देखे जावेद अख्तर के लिखे शायरी और गज़लों का संग्रह
जावेद अख्तर किसी भी परिचय के मोहताज़ नहीं जावेद अख्तर वो नाम हैं जिसे भारत ही नहीं देश विदेश में भी जाना जाता हैं. फिल्मों के गीतकार और पटकथा लेखक के रूप में साथ ही वो सामाजिक कार्यकर्त्ता के रूप में भी एक प्रसिद्ध हस्ती मानी जाती हैं. जावेद अख्तर जी का जन्म ग्वालियर में 17 जनवरी 1945 को में हुआ था।
बताते चले की जावेद साहब ने दो निकाह किया था और उनकी पहली बीबी से दो बच्चो का जन्म हुआ जिनका नाम फरहान अख्तर्, और दूसरी बेटी जोया अख्तर हैं.
जैसा की जावेद अख्तर ने अपने करियर को लेकर बॉलीवुड के सफ़र की शुरुवात बतौर डायलॉग राइटर के रूप में की और उसके बाद में वह स्क्रिप्ट राइटर और लिरिसिस्ट बन गए और सलीम खान के साथ मिलकर एक से बढ़ कर एक बॉलीवुड जगत के लिए कई बेहतरीन फिल्में बनायीं. जिसमे शोले, दीवार, जंजीर, त्रिशूल, दोस्ताना, काला पत्थर, मशाल, मेरी जंग और मि. इंडिया, सागर, जैसी फिल्में शामिल हैं. और उनको लगातार कामयाबी इसो तरह उन्हें मिलती गयी और बाद में उन्हें भारत सरकार ने सन् 2007 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया.
तो आईये आज इस ब्लॉग के माध्यम से पढ़ते हैं कुछ अख्तर साहब द्वारा लिखे ग़ज़ल की दो लाइन और साथ गुनगुनाते हैं. तो देर कैसी पढ़तें हैं आज की ये पोस्ट और शेयर करते हैं अपने दोस्तों को ये गज़लें
1 |
10 most memorable Hindi Shayari Collection
|
---|---|
तमन्ना फिर मचल जाए, अगर तुम मिलने आ जाओ यह मौसम ही बदल जाए, अगर तुम मिलने आ जाओ मुझे गम है कि मैने जिन्दगी में कुछ नहीं पाया ये गम दिल से निकल जाए, अगर तुम मिलने आ जाओ नहीं मिलते हो मुझसे तुम तो सब हमदर्द हैं मेरे ज़माना मुझसे जल जाए, अगर तुम मिलने आ जाओ ये दुनिया भर के झगड़े घर के किस्से काम की बातें बला हर एक टल जाए,अगर तुम मिलने आ जाओ |
2 |
जावेद अख्तर के लिखे 10 सबसे यादगार गाने
|
---|---|
जिधर जाते हैं सब जाना उधर अच्छा नहीं लगता
मुझे पामाल* रस्तों का सफ़र अच्छा नहीं लगता
ग़लत बातों को ख़ामोशी से सुनना, हामी भर लेना
बहुत हैं फ़ायदे इसमें मगर अच्छा नहीं लगता
मुझे दुश्मन से भी ख़ुद्दारी की उम्मीद रहती है
किसी का भी हो सर, क़दमों में सर अच्छा नहीं लगता
बुलंदी पर इन्हें मिट्टी की ख़ुशबू तक नहीं आती
ये वो शाखें हैं जिनको अब शजर* अच्छा नहीं लगता
ये क्यूँ बाक़ी रहे आतिश-ज़नों*, ये भी जला डालो
कि सब बेघर हों और मेरा हो घर, अच्छा नहीं लगता
|
3 |
Javed Akhtar Hindi Shayari Collection
|
---|---|
तुमको देखा तो ये ख़याल आया ज़िन्दगी धूप तुम घना साया आज फिर दिल ने एक तमन्ना की आज फिर दिल को हमने समझाया तुम चले जाओगे तो सोचेंगे हमने क्या खोया, हमने क्या पाया हम जिसे गुनगुना नहीं सकते वक़्त ने ऐसा गीत क्यूँ गाया
जावेद अख्तर की गज़ले
|
4 |
