्री" सम्मान

तो दोस्तों आपने जाना हमारे सबसे लोकप्रिय कवी डॉ विश्वास के जीवन से जुडी कुछ बाते और इसी के साथ अब शुरुआत करते हैं आज की "Famous Kumar Vishwas Poetry, Shayari" के पोस्ट की और गुनगुनाते हैं डा0 कुमार विश्वास की शायरियां और कविताओं की चंद लाइनों को

35-Famous-Shayari-of-Dr-Kumar-Vishwas

कुमार विश्वास शायरी - 35+ Famous Shayari of Dr. Kumar Vishwas 

तो देर कैसी आईये पढ़ते है कुमार विश्वास के द्वारा लिखी गई शायरियों कों और अपनी मनपंसद शायरी को अपने दोस्तों और चाहने वालों को शेयर करते हैं Facebook और Whatsapp पर तो शायरी की शुरुआत करने से पहले गुनगुनाते है कुमार विश्वास की सबसे प्रसिद्ध रचना को जो प्यार के रंगों से आपको सराबोर कर देगा.

कोई दीवाना कहता है, कोई पागल समझता है,मगर धरती की बेचैनी को बस बादल समझता है.मैं तुझसे दूर कैसा हूँ , तू मुझसे दूर कैसी है,ये तेरा दिल समझता है या मेरा दिल समझता है.

kumar vishwas koi deewana kahata hain
1- Panahon Main Jo Aaya Ho, Us Par War Kya Karna Jo Dil Hara Hua Ho,    Us Par Adhikar Kya Karna..  Mohabbt Ka Maza To Dubne Ki Kashmkash Main Hain Jo Ho Malum Gahraayi, To Dariya Paar Kya Karna.  
"पनाहों में जो आया हो, उस पर वार क्या करना जो दिल हारा हुआ हो, उस पे फिर से अधिकार क्या करना मोहब्बत का मज़ा तो, डूबने की कशमकश में है. जो हो मालूम गहरायी, तो दरिया पार क्या करना."  
kumar vishwas poetry in hindi
2- Mere jeene marne main, Tumhara naam aayega. Main saans rok lu phir bhi, Yahi ilzaam aayegaa. Har ek dhdkan main jab tum ho, To phir apradh kya mera. Agar Radha pukarengi, To Ghanshyam aayega.  
"मेरे जीने मरने में, तुम्हारा नाम आएगा. मैं सांस रोक लू फिर भी, यही इलज़ाम आएगा. हर एक धड़कन में जब तुम हो,  तो फिर अपराध क्या मेरा, अगर राधा पुकारेंगी,  तो घनश्याम आएगा.  "  
dr kumar vishwas poetry
3- Kahi par jag liye tum bin, kahi par so liye tum bin Bhari mahfil main bhi aksar, Akele ho liye tum bin Ye pichle chand varshon ki, kamai saath hain apne.. Kabhi to hans liye tum bin, Kabhi to ro liye tum bin.  
"कहीं पर जग लिए तुम बिन,  कहीं पर सो लिए तुम बिन. भरी महफिल में भी अक्सर,  अकेले हो लिए तुम बिन  ये पिछले चंद वर्षों की कमाई साथ है अपने कभी तो हंस लिए तुम बिन, कभी तो रो लिए तुम बिन."  
कुमार विश्वास शायरी इन हिंदी
4- Girebaan chaak karna kya hain, Seena aur mushkil hain Har ek pal muskura ke,  Ashq peena aur mushkil hain Humari badnaseebee ne, Hume itna shikhaya hain Kisi ke ishq main marne se, Jeena aur mushkil hain.  
"गिरेबां चाक करना क्या है, सीना और मुश्किल है. हर एक पल मुस्कुरा के,  अश्क पीना और मुश्किल है. हमारी बदनसीबी ने, हमें इतना सीखाया है. किसी के इश्क में मरने से,  जीना और मुश्किल है."  
इन्हें भी आप पढ़े:- मशहूर शायर डॉ॰ बशीर बद्र चुनिन्दा शायरी
5- Yah chadar sukh ki mola kyu, Sada choti banata hain. Seera koi bhi thamo, Dusra khud chut jaata hain. Tumhare saath tha to main, zamaane bhar main ruswa tha. Magar ab tum nahi ho to, Zamana sath gata hain.   
" यह चादर सुख की मोल क्यू, सदा छोटी बनाता है. सीरा कोई भी थामो, दूसरा खुद छुट जाता है.  तुम्हारे साथ था तो मैं, जमाने भर में रुसवा था. मगर अब तुम नहीं हो तो, ज़माना साथ गाता है. "  
6- Koi kab tak mahaz soche, Koi kab tak mahaz gaaye. Llaahi kya ye mumkin hai ki, Kuchh aesa bhi ho jaaye. Mera mehtaab uski raat ke, Aagosh mein pighale. Main uski neend mein jaagun, Wo mujhme ghul ke so jaaye.  
"कोई कब तक महज सोचे, कोई कब तक महज गाए. ईलाही क्या ये मुमकिन है कि कुछ ऐसा भी हो जाऐ. मेरा मेहताब उसकी रात के आगोश मे पिघले मैँ उसकी नीँद मेँ जागूँ वो मुझमे घुल के सो जाऐ."  

7- Tujh ko gurur-e-husn hai  Mujh ko surur-e-fan hai. Dono.n ko khud pasandgi ki Lat buri bhii hai. Tujh mein chhupa ke khud ko  Main rakh doon magar mujhe. Kuchh rakh ke bhUl jaane ki  Aadat buri bhi hai.  
"तुझ को गुरुर ए हुस्न है मुझ को सुरूर ए फ़न. दोनों को खुद पसंदगी की लत बुरी भी है. तुझ में छुपा के खुद को  मैं रख दूँ मग़र मुझे. कुछ रख के भूल जाने की  आदत बुरी भी है."  
कुमार विश्वास शायरी इन हिंदी
8- Har ik khone mein har ik paane mein Teri yaad aati hai, Namak aankho.n mein ghul jaane mein Teri yaad aati hai. Teri amrat bhari laharon ko  Kya maaloom Gangan Maa, Samndar paar viraane mein Teri yaad aati hai.   
"हर इक खोने में हर इक पाने में  तेरी याद आती है नमक आँखों में घुल जाने में तेरी याद आती है. तेरी अमृत भरी लहरों को क्या मालूम गंगा माँ समंदर पार वीराने में तेरी याद आती है.  "  
9- Wo jo khud mein se kam nikalten hain Unke zahnon mein bam nikalte hain Aap mein kaun kaun rahta hai? Hum mein to sirf hum nikalte hain.  
"वो जो खुद में से कम निकलतें हैं, उनके ज़हनों में बम निकलतें हैं. आप में कौन-कौन रहता है ? हम में तो सिर्फ हम निकलते हैं."  
इन्हें भी आप पढ़े:- 105+ Gulzar Quotes - Gulzar Shayari
10- Ghar se nikala hun to nikala hai ghar bhi sath mere Dekhna ye hai ki manzil pe kaun pahunchega ? Meri kashti mein bhawar bandh ke duniya khush hai Duniya dekhegi ki sahil pe kaun pahunchega.  
"घर से निकला हूँ तो निकला है घर भी साथ मेरे देखना ये है कि मंज़िल पे कौन पहुँचेगा ? मेरी कश्ती में भँवर बाँध के दुनिया ख़ुश है दुनिया देखेगी कि साहिल पे कौन पहुँचेगा."  
Famous Kumar Vishwas Poetry, Shayari
11- Sakhiyon santg rangne ki dhamki sunkar kya  Dar jaaunga? Teri gali mein kya hoga ye maaloom hai par aaunga, Bhig rahi hai kaaya saari khajuraahon ki murat si, Is darshan ka aur pradarshan mat karna, Mar Jaaunga.  
"सखियों संग रंगने की धमकी सुनकर क्या डर जाऊँगा? तेरी गली में क्या होगा ये मालूम है पर आऊँगा, भींग रही है काया सारी खजुराहो की मूरत सी, इस दर्शन का और प्रदर्शन मत करना, मर जाऊँगा."  
kumar vishwas poem in hindi
12- Ummidon ka phata paiharan, Roz-roz silna padata hai, Tum se mile ki koshish mein, Kis kis se milna padta hai.  
"उम्मीदों का फटा पैरहन, रोज़-रोज़ सिलना पड़ता है, तुम से मिलने की कोशिश में, किस-किस से मिलना पड़ता है."  
kumar vishwas kavita

13 –  
" कोई खामोश है इतना, बहाने भूल आया हूँ किसी की इक तरनुम में, तराने भूल आया हूँ. मेरी अब राह मत तकना कभी ए आसमां वालो, मैं इक चिड़िया की आँखों में, उड़ाने भूल आया हूँ."  
14- Himate-E-Raushani badh jati hai , Hum chirago ki in hawaon se, Koi to jaa ke bata de us ko, Chain badhta hai badduaon se.    
"हिम्मत ए रौशनी बढ़ जाती है, हम चिरागों की इन हवाओं से, कोई तो जा के बता दे उस को, चैन बढता है बद्दुआओं से."  
Best Love Shayari By Dr. Kumar Vishwas
15- Ajab hai kaayda Duniya-E-Ishq ka Maula Phool murjhaye tab us par nikhar aata hai  Ajeeb baat hai tabiyat khraab hai jab se Mujh ko tum pe kuchh jyaada pyar aata hai.  
"अजब है कायदा दुनिया ए इश्क का मौला फूल मुरझाये तब उस पर निखार आता है अजीब बात है तबियत ख़राब है जब से मुझ को तुम पे कुछ ज्यादा प्यार आता है. "  
dr kumar vishwas kavita
16- Tumhara khwab jaise gham ko apnane se darta hai Tumhari aankhn ka aanson khushi pane se darta hai Ajab hai lazzate gham bhi, jo mera dil abhi kal tak Tere jaane se darta tha wo ab aane se darta hai.  
"तुम्हारा ख़्वाब जैसे ग़म को अपनाने से डरता है हमारी आखँ का आँसूं , ख़ुशी पाने से डरता है अज़ब है लज़्ज़ते ग़म भी, जो मेरा दिल अभी कल तक़ तेरे जाने से डरता था वो अब आने से डरता है.  "  
Famous Kumar Vishwas Poetry, Shayari
17- Ek pahaare sa meri ungaliyon pe tahara hai Teri chuppi ka sabab kay hai ?  Ise hal kar de Ye fakat lafz hai to rok de rasta in ka Aur agar sach hai to phir baat muqmml kar de.  
"एक पहाडे सा मेरी उँगलियों पे ठहरा है तेरी चुप्पी का सबब क्या है? इसे हल कर दे ये फ़क़त लफ्ज़ हैं तो रोक दे रस्ता इन का और अगर सच है तो फिर बात मुकम्मल कर दे.  "  
इन्हें भी आप पढ़े:- 105+ Gulzar Quotes - Gulzar Shayari
18- Basti basti ghor udasi, Parvat parvat sunapan. Man heera bemol lut gaya,  Ghis ghs reeta man chandan. Is dharti se us ambar tak, Do hi cheez gajab ki hain. Ek to tera bholapan hain, Ek mera deewanapan.  
"बस्ती – बस्ती घोर उदासी, पर्वत – पर्वत सुनापन. मन हीरा बेमोल लुट गया,  घिस -घिस रीता मन चंदन. इस धरती से उस अम्बर तक,  दो ही चीज़ गजब की है.  एक तो तेरा भोलापन है, एक मेरा दीवानापन."  
kumar vishwas ki  kavita
19- Samdar peer ka andar hain, Lekin ro nahi sakta. Yah aansoo pyar ka moti hain, Isko kho nahi sakta. Meri chahat ko dulhan tu, Bana lena magar sun le. Jo mera ho nahi paya, Wo tera ho nahi sakta.  
"समंदर पीर का अन्दर है, लेकिन रो नहीं सकता यह आंसू प्यार का मोती है, इसको खो नहीं सकता. मेरी चाहत को दुल्हन तू, बना लेना मगर सुन ले. जो मेरा हो नहीं पाया, वो तेरा हो नहीं सकता."  
Kumar Vishwas Latest Shayari
20- Swayam se door ho tum bhi, swayam se door hain hum bhi. Bhaut mashhur ho tum bhi, Bahut mashur hai hum bhi. Bade magroor ho tum bhi,  Bade magroor hai hum bhi. Atha majbur ho tum bhi, Atha majbur hai hum bhi.  
"स्वयं से दूर हो तुम भी, स्वयं से दूर है हम भी बहुत मशहुर हो तुम भी, बहुत मशहुर है हम भी बड़े मगरूर हो तुम भी, बड़े मगरूर है हम भी अत: मजबुर हो तुम भी, अत : मजबुर है हम भी."  
All Shayari Of Dr. Kumar Vishwas In Hindi
21- Humare sher sunkar bhi jo khamosh itna hain, Khuda jaane guroor e husan main madhosh kitna hain. Kisi pyale se pucha hai surahi ne sbab may ka, Jo khud behosh ho wo kya bataye hosh kitna hain.  
"हमारे शेर सुनकर भी जो खामोश इतना है, खुदा जाने गुरुर ए हुस्न में मदहोश कितना है. किसी प्याले से पूछा है सुराही ने सबब मय का, जो खुद बेहोश हो वो क्या बताये होश कितना है.  "  
कुमार विश्वास शायरी इन हिंदी
22- Na paane ki khushi hain kuch, Na khone ka hi kuch gam hain. Ye daulat aur shoharat sirf, Kuch jakhmon ka marham hain. Azab si kashmkash hain, Roz jine, roz marne maine. Mukkamal zindgi to hain,  Magar puri se kuch kam hain.  
"ना पाने की खुशी है कुछ ना खोने का ही कुछ गम है. ये दौलत और शोहरत सिर्फ,  कुछ ज़ख्मों का मरहम है. अजब सी कशमकश है, रोज़ जीने, रोज़ मरने में. मुक्कमल ज़िन्दगी तो है, मगर पूरी से कुछ कम है. "  
Kumar Vishwas Shayari In Hindi
23- Is udaan par ab sharminda, Main bhi hoon aur tu bhi hain. Aasman se gira parinda, Main bhi hoon aur tu bhi hain. Chut gayi raste main, Jeene marne  ki sari kasme. Apne apne haal main zinda, Main bhi hoon aur tu bhi hain.  
"इस उड़ान पर अब शर्मिंदा में भी हूँ और तू भी है. आसमान से गिरा परिंदा, में भी हूँ  और तू भी है. छुट गयी रस्ते में,  जीने मरने की सारी कसमे. अपने-अपने हाल में जिंदा, में भी हूँ और तू भी है."  
Kumar Vishwas Shayari
24- Tumhare paas hoo.n lekin jo duri hai, Samjhta hun.Tumhaare bin meri hasti adhoori hai, Samjhta hun. Tumhe.n main bhool jaaungaa ye Mumkin hai nahi.n lekin. Tumhi ko bhoolna sabse jaroori hai Samjhta hun.   
"तुम्हारे पास हूँ लेकिन जो दूरी है, समझता हूँ. तुम्हारे बिन मेरी हस्ती अधूरी है, समझता हूँ. तुम्हें मैं भूल जाऊँगा ये मुमकिन है नहीं लेकिन. तुम्हीं को भूलना सबसे जरूरी है, समझता हूँ.  "  

Famous Kumar Vishwas Poetry, Shayari

25- Phalak pe bhor ki dulhan yoon saz ke aai hai, Ye din ugaa hai ya sooraj ke ghar sagaai hai, Abhi bhi aate hai aansoon meri kahani mein, Kalam mein shukrae-khuda hai ki Raushnaai hai .  
"फ़लक पे भोर की दुल्हन यूँ सज के आई है, ये दिन उगा है या सूरज के घर सगाई है, अभी भी आते हैं आँसू मेरी कहानी में, कलम में शुक्र-ए- खुदा है कि रौशनाई है."  
26- Kalam ko khoon mein khud ke dubota hoon to hungama, Gireban apna aansoon mein bhigota hoon to hungama, Nahin mujh par bhi jo khud ki khabar wo hai zamaane par, Main hansta hoon to hungama,  main rota hoon to hungama.  
"क़लम को खून में खुद के डुबोता हूँ तो हंगामा, गिरेबां अपना आँसू में भिगोता हूँ तो हंगामा. नहीं मुझ पर भी जो खुद की ख़बर वो है ज़माने पर, मैं हँसता हूँ तो हंगामा, मैं रोता हूँ तो हंगामा. "  
  Read More  
27- Bhramar koi kumudani par machal baitha to hungama Humare dil main koi khwab pal baitha to hungama Abhi tak doob kar sunte the sab kissa mohabbt ka Main kisse ko hakikat main badal baitha to hungama.   
"भ्रमर कोई कुमुदनी पर मचल बैठा तो हंगामा हमारे दिल में कोई ख्वाब पल बैठा तो हंगामा अभी तक डूब कर सुनते थे सब किस्सा मोहब्बत का मैं किस्से को हकीकत में बदल बैठा तो हंगामा."  
Kumar Vishwas Poetry Hindi
28- Wo jiska teer chupke se jigar ke paar hota hain Wo koi gaer kya apna hi ristedaar hota hain Kisi se apne dil ki baat tu kahna na bhule se  Yaha khat bhi thodi der main akhbaar hota hain.  
"वो जिसका तीर चुपके से जिगर के पार होता है वो कोई गैर क्या अपना ही रिश्तेदार होता है  किसी  से अपने दिल की बात तू कहना ना भूले से यहाँ ख़त भी थोड़ी देर में अखबार होता है."  
"कुमार विश्वास शायरी इन हिंदी"
29- Koi patthar ki murat hain, kisi patthr main murat hain Lo humne dekh lee duniya, jo itni khubsurat hain Zamana apni samjhe par, mujhe apni khabr yah hain Tujhe meri jarurat hain. mujhe teri jarurat hain.   
"कोई पत्थर की मूरत है, किसी पत्थर में मूरत है लो हमने देख ली दुनिया, जो इतनी खुबसूरत है  जमाना अपनी समझे पर, मुझे अपनी खबर यह है तुझे मेरी जरुरत है, मुझे तेरी जरुरत है. "  

30- Koi deewan kahta hain, koi pagal samjhta hain Magar dharti ki baicheni to, bas badal samjhta hain Main tumse dur kitna hun, tu mujhse dur kitni hain Ye tera dil samjhta hain, ya mera dil samjhta hain.  
"कोई दीवाना कहता है, कोई पागल समझता है मगर धरती की बैचेनी तो, बस बादल समझता है मैं तुमसे दूर कितना हु, तू मुझसे दूर कितनी है ये तेरा दिल समझता है, या मेरा दिल समझता है. "  
31- Hame maloom hai do dil judaai sah nahi,n sakte Magar rasme-wafa ye hai ki ye bhi kah nahi sakte Zara kuchh der tum un saahillon ki cheekh sun bhar lo Jo laharo.n mein to doobe hai, Magar sang bah nahi.n sakte.  
"हमें मालूम है दो दिल जुदाई सह नहीं सकते मगर रस्मे-वफ़ा ये है कि ये भी कह नहीं सकते जरा कुछ देर तुम उन साहिलों कि चीख सुन भर लो जो लहरों में तो डूबे हैं, मगर संग बह नहीं सकते."  
Kumar Vishwas Hindi Poetry
32- Usi ki taraha mujhe saara zamaana chaahe Wo mera hone se jyaada mujhe paana chaahe Meri palkon se fisal jaata hai chehara tera Ye musafir to koi thikana chaahe.   
"उसी की तरहा मुझे सारा ज़माना चाहे वो मेरा होने से ज्यादा मुझे पाना चाहे मेरी पलकों से फिसल जाता है चेहरा तेरा ये मुसाफिर तो कोई ठिकाना चाहे. "  
Famous Kumar Vishwas Poetry
33- Tum amar raag-mala bano to sahi, Ek paawan shiwala bano to sahi, Log padh lenge tum se sabak pyaar ka,Preet ki paathshaala bano to sahi.  
"तुम अमर राग-माला बनो तो सही, एक पावन शिवाला बनो तो सही, लोग पढ़ लेंगे तुम से सबक प्यार का, प्रीत की पाठशाला बनो तो सही."  
Famous Kumar Vishwas Poetry  in hindi

34- Badalne ko in aankhon ke manjar kam nahi badal, Tumhaari yaad ke mausam, humare gham nahin badle, Tum agale janm mein hum se milogi, tab to manogi, Zamaane aur sadi ki is badal mein hum nahin badale.   
"बदलने को तो इन आखोँ के मंज़र कम नहीं बदले, तुम्हारी याद के मौसम हमारे ग़म नहीं बदले, तुम अगले जन्म में हम से मिलोगी तब तो मानोगी, ज़माने और सदी की इस बदल में हम नहीं बदले."  
Famous Kumar Vishwas kaveeta in hindi
35- Mohabbat ek ahsaason ki pawan si kahani hain Kabhi Kabira deewana tha, kabhi Meera deewani hain Yaha sab log kahte hain, meri aankhon mein paani hain Jo tum samjho to moti hain, jo na samjho to paani hain.  
"मोहब्बत एक अहसासों की पावन सी कहानी है कभी कबीरा दीवाना था, कभी  मीरा दीवानी है यहाँ सब लोग कहते है, मेरी आँखों में पानी है जो तुम समझो तो मोती है, जो ना समझो तो पानी है. "  
All Shayari Of Dr. Kumar Vishwas In Hindi
36- Ye vo hi iraade hain, ye vo hi tabassum hai Har ek mohallat mein bas dard ka aalam hai Itni udaas baatein, itna udaas lahzaa Lagta hai ki tum ko bhi, hum sa hi koi gham hai.  
"ये वो ही इरादें हैं, ये वो ही तबस्सुम है हर एक मोहल्लत में, बस दर्द का आलम है इतनी उदास बातें, इतना उदास लहजा, लगता है की तुम को भी, हम सा ही कोई गम है।"  
Kumar Vishwas kaveeta in hindi
37–  
"तुम्हीं पे मरता है ये दिल अदावत क्यों नहीं करता, कई जन्मों से बंदी है बगावत क्यों नहीं करता, कभी तुमसे थी जो वो ही शिकायत है ज़माने से, मेरी तारीफ़ करता है मोहब्बत क्यों नहीं करता।"  
38–  
"मैं उसका हूँ वो इस एहसास से इनकार करती है, भरी महफ़िल में भी, रुसवा हर बार करती है, यकीं है सारी दुनिया को, खफा है हमसे वो लेकिन मुझे मालूम है फिर भी मुझी से प्यार करता है।"  

39–  
"दिल तो करता है ख़ैर करता है आप का ज़िक्र, ग़ैर करता है क्यूँ न मैं दिल से दूँ दुआ उस को. जबकि वो मुझ से बैर करता है आप तो हू-ब-हू वही हैं।  जो मेरे सपनों में सैर करता है इश्क़ क्यूँ आप से ये दिल मेरा मुझ से पूछे बग़ैर करता है, एक ज़र्रा दुआएँ माँ की ले आसमानों की सैर करता है।"  
Kumar Vishwas Latest Shayari 
40–  
"उन की ख़ैर-ओ-ख़बर नहीं मिलती  हम को ही ख़ास कर नहीं मिलती  शाएरी को नज़र नहीं मिलती  मुझ को तू ही अगर नहीं मिलती  रूह में दिल में जिस्म में दुनिया ढूँढता हूँ  मगर नहीं मिलती लोग कहते हैं रूह बिकती है मैं जिधर हूँ उधर नहीं मिलती।"  
41  
"तुम्ही पे मरता है ये दिल अदावत क्यों नहीं करता, कई जन्मो से बंदी है बगावत क्यों नहीं करता. कभी तुमसे थी जो वो ही शिकायत हे ज़माने से मेरी तारीफ़ करता है मोहब्बत क्यों नहीं करता।"  
42–  
"मिले हर जख्म को मुस्कान को सीना नहीं आया अमरता चाहते थे पर ज़हर पीना नहीं आया तुम्हारी और मेरी दस्ता में फर्क इतना है मुझे मरना नहीं आया तुम्हे जीना नहीं आया।"  
43–  
"मेरा अपना तजुर्बा है तुम्हे बतला रहा हूँ मैं कोई लब छू गया था तब के अब तक गा रहा हु मैं बिछुड़ के तुम से अब कैसे जिया जाए बिना तड़पे जो में खुद हे नहीं समझा वही समझा रहा हु मैं।"  
44–  
"नज़र में शोखिया लब पर मुहब्बत का तराना है, मेरी उम्मीद की जद़ में अभी सारा जमाना है, कई जीते है दिल के देश पर मालूम है मुझकों सिकन्दर हूं मुझे इक रोज खाली हाथ जाना है।"  
45–  
"मै तेरा ख्वाब जी लून पर लाचारी है, मेरा गुरूर मेरी ख्वाहिसों पे भरी है, सुबह के सुर्ख उजालों से तेरी मांग से मेरे सामने तो ये श्याह रात सारी है।"  
46–  Best Love Shayari By Dr. Kumar Vishwas 
"सब अपने दिल के राजा है, सबकी कोई रानी है, भले प्रकाशित हो न हो पर सबकी कोई कहानी है, बहुत सरल है किसने कितना दर्द सहा, जिसकी जितनी आँख हँसे है, उतनी पीर पुराणी है"  
47–  
"फिर मेरी याद आ रही होगी, फिर वो दीपक बुझा रही होगी, फिर मिरे फेसबुक पे आ कर वो ख़ुद को बैनर बना रही होगी, अपने बेटे का चूम कर माथा मुझ को टीका लगा रही होगी, फिर उसी ने उसे छुआ होगा, फिर उसी से निभा रही होगी जिस्म चादर सा बिछ गया होगा, रूह सिलवट हटा रही होगी फिर से इक रात कट गई होगी  फिर से इक रात आ रही होगी।"  
48–  
"सदा तो धूप के हाथों में ही परचम नहीं होता खुशी के घर में भी बोलों कभी क्या गम नहीं होता फ़क़त इक आदमी के वास्तें जग छोड़ने वालो फ़क़त उस आदमी से ये ज़माना कम नहीं होता।"  
49–  
"नज़र में शोखिया लब पर मुहब्बत का तराना है, मेरी उम्मीद की जद़ में अभी सारा जमाना है, कई जीते है दिल के देश पर मालूम है मुझकों सिकन्दर हूं मुझे इक रोज खाली हाथ जाना है"  
50–  Kumar Vishwas Latest Shayari 
"हमने दुःख के महासिंधु से सुख का मोती बीना है, और उदासी के पंजों से हँसने का सुख छीना है, मान और सम्मान हमें ये याद दिलाते है पल पल भीतर भीतर मरना है पर बाहर बाहर जीना है।"  
51  
"कोई मंजिल नहीं जंचती, सफर अच्छा नहीं लगता, अगर घर लौट भी आऊ तो घर अच्छा नहीं लगता, करूं कुछ भी मैं अब दुनिया को सब अच्छा ही लगता है, मुझे कुछ भी तुम्हारे बिन मगर अच्छा नहीं लगता"  
52–  
"वो जिसका तीरे छुपके से जिगर के पार होता है, वो कोई गैर क्या अपना ही रिश्तेदार होता है, किसी से अपने दिल की बात तू कहना ना भूले से यहां खत भी जरा सी देर में अखबार होता है"  
कुमार विश्वास शायरी इन हिंदी
53–  
"जवानी में कई ग़ज़लें अधूरी छूट जाती हैं, कई ख़्वाहिश तो दिल ही दिल में पूरी छूट जाती हैं, जुदाई में तो मैं उससे बराबर बात करता हूं, मुलाक़ातों में सब बातें अधूरी छूट जाती हैं"  
54–  
"जो मैं या तुम समझ लें वो इशारा कर लिया मैंने भरोसा बस तुम्हारा था तुम्हारा कर लिया मैंने लहर है हौसला है रब है हिम्मत है दुआएं हैं किनारा कर ने वालों से किनारा कर लिया मैंने "  
55–  
"मैं अपने गीत ग़ज़लों से उसे पैग़ाम करता हूं, उसी की दी हुई दौलत उसी के नाम करता हूं, हवा का काम है चलना दीये का काम है जलना वो अपना काम करती है मैं अपना काम करती हूं"  
56  
"किसी के दिल की मायूसी जहां से होके गुज़री है, हमारी सारी चालाकी वहीं पर खोके गुज़री है, तुम्हारी और मेरी रात में बस फ़र्क़ इतना है, तुम्हारी सोके गुज़री है हमारी रोके गुज़री है"  
57–  
"पुकारे आंख में चढ़कर तो ख़ूं तो ख़ूं समझता है, अंधेरा किसको कहते हैं ये बस जुगनू समझता है, हमें को चांद तारों में भी तेरा रूप दिखता है, मोहब्बत को नुमाइश को अदाएं तू समझता है"  
58–  
"मोहब्बत एक एहसासों की पावन सी कहानी है, कभी कबिरा दिवाना था कभी मीरा दिवानी है, यहां सब लोग कहते हैं मेरी आंखों में आंसू हैं, जो तू समझे तो मोती है जो ना समझे तो पानी है"  
Kumar Vishwas kaveeta
59–  
"इस अधूरी जवानी का क्या फ़ायदा, बिन कथानक कहानी का क्या फ़ायदा, जिसमें धुलकर नज़र भी न पावन बनी  आंख में ऐसे पानी का क्या फ़ायदा"  
Kumar Vishwas kaveeta shayari
60–  
"वक़्त के क्रूर छल का भरोसा नहीं, आज जी लो कल का भरोसा नहीं, दे रहे हैं वो अगले जनम की ख़बर जिनको अगले ही पल का भरोसा नहीं"  
61  
"ऋषि कश्यप की तपस्या ने तपाया है तुझे, ऋषि अगस्त्य ने हमभार बनाया है तुझे,  कवि ललदत् ने राबिया ने भी गाया है तुझे बाबा बर्फ़ानी ने दरबार बनाया है तुझे"  
62–  
"तेरी झीलों की मोहब्बत में है पागल बादल , मां के माथे पे दमकते हुए पावन आंचल, तेरी सरगोशी पे कुर्बान मेरा पूरा वतन मेरे कश्मीर मेरी जान मेरे प्यारे चमन"  
63–  
"तेरे गुलमर्ग पे सरताज ताज हार गया, तू वो जन्नत कि जहांगीर भी दिल हार गया, तुझसे मिलने जो गया वो तेरा होकर लौटाकाबुली वाला तेरी गलियों से होकर लौटा"  

64–  
"सूफ़ियों ने तुझे पैग़ाम-ए-हक़ सुनाया था, शंकराचार्य ने मंदिर वहीं बनाया था, आ गिले शिकवे करें दोनों मिलके आज दफ़न मेरे कश्मीर मेरी जान मेरे प्यारे चमन "  
65–  
"तेरे बेटों के संस्कृत के व्याकरण की क़सम, ख़ूबानी सेब जैसे मीठे आचरण की क़सम, तेरी क़ुरबानी में डूबी हुई सदियों की क़सम तेरे पर्वत से उतरती हुई नदियों की क़सम "  

दोस्तों आशा करता हूँ आप सभी को हमारे द्वारा किये गए प्रसिद्द हिन्दी कवि कुमार विश्वास की शायरी और कविताओं पर आधारित पोस्ट पसंद आई होगी. और आपने हमारे द्वारा संगेः किये गए डॉ कुमार विश्वास की चुनिन्दा चित्रों सहित शायरी और कविताओं को अपने दोस्तों में साझा किया होगा और कविताओं का भरपूर आनंद लिया होगा.  

Top Post Ad