10 most memorable Hindi Shayari Collection
|
---|---|
प्यार मुझसे जो किया तुमने तो क्या पाओगी मेरे हालात की आंधी में बिखर जाओगी रंज और दर्द की बस्ती का मैं बाशिन्दा हूँ ये तो बस मैं हूँ के इस हाल में भी ज़िन्दा हूँ ख़्वाब क्यूँ देखूँ वो कल जिसपे मैं शर्मिन्दा हूँ मैं जो शर्मिन्दा हुआ तुम भी तो शरमाओगी क्यूं मेरे साथ कोई और परेशान रहे मेरी दुनिया है जो वीरान तो वीरान रहे ज़िन्दगी का ये सफ़र तुमको तो आसान रहे हमसफ़र मुझको बनाओगी तो पछताओगी एक मैं क्या अभी आयेंगे दीवाने कितने अभी गूंजेगे मुहब्बत के तराने कितने ज़िन्दगी तुमको सुनायेगी फ़साने कितने क्यूं समझती हो मुझे भूल नही पाओगी
Javed Akhtar Ki Ghazle
|
5 |
Javed Akhtar Hindi Shayari Collection
|
---|---|
आप भी आइए, हम को भी बुलाते रहिए दोस्ती ज़ुर्म नहीं, दोस्त बनाते रहिए ज़हर पी जाइए और बाँटिए अमृत सबको ज़ख्म भी खाइए और गीत भी गाते रहिए वक्त ने लूट लीं लोगों की तमन्नाएँ भी ख्वाब जो देखिए औरों को दिखाते रहिए शक्ल तो आपके भी ज़हन में होगी कोई कभी बन जाएगी तसवीर, बनाते रहिए
जावेद अख्तर की गज़ले
|
6 |
10 most memorable Hindi Shayari Collection
|
---|---|
यही हालात इब्तदा से रहे लोग हमसे ख़फ़ा-ख़फ़ा-से रहे बेवफ़ा तुम कभी न थे लेकिन ये भी सच है कि बेवफ़ा-से रहे इन चिराग़ों में तेल ही कम था क्यों गिला फिर हमें हवा से रहे |
7 |
10 most memorable Hindi Shayari Collection
|
---|---|
जाते जाते वो मुझे अच्छी निशानी दे गया उम्र भर दोहराएंगे ऐसी कहानी दे गया उस से मैं कुछ पा सकू ऐसी कहाँ उम्मीद थी ग़म भी शायद बराए मेहरबानी दे गया खैर मैं प्यासा रहा पर उसने इतना तो किया मेरी पलकों की कितरों को वो पानी दे गया
जावेद अख्तर की गज़ले
|
8 |
Javed Akhtar Hindi Shayari Collection
|
---|---|
दर्द अपनाता है पराए कौन कौन सुनता है और सुनाए कौन कौन दोहराए वो पुरानी बात ग़म अभी सोया है जगाए कौन वो जो अपने हैं क्या वो अपने हैं कौन दुख झेले आज़माए कौन
Javed Akhtar Ki Ghazle
|
9 |
Javed Akhtar Hindi Shayari Collection
|
---|---|
हम तो बचपन में भी अकेले थे सिर्फ़ दिल की गली में खेले थे एक तरफ़ मोर्चे थे पलकों के एक तरफ़ आँसूओं के रेले थे थीं सजी हसरतें दूकानों पर ज़िन्दगी के अजीब मेले थे आज ज़ेहन-ओ-दिल भूखों मरते हैं उन दिनों फ़ाके भी हमने झेले थे ख़ुदकुशी क्या ग़मों का हल बनती मौत के अपने भी सौ झमेले थे |
10 |
10 most memorable Hindi Shayari Collection
|
---|---|
आप भी आइए, हम को भी बुलाते रहिए दोस्ती ज़ुर्म नहीं, दोस्त बनाते रहिए ज़हर पी जाइए और बाँटिए अमृत सबको ज़ख्म भी खाइए और गीत भी गाते रहिए वक्त ने लूट लीं लोगों की तमन्नाएँ भी ख्वाब जो देखिए औरों को दिखाते रहिए शक्ल तो आपके भी ज़हन में होगी कोई कभी बन जाएगी तसवीर, बनाते रहिए
Javed Akhtar Ki Ghazle
|
इन्हे भी पढ़े: